खूबसूरती की तारीफ शायरी

हेल्लो दोस्तों आज के इस पोस्ट में हम आपके साथ खूबसूरती की तारीफ शायरी शेयर करने वाले है जिसको आप किसी भी लड़के, लड़की, पति या पत्नी को भेजकर उनको इम्प्रेस कर सकते हो.

ये सभी शायरी बहुत ही अच्छी है और इसको पढ़ते ही सामने वाला आपसे बहुत ही ज्यादा इम्प्रेस हो जायेगा. आप ये खूबसूरती शायरी को अपने बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड के साथ भी शेयर कर सकते हो ताकि वो आपसे और भी ज्यादा प्यार करने लगे.

तो फिर चलिए दोस्तों बिना कोई टाइम बर्बाद करते हुए सीधे इस पोस्ट को स्टार्ट करते है.

खूबसूरती की तारीफ शायरी

khubsurati ki tareef shayari

1
उसी खूबसूरती की तारीफ करने के लिए
मेरे पास अल्फाज कम पड़ जाते हैं
वह इतनी खूबसूरत है कि
मेरी शायरी में लिखे हुए लफ्ज़ कम पड़ जाते हैं
मैं उसे हमेशा देखता हूं प्यार भरी निगाहों से
उसे देखते रहने से मेरे दिल के चैन खो जाते हैं

2
वह इतनी खूबसूरत लगती है
परियों से भी ज्यादा अच्छी लगती है
उसका रूप ऐसा है मानो
जैसे वह दूध में मलाई लगती है।।

3
जब वह घर से बाहर निकलती है
जब वह पैरों में पायल पहनती है
उसका झुमका भी करता है हवा से बातें
जब वह घूमने घर से बाहर निकलती है

4
उसकी हर अदा पर मेरा दिल आ जाता है
जितनी भी मुझसे दूर जाने की कोशिश करें
मोहब्बत बढ़ती जाती है और वह मेरे पास आ जाता है

5
जब भी वह मेरे करीब बैठती है
मैं उसे हमेशा प्यार की नजर से देखता हूं
उसे देखे बिना मेरा दिल नहीं लगता
मैं उसे अपनी जान से ज्यादा समझता हूं

6
मैंने उसे अपना माना है मैंने उसे अपने दिल में जगह दी है उसकी खूबसूरती की क्या तारीफ करूं मैं
उसने तो अप्सराओं को भी मात दी है

7
वह तो कोई जन्नत की हूर और पर ही लगती है
वो मुझे अपनी जान लगती है
मेरी जां कहता हूं मै उसे
और वो मुझे हर लिबाज़ मै खूबसूरत लगती हैं

9
उसकी आंखें इतनी सुंदर है मैं हमेशा उन में खोया रहता हूं मैं उसकी तारीफ हमेशा करता हूं और उसकी जुल्फों में बैठा रहता हूं

10
मैंने उसे कहा है जो कि तुम बाहर जाया करो
अपनी फिक्र किया करो और नजर का टीका लगाया करो
तुम इतनी खूबसूरत लगती है उसमें कोई तुम्हें देख ना ले इसीलिए तुम हमेशा सबसे बचकर जाया करो।।

11
उसकी खूबसूरती की क्या मिसाल दूं मैं
उसके जैसा मैंने आज तक कोई नहीं देखा
वही लगी है मुझे सबसे अच्छी
मैंने उसके जैसा कोई और दूसरा नहीं दिख रहा

12
उसकी जुल्फों में खो जाता हूं मैं
सिर्फ उसका होकर रह जाता हूं मैं
हमेशा देखता हूं उसे प्यार की नजर से में
और बस उसकी बातें सुनता जाता हूं

13
वो जब भी बाहर जाती है
सारा शहर उसे देखता है
कसूर उसका नहीं है
वो है ही इतनी खूबसूरत
हर कोई उसकी रहा देखता है

14
निगाहें उठे तो कत्लेआम करती है
दिल में उठता है कोई तूफान
और वह मुझे अपने नाम करती है
फिर मैं देखता रहता हूं उसे
वो निगाहों से मुझे घायल करती है

