गर्लफ्रेंड को मनाने वाली शायरी

हेल्लो फ्रेंड्स आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ गर्लफ्रेंड को मनाने वाली शायरी शेयर करने वाले है जिसको पढ़कर आपकी gf का दिल पूरी तरह से पिघल जायेगा और वो अपने गुस्से को दूर कर देगी.

दोस्तों इस पोस्ट में हम केवल आपके साथ बेस्ट शायरी ही शेयर करते है जो सीधा जाकर किसी के भी दिल को छू जायेगा. अगर आप ये शायरी को अपनी गर्लफ्रेंड के साथ शेयर करते हो तो वो मान भी जाएगी और आपसे और भी ज्यादा इम्प्रेस हो जाएगी.

तो फिर चलिए दोस्तों बिना कोई टाइम बर्बाद करते हुए सीधे इस पोस्ट की शुरुवात करते है.

गर्लफ्रेंड को मनाने वाली शायरी

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1
क्यों तुम इस तरह उदास बैठी हो
कि तुम मुझसे नाराज बैठी हो
मान भी जाओ ना अब तो मेरी जान
तुम क्यों मुझसे आज दूर दूर बैठी हो

2
बताओ तुम्हारे लिए मैं क्या करूं
बताओ तुम्हारे लिए मैं क्या ले आऊं
तुम मान जाओ जिससे और छोड़ दो अपना गुस्सा
बताओ मैं तुम्हारे लिए ऐसा क्या कर जाऊं

3
तुम नाराज हो जाती हो तो फिर मेरा कहीं भी दिल नहीं लगता फिर मेरा कोई काम करने को मन नहीं करता
तुम खुश रहा करो ना मेरी जान
तुम्हारे बिना मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता

4
तुझे रूठे मुझसे तो मेरी सांसे ना चले
तुझे बात ना करें मुझसे तो फिर मेरा दिल ना लगे
तू नाराज मत होया कर मुझसे
तेरे बिना मुझे कुछ भी अच्छा ना लगे

5
तुमको मनाने के लिए हम कुछ भी कर सकते हैं
तुम्हारे लिए हम कुछ भी कर सकते हैं
बस तुम इस तरह नाराज ना हुआ करो
वरना फिर हम अपनी जान भी दे सकते है

6
तुम्हारी नाराजगी मुझसे बर्दाश्त नहीं होती
तुम ही रहती हो मेरे दिल में कभी दिन तो कभी रात नहीं होती तेरी चाहत में खो चुका हूं मैं खुद को
फिर हमारे पास और हमें किसी और से बात नहीं होती

7
तू रहे मेरे पास तो फिर मुझे क्या काम है
तेरे बिना जिंदगी में न कोई हमारा हम सफर है
तुम ही तो रहती हो हमारे दिल में
वरना किसी और का हमारे दिल पर कहा बस है

8
एक तेरे ही संग जीने की ख्वाहिश है मेरी
एक तेरे संग ही चलने की ख्वाहिश है मेरी
तू ही रहे बस पास यही चाहता हूं
एक तुझे अपना बनाने की ख्वाहिश है मेरी

9
मोहब्बत तुमसे कुछ इस कदर है
चाहत तुमसे कुछ इस कदर है
तुम रूठ जाती हो तो फिर दिल नहीं लगता हमारा
हमें तुमसे प्यार कुछ इस कदर है

10
तेरी मोहब्बत जो हमें मिली तो फिर हम दीवाने हो गए
तेरी चाहत में हम कितने मस्ताने हो गए
तू ही रहा हमारे दिल में और
फिर हम कभी किसी और के ना हुए तू हमसे रूठ गया
तो फिर हम कभी भी खुश ना हुए

11
इस तरीके से मुझसे रूठा करो
इस तरीके से मुझसे ना दूर जाया करो
तुम्हारे बिना मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता
तुम मुझे इस तरह न सताया करो

