बुद्धिमान खरगोश की कहानी | Rabbit and The Lion Story in Hindi

आज की यह कहानी एक बुद्धिमान खरगोश और शेर की कहानी है जिसको पढ़कर आप लोगों को बहुत ही मजा आएगा और एक बहुत ही बढ़िया सीख मिलेगी जिसको आपको अपने जीवन में हमेशा उपयोग करना चाहिए.

इसलिए आप इस कहानी को पूरा जरूर पढ़ें और हमें पूरा विश्वास है कि आप लोगों को बहुत अच्छी लगी. चलिए दोस्तों आज की कहानी शुरू करते हैं.

बुद्धिमान खरगोश की कहानी

Budhiman Khargosh Ki Kahani

एक जंगल में शेर रहता था. वह अपनी भूख मिटाने के लिए हर रोज किसी जानवर को खा जाता था. उसके इस व्यवहार से जंगल के सभी दूसरे प्राणी और जीव-जंतु बहुत ज्यादा परेशान और दुखी रहते थे.

एक दिन सभी जानवर इकट्ठा हो गए और उन्होंने एक निर्णय लिया कि हर रोज शेर को एक जानवर पहुंचा दिया जाएगा. और उसके बाद जंगल के सभी जानवर शेर के पास चले गए और कहा कि तुम 1 दिन में अधिक जानवरों का शिकार करना बंद कर दो और हमारे में से ही कोई ना कोई एक जानवर तुम्हारे पास खुद भोजन बनने के लिए आ जाएगा.

शेर को सभी जानवरों की बात ठीक लगी और उसने उनकी बातें मान ली और उस दिन के बाद से शेर के पास हर दिन कोई ना कोई जानवर खुद उसका शिकार बनने के लिए शेर तक पहुंच जाता था.

इस प्रकार हर रोज कोई ना कोई जानवर शेर के पास चला जाता था और फिर एक दिन एक खरगोश की बारी आई. खरगोश धीरे-धीरे शेर के पास जाने लगा. रास्ते में खरगोश को एक कुआं दिखाई दिया.

खरगोश ने कुएं में झांका तो उसको अपनी परछाई दिखाई दी. खरगोश बहुत ही बुद्धिमान और चालाक था. कुएं में अपनी परछाई को देखकर खरगोश के दिमाग में एक तरकीब आई. वह धीरे-धीरे शेर के पास बहुत देरी से पहुंचा.

यह देखकर शेर को बहुत ज्यादा गुस्सा आया था क्योंकि उसको बहुत जोर की भूख लगी हुई थी और वह बहुत देर से किसी जानवर का इंतजार कर रहा था. उसने गुस्से में खरगोश से पूछा कि तुम इतनी देर से क्यों आ रहे हो मुझको बहुत जोर की भूख लगी है और मुझसे रहा नहीं जा रहा है.

खरगोश ने बड़े धीमी आवाज से कहा कि इसमें मेरा कोई दोष नहीं है, मैं जब आपके पास आ रहा था तो रास्ते में मुझको किसी दूसरे शेर ने रोक दिया. और मैं बड़ी मुश्किल से उसे अपना पीछा छुड़ा कर आपके पास आया हूं.

यह बात सुनकर शेर को अच्छा नहीं लगा और उसका गुस्सा और भी ज्यादा बढ़ गया और उसने खरगोश से कहा कि मुझको उससे शेर के पास लेकर चलो. शेर ने कहा कि पहले मैं उसका शिकार करूंगा और उसको मार डालूंगा.

यह मेरा जंगल है और यहां पर केवल मैं ही राज करूंगा और कोई दूसरा शेर मेरी जगह नहीं ले सकता. इसके बाद खरगोश शेर को लेकर उस कुएं के पास आ गया. जैसे ही शेर ने कुएं में झांक कर देखा तब उसे अपनी परछाई देखी जिसको वह दूसरा शेर समझ रहा था.

शेर पहले से ही बहुत ज्यादा गुस्से में था और जब उसने कुएं के अंदर दूसरे शेर को देखा जबकि वह उसकी खुद की परछाई थी लेकिन शेर को लग रहा था कि यह कोई दूसरा शेर है.

उसने तुरंत ही कुएं में छलांग लगा दी जिसकी वजह से वह शेर डूब कर मर गया. और इस प्रकार बुद्धिमान खरगोश ने अपनी जान बचाई और वहां से खुशी-खुशी फिर से जंगल चला गया और यह खुशखबरी उसने सभी जानवरों को दी जिसकी वजह से सभी जानवर बहुत खुश हो गए और उन्होंने उस दिन बहुत धूमधाम से पार्टी करी.

शिक्षा – दोस्तों इस कहानी से हम लोगों को यह सीख मिलती है कि यदि हम अपने दिमाग को अच्छी तरीके से इस्तेमाल करेंगे तो हम कठिन परिस्थितियों से भी बहुत आसानी से बाहर निकल सकते हैं केवल हमको अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करना होता है जिस तरीके से इस कहानी में बुद्धिमान खरगोश ने किया और अपनी जान को शेर से बचा लिया.

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निष्कर्ष:

दोस्तों यह था बुद्धिमान खरगोश की कहानी है, हम उम्मीद करते हैं कि आज का कार्य आप लोगों को जरूर पसंद आई होगी और आप लोगों को पता चल गया होगा कि बुद्धिबल सर्वश्रेष्ठ होता है.

यदि आप लोगों को यह स्टोरी पसंद आई हो तो इस स्टोरी को अपने दोस्तों के साथ और घर परिवार वालों के साथ जरुर शेयर करें और ऐसे ही अन्य हिंदी कहानियां और आर्टिकल पढ़ने के लिए नियमित रूप से हमारे ब्लॉग पर आया करें.

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