15
आंखो में उनकी डूब जाने को दिल चाहता है
वह पास रहे बस यही दिल चाहता है
दिल करता है उसकी तारीफ
और दिल सिर्फ और सिर्फ उसे ही चाहता है

16
उसके जैसा कोई दूसरा हो नहीं सकता
उसके जैसा कोई दूसरा बन नहीं सकता
उसकी क्या तारीफ करूं मैं
मैंने उसे देख रहा है अपने ख्वाबों में
उससे ज्यादा मेरा कोई हमदर्द हो नहीं सकता

17
उसकी खूबसूरती भी इतने नजारे है
दिखा दो मुस्कुरा लो तो चांद भी शरमा जाता है
उसकी निगाहों में वह कशिश अलग है
हर कोई उसकी तरफ चला आता है

18
मैं उसे अपनी जान माना था
और मैं उसे अपनी जान मानता हूं
उसकी खूबसूरती की तारीफ करता हूं हमेशा
मैं उसे अपने दिल की धड़कन मानता हूं

19
हर कोई उसे देखता है
कसूर किसी का नहीं
क्युकी वो खूबसूरत
ही इतना लगता है।।

20
उसके पीछे तो सारा शहर पागल होता है
जब भी निकलती है बहार सब उसे देखने लगते हैं
पर वह जान सिर्फ मेरी है
और उसकी खूबसूरती के चर्चे हर और होने लगते हैं

21
चर्चे सारे शहर में हो जाते हैं
उसकी खूबसूरती कुछ ऐसी है कि
हर कोई उस में पिघल जाता है
कोई कुछ भी कह दे उसको उसे फर्क नहीं पड़ता
उसी खूबसूरती के आगे सब फेल हो जाता है

22
मैंने उससे ज्यादा कभी कोई खूबसूरत नहीं देखा
मैंने उससे ज्यादा कभी कोई अच्छा नहीं देखा
उसकी निगाहों में तो बात ही अलग है
मैंने उसके जैसा कभी कोई हुस्न नहीं देखा

23
पहली बार में ही नहीं उसकी निगाहों में खो गया था
जब मैंने उसे देख रहा था पहली बार
मुझे उसी वक्त से प्यार हो गया था
उसकी खूबसूरती ऐसी थी दिल ही नहीं किया
मैंने उसे नजर नहीं हटाई
और फिर हम दोनों का दिल एक हो गया था

24
वो हमेशा चाहती है मैं उसकी तारीफ नहीं करता
पर मैं हमेशा उसकी तारीफ किया करता हूं
उसकी आंखें ऐसी है जैसे कोई सागर की झील है
और उसकी हर अदा दिल पर जैसे कोई तीर है

25
मैंने उसे हमेशा दिल के सबसे करीब समझा है
मैंने उसकी खूबसूरती की तारीफ तो की है
मगर मैंने उसे अपनी जान समझा है
और जब हंसती है तो लगता है ऐसा
जैसे मैंने अपने दिल की उसे कोई धड़कन समझा है

26
उसकी एक मुस्कान से मेरा दिल बन जाता है
वो होती है मेरे पास तो मुझे फिर सब अपना सा लग जाता है
मैं बस उसे चाहता हूं और वह मुझे चाहती रहे
बस इसी बात से मेरा और उसका दिल लग जाता

27
हर तरफ उसके चर्चे होते हैं
हर तरफ उसकी हुस्न के कशीदे पढ़े जाते हैं
पर एक मैं हूं यह सिर्फ उसके पास रहना चाहता हूं
और उसकी तारीफ करते नहीं थकते
लिखता हूं तो अल्फ़ाज़ कम पड़ जाते है

28
उसकी तारीफ तो मैं हमेशा ही करता था
पर जब मैंने उसे पहली बार देखा था
मैं उसी पर तुझसे प्यार करने लगा था
पता नहीं जाने कौन सी कशिश थी उसके अंदर
की उसे मन ही मन चाहने लगा था

29
मैं क्या करता हूं मैं किसी को नहीं बताता
पर जब उसके सामने जाता हूं खो जाता हूं
उसकी कानों मै पहनी हुई बाली भी मुझे इतनी अच्छी लगती है मैं उसे देखता रहता हूं और बस उसका हो जाता हूं