12
अभी रात का यह जाम बाकी है
नशा अभी भी बचा है प्लीज तेरे लबों में हो प्यास बाकी है
क्यों बैठे हो नाराज जरा गले तो लग जाओ हमारे
अभी तो पूरी रात बाकी है

13
हम आपको मना ही लेंगे
हम आपको दिल में बसा ही लेंगे
कब तक नाराज रहोगे आखिर आप हमसे
हम आपको अपने दिल में बसा ही लेंगे

14
तेरी नाराजगी में अब इससे ज्यादा सह नहीं सकता
मैं तुझे अब इससे ज्यादा मना नहीं सकता
सब कुछ तो किया है मैंने तेरे लिए
हम नहीं से ज्यादा मोहब्बत दिखा नहीं सकता

15
चाहत तुमसे है वादा तुमसे है मोहब्बत तुमसे है
रूठना और मनाना भी तुमसे है
सारे वादे किए हैं मैंने तुमसे
गुस्सा दिखाने का हक भी तुमसे है
पर अब नाराज मत होना मेरी जान
तुम्हें मनाने का हक भी तुमसे है

16
तुम जब तक तो होगी मैं तुम्हें मना सकता हूं
मैं तुम्हें अपने सीने से लगा सकता हूं
तुम ही रहती हो मेरे दिल में
यह सब को बता सकता हूं
फिर किस बात की कमी है
तुम्हें मैं तुम्हें अपनी जान बुला सकता हूं

17
अब तुम इससे ज्यादा क्या नाराज रहोगी
तुम मुझसे अपना दूर रहोगी मेरे दिल में बसती हो
तुम इससे ज्यादा तुम मुझसे क्या कहोगी

18
अब मान भी जाओ ना इस तरह नाराज मत होना
तुम मेरे दिल की धड़कन हो मुझसे दूर ना जाओ ना
मैं तुम्हें मना लूंगा किसी भी करके
बस तुम थोड़ी देर रुक जाओ ना

19
तुम जब नहीं होती तो फिर मेरा कहीं भी दिल नहीं लगता
एक तेरे सिवा मुझे कोई अपना नहीं लगता
तू नाराज रहती है तो मेरी सांसे नहीं चल चलती
तेरे बिना मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता
भूख नहीं लगती प्यास नहीं लगता

20
तू ही रहती है दिल में हमेशा
तेरे बिना मैं क्या किसी और को चाहूंगा
मोहब्बत भी तुझसे ही है मुझे मैं तो सिर्फ तेरा होकर रह जाऊंगा फिर तुम्हें किस बात की फिक्र है
जब मैं हर बार सिर्फ तुम्हें ही दिल में बसा जाऊंगा

21
तेरी चाहत ने मुझे इस कदर दीवाना बना दिया
तेरे ख्वाब रहता है रात दिन मुझे पागल बना दिया
फिर तू क्यों रुठा है मुझसे
जब मैंने तुझे अपना हमसफर बना दिया

22
हमसफर हम दोनों ऐसे ही रहेंगे
दिल्लगी एक दूसरे से दोनों ऐसे ही करते रहेंगे
प्यार तो हमेशा ही रहेगा हमारे बीच
और हम दोनों एक दूसरे से ऐसे ही मोहब्बत करते रहेंगे

23
मोहब्बत हमेशा ऐसे ही होती रहेगी
यह दिल्लगी हमेशा ऐसे ही चलती रहेगी
तू किसी और के साथ खुश रहना
और यह हम किसी और के साथ ही खुश रहेंगे

24
तुम्हारी खुशी के लिए मैं सब कुछ कर सकता हूं
तुम्हारी खुशी के लिए मैं किसी से भी लड़ सकता हूं
तुम बस इस तरह नाराज ना हुआ करो मुझसे
तुम्हें मनाने के लिए मैं कुछ भी कर सकता

25
तुझे मनाने के लिए मैंने क्या नहीं किया
मैंने क्या दिन और रात एक नहीं किया
जो तूने चाहा वह मैंने तुझे लाकर दिया है
मोहब्बत में मैंने हर वह जाम पिया है
तुझे लगाया है हमेशा सीने से दर्द में
और मैंने दुख में रहकर भी तुझे खुश किया है

26
मेरी खुशी का उस दिन कोई ठिकाना नहीं रहता
जिस दिन तू मेरे पास नहीं रहता
मैं तो हमेशा मजाक करता रहता हूं तेरे से
पर तू हो जाता है अगर उदास
तो फिर मुझ में मेरा प्यार नहीं रहता

27
तुम मुझसे ऐसे कब तक नाराज बैठा रहेगा
तू मुझसे ऐसे कब तक दूर बैठा रहेगा
तेरे बिना देख कितना उदास हो गया हूं मैं
तू कब तक मुझसे बात नहीं करेगा
और कब तक ऐसे दूर बैठा रहेगा

28
अब मान भी जाओ ना अभी गुस्सा छोड़ भी दो ना
जिद बहुत कर ली है तुमने
अब वापस से मोहब्बत अपनी तरफ मोड़ दो ना
मैंने की है गलती मानता हूं मैं
चलो यह दिल के रिश्ते वापस जोड़ दो ना

29
तुम नाराज हो गई तो मैं तुम्हें लाख बार मना लूंगा
कैसे भी करके तुम्हें वापस दिल से लगा लूंगा
पर याद रखना मैं नाराज हुआ
तो तुम मना नहीं पाओगी
तुम तो छोड़कर जा नहीं सकती
पर मुझे तुम रोक नहीं पाओगे

30
तुम्हें तुम्हें हमेशा मनाता रहता हूं
अपनी दिल की बातें बताता रहता हूं
तुम ही रहती हो दिल में हमेशा
और तुमसे ही मोहब्बत करता रहता हूं

31
मोहब्बत इबादत इश्क इबादत सब तुमसे ही है
मेरी चाहत भी अब तुमसे ही है
मोहब्बत थी तुमसे करता हूं मैं
वही सच्ची इश्क इबादत भी तुमसे ही है

32
तेरे इश्क में हमने क्या किया नहीं किया
हमने क्या दिन को रात नहीं किया
हम हमेशा तो रहते हैं तेरे इंतजार में
और बता हमने तेरे लिए फिर क्यों नहीं किया

33
हर सफर में मेरा साथ दिया है
मैंने खुद से ज्यादा तुझे प्यार किया है
फिर तू क्यों रहता है मुझसे इस तरह उदास
जब मैंने हर पल तेरा इंतजार किया है

34
तुम मुझसे इस तरह उदास ना रहा कर
तू मुझसे इस तरह दूर ना रहा कर
तू ही रहता है मेरे दिल में हो
तुम मुझसे ऐसे रूठा ना किया कर

35
तू जब नाराज हो जाता है
तो फिर मेरा दिल कहीं और कहां लग पाता है
बस तेरा ही इंतजार में रहता हूं
और तुम मुझे पढ़ा मिल पाता है
तेरी नाराजगी बर्दाश्त नहीं होती मुझसे
जब तू किसी और के पास चला जाता है

36
अभी रूठना मनाना और कब तक चलता रहेगा
यह हंसना और हंसाना कब तक चलता रहेगा
मैंने बहुत मना लिया है तुम्हें मेरी जान अब मान भी जाओ आखिर मेरा यह दिल कब तक चलता रहेगा

37
रो-रो कर मैंने अपना बुरा हाल कर लिया है
तुम से देखो मैंने प्यार कर लिया है
तुम रूठ जाती हो मुझसे
तो फिर मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता
फिर देखो मैंने मोहब्बत में बवाल कर लिया है

38
मोहब्बत क्या चीज होती है इस रूठता है
और एक मनाता रहता है
एक हमेशा चुप रहता है एक बोलता रहता है
एक के लिए प्यार सब कुछ होता है
और दूसरा प्यार को गुस्से में अपनी जुबान से तोलता रहता है