30
कोई भी उसका हो सकता है
क्योंकि वह है ही इतनी खूबसूरत
कुसूर उसका भी नहीं
वो है ही कोई जन्नत।।

31
जब वो नहा कर आती है
जब वह मेरे ऊपर बालों को झटकथी है
मैं देखता रहता हूं उसके गीले बालों को
फिर मुझसे हाथ छुड़ा कर भाग जाती हो

32
मैंने उसे हमेशा से चाहा है
मैंने उसे हमेशा से दिल लगाया है
उसकी खूबसूरती तो लाखों में एक है
मगर उसने फिर भी मुझे चाहा है

33
मैं उसी क्या अपना बना पाऊंगा
उसकी तो बहुत सारे आशिक है
मैं उसे क्या अच्छा लग पाऊंगा
उसकी खूबसूरती की तारीफ करना
हर किसी के बस की बात नहीं है
लफज कम पड़ जाते हैं
मैं क्या उसकी तारीफ कर पाऊंगा

34
तारीफ़ में हमेशा उसकी करता था
इबादत और हमेशा मस्ती करता था
मैं सिर्फ उसे ही चाहता था
और मैं सिर्फ उसी से मोहब्बत करता था

35
खूबसूरती की तारीफ तो हम कर नहीं सकते
खुदा ने उसे इतनी फुर्सत से बनाया है
हम उसे ज्यादा देर देख नहीं सकते
क्योंकि फिर मोहब्बत हो जाती है उनसे
और फिर हम उनके बिना रह नहीं सकते

36
उसकी मुस्कुराहट ऐसी है कि दिल को छलनी कर जाती है उसकी जुल्फें ऐसी है कहर बरसाती हैं
आंखों की क्या बात करूं मैं उसकी
समंदर भी उसके सामने फीके पड़ जाते हैं

37
हमने हमेशा उसे इस तरह चाहा है
हमने हमेशा उसे इस कदर माना है
जिंदगी तो दे ही चुके हैं हम उसे
हमने उसे अपनी जान से ज्यादा माना है

38
वह खूबसूरत है यह में जानता हूं
मैं उसकी हर एक अदा को पहचानता हूं
उसकी अदाओं ने इतनी कातिल होती हैं
मैं उन से वाकिफ हूं और उसे जानता हूं

39
इस तरह नैनों से ना बाण चलाया करो
हम को इस तरह ना सताया करो
अगर मोहब्बत करनी है तो इजहार करो
हमें यू मत तड़पाया करो

40
हमने तुमसे मोहब्बत की
तुम्हें अपना मान लिया है
तूने चाहा है पूरे दिल से
और तुम्हें अपना सनम मान लिया है

41
तेरे हुस्न के चर्चे तो हर और होते हैं
उनमें कोई अपना नहीं होता
सब तेरे ही लिखी हुई जज्बात होते हैं
मैंने तेरे बारे में बहुत कुछ लिखा है तू क्या जानती है
सिर्फ उनमें में तेरा ही ख्वाब होते हैं

42
हम किसी से क्या उसके बारे में कह आते हैं
ज्यादा से ज्यादा उसे अच्छा बता पाते हैं
उसकी खूबसूरती की तारीफ
तो कोई नहीं कर सकता इस दुनिया में
क्योंकि वह है ऐसी कि लफ्ज़ भी कम पड़ जाते हैं

43
मैं जब भी उसे कुछ कहता हूं वह बुरा मान जाती है
वह कहती है मैं तारीफ नहीं करता वह बुरा मान जाती है
अब मै उसकी क्या तारीफ करूं
जिसे खुदा ने इतनी नजाकत से बनाया है
उसकी हर अदा पर दिल आ जाता है मेरा
उसे इतना खूबसूरत बनाया है

44
जिंदगी यूं ही नहीं मिल जाती है किसी को
पर मुझे बोल रही थी जब मैंने देखा था उसकी आंखों में
मानो मेरी पूरी दुनिया हिल गई थी