39
मैंने इन सब कुछ कर के देख लिया
मुर्शीद मैंने उसे मना कर देख लिया
वह मानता ही कहां है मेरी बात
मैंने उसे समझा कर देख लिया
बस सो तो गुस्सा करता है मुझ पर
मैंने उसे हर तरह से मना कर देख लिया

40
और कितना मनाऊं मैं उसे
और कितनी मोहब्बत बताऊं मैं उसे
मैंने उसे अपने दिल में जगह दी है
और फिर क्या मैं मर जाऊं क्या उसे

41
अब इसके लिए मर जाएं क्या
अब उसके लिए क्या डर जाएं क्या
सब कुछ तो किया है उसे मनाने के लिए
अब मोहब्बत में अपनी हर हद से गुजर जाए क्या

42
उसे मनाने के लिए मैं अपनी हर हद से गुजर गया
उसे मनाने के लिए मैंने सब कुछ कर दिया
वह तो नाराज ही रही मुझसे मानी ही नहीं
मैंने उसे पाने के लिए क्या क्या कर दिया

43
हमेशा तो उसे पाना चाहता था मैं
मोहब्बत से निभाना चाहता था मैं
प्यार मैंने कितना किया है उससे
हर पल दिल से उसे लाना चाहता था मैं

44
उसे हमेशा दिल से लगाया है मैंने
मोहब्बत ने उसे है निभाया है मैंने
वही रहती है मेरे दिल में हमेशा
और उसे ही प्यार से बनाया है मैंने

45
हर वक्त मैं उसे प्यार से मनाता रहता हूं
मोहब्बत में उसे अपनी दिखाता रहता हूं
वह कहीं भी रहे किसी के भी साथ
में उसे बस प्यार करता रहता हूं

46
उससे मोहब्बत कितनी कर ली हमने
उसे चाहत और इसके बाद और कितनी कर ली हमने
वह हमेशा ही रहता है मेरे पास
और देखो फिर उसे वापस मोहब्बत कर ली हमने

47
उसे मनाने की हर मुमकिन कोशिश कर ली मैंने
उसके पास रहता दूर जाकर देख लिया मैंने
वह मानता ही नहीं मेरी बात हमेशा गुस्सा रहता है
उसे दिल से निकाल कर बसा कर के देख ली मैंने

48
अब मान भी जाओ ना इस तरह क्यों गुस्सा करती हो
कि तुम मुझसे खफा रहती हो
मोहब्बत तो तुम्हें भी बहुत है मुझसे
फिर क्यों यह इस तरह उदास रहती हो

49
इस तरह उदास ना रहा करो
इस तरह मुझसे दूर ना रहा करो
तुम्हारे चुप रहने से मेरी जान जाती है
तुम मुझसे नाराज ना रहा करो

50
तेरी नाराजगी मैं सह नहीं पाता
तुझसे ज्यादा दूर में रह नहीं पाता
तू ही तो एक मेरा अपना है
मैं तुझे भुला नहीं पाता
और कभी दिल से निकाल नहीं पाता

51
मैं आज के बाद तुमसे कुछ नहीं कहूंगा
मैं कभी सही को सही नहीं कहूंगा
जो तुम कहोगी वह मान लूंगा
मैं कभी तुम्हें गलत नहीं कहूंगा
तुम अब मुझसे नाराज ना रहो
वरना फिर मैं तुम्हें कभी नहीं मिलूंगा

52
देखो अब मान भी जाओ गुस्सा छोड़ भी दो
क्योंकि अगर मैं नाराज हो गया तो फिर तुम मुझे मना नहीं पाओगी देखती रह जाओगी
बस मुझे और फिर कभी अपने पास बुला नहीं पाओगी

53
जब मैं नाराज होता हूं तुम तो मुझे मनाती भी नहीं हो
थोड़ी देर रुक जाता हूं मैं तो अपने पास बुलाती भी नहीं हो
मैंने तुम्हें की है मनाने की कितनी मुमकिन कोशिश
तो मानती भी क्यों नहीं हो

54
अब मान भी जाओ ना
हम मोहब्बत पर भी लो ना
हमने की है तुमसे चाहत
तो थोड़ी तुम भी लो ना
हमने किया है तुमसे प्यार
फिर थोड़ा सा इंतजार कर भी लो ना

55
इंतजार मोहब्बत इबादत सब तो किया है मैंने
तुम्हारी खूबसूरती पर कितने शेर लिखे हैं मैंने
तुम तो कितनी खूबसूरत लगती हो मुझे
तुम्हारे सिवा किसी और से क्या मोहब्बत की है मैंने

56
तेरे सिवा इस दिल में कभी कोई आया नहीं
तेरे सिवा इस दिल में किसी को नहीं बसाया
नहीं यह तेरा ही चेहरा याद रहता है मुझे
हमेशा मैंने तुझे कभी नहीं बुलाया

57
मैं तुझे कभी भुला नहीं सकता
किसी और को कभी चाहा नहीं सकता
तू ही रहता है मेरे दिल में हमेशा
मैं तेरे अलावा किसी और को याद रख नहीं सकता

58
तेरे सिवा मुझे कोई याद ही नहीं रहता
मैं तुझे भूलता ही नहीं हूं और किसी का चेहरा याद ही नहीं रहता तू ही रहता है मेरे दिल में हमेशा
मुझे किसी और का ख्याल ही नहीं रहता

59
मोहब्बत में यह जहां मुझ पर हमेशा आएगा
मैंने तुम्हें कभी मना या नहीं यह कहा जाएगा
पर मैंने तुम्हें इतना तो मना लिया है और कितना मनाऊं
अब इससे ज्यादा तो फिर मेरा सब्र टूट जाएगा

60
हमें तुम्हें इससे ज्यादा मना नहीं सकता
इससे ज्यादा तुम्हें और मोहब्बत दिखा नहीं सकता
तुम ही रहती हो मेरे दिल में मानता हूं मैं
मैं तुम्हें ज्यादा चाह नहीं सकता तुम्हें ज्यादा अपना बना नहीं

61
हर तरह से तुम्हें मनाने की कोशिश कर ली मैंने
मोहब्बत में तुमसे इश्क इबादत कर ली मैंने
तुम ही रहती हो मेरे दिल में हमेशा जानता हूं मैं
और फिर देखो तुमसे इश्क और मोहब्बत में चाहत कर ली मैंने

62
अब तुम इसी तरह मेरे पास रहना
तुम कभी भी उदास मत रहना
मेरे दिल में बसती हो तुम हमेशा
तुम मुझे से आप कभी नाराज ना होना

63
तुम भी जानती हो मैं तुम्हारी नाराज भी सहन कर नहीं सकता
तुम्हारे अलावा किसी और से प्यार कर नहीं सकता
फिर तुम क्यों रहती हो इस तरह उदास
जब तुम जानती हो मैं तुम्हारे अलावा
किसी और को चाहा नहीं सकता

64
तुम्हारे अलावा मैंने किसी और को नजर भर देखा भी नहीं किसी और से मोहब्बत किया भी नहीं
तुमको ही चाहा है मैंने हमेशा और चाहता रहूंगा
तुम्हारे अलावा मैं किसी और को मनाया नहीं देखा नहीं

65
मैं किसी और से क्या मोहब्बत कर पाऊंगा
मैं किसी और से क्या मिल पाऊंगा
वह जहां भी रहे खुश रहे यही चाहता हूं मैं
मैं उसे अब क्या अपना बना पाऊंगा

66
बहुत तारीफ करती है वह मेरी
पर बातें भी नहीं मानती है
हर वक्त नाराज हो जाती है वह मुझे अपना नहीं मानती है
मैं मनाने की हर मुमकिन कोशिश करता हूं उसे
वह रूठ जाती है और फिर नहीं मानती है

67
क्यों बच्चों की तरह जिद कर रही हो
क्यों मुझसे इस तरह नाराज हो रही हो
तुम पर यह गुस्सा अच्छा नहीं लगता
फिर तुम क्यों आज उदास हो रही हो

68
कितनी भी नाराज रहो तुम मुझसे पर ज्यादा देर रह नहीं सकती मैं तुम्हें मना ही लूंगा तुम मुझसे दूर रह नहीं सकती
मैंने तुमसे मोहब्बत की है मेरी जान
तुम मुझसे अब ज्यादा देर गुस्सा नहीं रह सकते

69
अगर तुमने ज्यादा गुस्सा किया
तो फिर तुम्हें अपनी बाहों में भर लूंगा
अभी तो पूरी रात है सोचो मैं तुम्हारे साथ क्या-क्या कर लूंगा अब तुम ही सोच लो मान जाओ
वरना फिर मैं यह रात हसीन रात कर लूंगा

80
मोहब्बत में वह बात हो जाएगी
फिर हमारी वह मुलाकात हो जाएगी
कब तक नाराज रहोगी तुम मुझसे ऐसे ही
गले से लग जाओगी और फिर कहोगी कि वही बात हो जाएगी

81
जिस बात का डर था वही हो गया
मोहब्बत में कुछ ऐसा असर हो गया हो गया
मेरे दिल में वह निकल ही ना पाया
उससे मुझे इस तरह प्यार हो गया

82
मैंने उसे इतना प्यार किया
मैंने उसे इतना प्यार दिया
मैंने उससे इतना मोहब्बत की
उसका इतना इंतजार किया
वहीं रहा मेरे दिल में हमेशा
मैंने उसे ख्वाबों में भी चाहा है
और हमेशा प्यार किया

83
मान भी जाओ ना मुझसे इस तरह दूर ना रहो ना
क्यों रूठ जाती हो मुझसे तुम हर बार
तभी तो तुम भी दिल लगा हूं ना
मैंने हमेशा किया है तुमसे प्यार मेरी जान
तुम भी तो कभी मुझे अपना बना ओ ना

84
मोहब्बत में तुम भी मुझे जन्नत दिखाओ ना
कभी कभी मैं मनाता हूं तुम्हें
कभी कभी तुम भी मुझे मनाऊ ना
क्या हर बार में ही करता रहूंगा तुमसे इश्क का इजहार
अभी तो तुम भी मेरे पास आओ ना

85
इस तरह मुझसे दूर ना जाओ ना
इस तरह मुझे छोड़कर ना जाओ ना
क्यों नाराज बैठी हो तुम मुझसे आ जाओ ना
लौट कर मेरे पास आओ और फिर से गले लग जाऊं ना

86
मैं तुम्हें पहले की तरह मना लूंगा
मैं तुम्हें पहले की तरह अपने पास बुला लूंगा
नाराज ना हुआ करो मुझसे इस तरह
वरना फिर मैं मर जाऊंगा

87
तेरी नाराजगी ही मुझसे बर्दाश्त नहीं होती
कोई कितना भी कहले कुछ भी मुझसे यह बर्दाश्त नहीं होती एक तू ही तो रहता है मेरे पास हमेशा
तेरे सिवा मेरी किसी से मुलाकात नहीं होती

88
तू अब मुझसे नाराज ना रहा कर
तू अभी सारा उदास ना रहा कर
मैं तुझे मनाने की हर कोशिश करूंगा
बस तू इस तरह मुझसे दूर ना राह कर

89
आखिर मेरी गलती क्या हुई है
मुझे बता तो दो मैंने क्या गुनाह कर दिया है
मुझे दिखा तो दो तुम क्यों इस तरह नाराज बैठी हो मुझसे
मुझे जरा उसका कारण बता तो दो

90
इस नाराजगी का क्या कारण है क्या है
हमसे दूर जाने का क्या कारण है क्या है
मोहब्बत हमने तुमसे इतनी कि
फिर यह हमें पास बुलाने का कारण क्या है
तुम्हारी चाहत में सब कुछ तो किया हमने
फिर हमसे तुम्हें क्या शिकायत है

91
शिकायत हमसे ना किया करो हमें सीधा गले से लगाया करो तुम जब रूठ जाती हो तो अच्छी लगती हो
जरा थोड़ा सा रो भी दिया करो
मैं तुम्हें मनाना चाहता हूं हमेशा
तुम मुझसे ऐसे ही नाराज रहा करो

92
मैं तुम्हें हमेशा मना लूंगा
अपने दिल में तुम्हें तुम्हारी जगह हमेशा दिखा दूंगा
तुम भी याद करोगी मिला था कैसा लड़का तुम्हें
मैं तुम्हें हर बार माफ कर सर दिल से लगा लूंगा

93
मैंने तुम्हें हर बार माफ किया है
गलती इस बार मुझसे हो गई है तुम भी मुझे माफ कर दो ना
तुमने भी तो किया है मुझसे प्यार फिर
इस बार तुम मुझे गले से लगा लो ना

94
मोहब्बत थोड़ी सी तुम भी दिखा दो ना
नहीं आता हूं हर बार तुम्हारे पास इस बार तुम भी मुझे मना लो मैं तो मनाती ही रहती हूं तुम्हें हमेशा
इस बार तुम भी थोड़ी मोहब्बत दिखा दो ना

95
हम आपको इस बार कुछ अलग तरह से मनाएंगे
आपको भी हम अपने दिल में बस आएंगे
आप ही रहती हो हमारी जान बन रहा हमेशा
हम आपके बिना फिर कहां जी पाएंगे

96
मुझे तुम्हारे बिना कुछ नहीं आता
मुझे तुम्हारे बिना जीना नहीं आता
फिर तुम ही रहती हो मुझे हमेशा मेरे दिल में
मुझे मरना नहीं आता फिर कुछ करना नहीं आता

97
मोहब्बत में मैंने कभी भी तेरा मेरा नहीं किया
मैंने तो अभी भी उससे झगड़ा नहीं किया
वह हमेशा रही मेरे दिल में
मैंने उसे कभी उदास नहीं किया
और रूठी है तो मनाया है मैंने उसे
मैंने उसे कभी दिल से दूर नहीं किया

98
उसकी मोहब्बत की क्या तारीफ करूं
उसे दिल में बसाकर अपने पास बुला लूंगा मैं
वही रहती है हमेशा मेरे दिल में
वह कितनी भी बार रुठे हर बार मना लूंगा मैं

99
जितनी दफा मुझसे नाराज हो जाती है
वह उतनी ही दफा मान भी जाती है
वही रहती है मेरे दिल में हमेशा
और वह ही मुझे हर बार सताती है

100
मोहब्बत से ही है मुझे और वह भी मुझे हर बार दिखाती है नाराज हो होकर मुझसे खुद को मनवाना चाहती है
मैं भी उसे हमेशा प्यार से मनाता हूं
वह भी मुझे गले लगाना चाहती है

101
अब जरा तुम मान भी जाओ ना
थोड़ा सा तुम भी तो सब्र दिखाओ ना
बताओ और क्या करूं मैं तुम्हारे लिए
आओ फिर से मेरे गले लग जाओ ना

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तो दोस्तों ये था गर्लफ्रेंड को मनाने की शायरी, हम उम्मीद करते है की आपको ये सभी शायरी अच्छी लगी होगी. अगर आपको हमारी ये पोस्ट अच्छी लगी तो पोस्ट को १ लाइक जरुर करे और शेयर भी जरुर करे.

इसके अलावा अगर आपके पास और कोई मस्त शायरी है तो उसको हमारे साथ कमेंट में शेयर करे धन्येवाद.

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