45
सफर हम दोनों कुछ इस कदर को काट रहे हैं
उसके बिना हम जिंदगी काट रहे हैं
हमने उसे देखा है किसी दूसरे के साथ
पर देखो हम उसे अपनी दुनिया मान रहे हैं

46
कुछ अलग नहीं हुआ कुछ नया नहीं हुआ
हम उसे देखते रहे और फिर देखो यह मौसम जमा नहीं हुआ मैंने उसी खूबसूरती की तारीफ की
फिर भी उसे अपने आप पर घमंड नहीं हुआ

47
मैंने उसे इतना करीब से देख रहा है
मैं उसे छोड़कर जा नहीं सकता
मैंने उसकी हर अदा की तारीफ की है
मैं उसे भुला नहीं सकता

48
कैसे लिखूंगा मैं उसकी खूबसूरती को
मेरे पास तो अल्फाज भी कम पड़ जाते हैं
वह मेरे दिल में रहती है मैं कैसे बताऊं लोगों को
उसके बिना मेरी जिंदगी अधूरी रह जाती

49
उसकी खूबसूरती कुछ ऐसी है जैसे नदी में पानी बहता है
हमेशा वह एक जैसी ही रहती है
जैसे कोई मौसम बेमौसम चलता है

50
वह कुछ ज्यादा नहीं करती
वह सादा लिबास पहनना पसंद करती है
पर उसमें भी वह कमाल की खूबसूरत लगती है
जब वह खुले बालों में घर से बाहर निकलती है

51
मैं उसे हमेशा कहता हूं
खुले बाल करके घर से बाहर न जाया करो
नजर लग जाएगी तुम्हें
तुम थोड़ी बहुत अपने आप की भी फिक्र किया करो

52
हर तरफ सिर्फ उसका ही साया है
मुझे हर वक्त सिर्फ वही याद आया है
उसके बिना मैं किसी को अपना नहीं मानता
एक वही है जो मुझे भाया है

53
हमें उसके बारे में क्या लिखते हैं
उसकी हर अदा की तारीफ़ में कर नहीं सकता
वह पायल भी पहनती है तो लगता है ऐसा
जैसे कोई बादल बिना गरजे बरस नहीं सकता

54
मैं अपनी जिंदगी से समझता हूं
मैं अपनी जान से समझता हूं
तारीफ़ करता हूं मेरे दिल में हमेशा मैं उसकी
और उसे अपने दिल की धड़कन समझता हूं

55
आज जब मैंने उसे देखा तो मैं उसे देखता ही रह गया
क्योंकि वह हर दिन और भी ज्यादा खूबसूरत लगती है
में उसे देखता हूं मेरा मन नहीं भरता
वह मुझे हर दफा उतनी ही ज्यादा अच्छी और प्यारी लगती

56
दिल करता है उसे अपने पास रखो और कहीं जाने ना दूं
वह मुझे इतनी अच्छी लगती है
उसकी हर अदा में कोई जादू सा है
वह मुझे अपने पास रहती है तो और भी ज्यादा प्यारी लगती है

57
जिंदगी कुछ इस कदर कट जाएगी
उनके बिना हमारी रातें भी टूट जाएंगे
पर जब भी याद आता है उसका चेहरा
तो फिर क्या मैं बात करूं
उसकी खूबसूरती ऐसी थी कि उसकी तस्वीर देखकर
जिंदगी कट जाएगी

58
वह बस खुश रहे तो और भी ज्यादा अच्छी लगती है
उसके चेहरे पर मुस्कुराहट और भी ज्यादा प्यारी लगती है
मैं तो बस उसे देखना चाहता हूं खुश
उसकी खूबसूरती की तारीफ क्या करूं
वह तो हर लिबाज़ मै ज्यादा सुंदर लगती है

59
आज वह जो मुझसे मिलने आई थी
खुले बाल कर आई थी पहन रखा था उसने सादा लिबाज़
और वह अपने माथे पर बिंदी लगाई थी

60
मैं उसे अपनी जान अब नहीं कहता
क्योंकि मैं उसे अपने पास रख नहीं सकता
मुझे सिर्फ उसे देखने का हक है
मैं उसे अपना हमसफ़र नहीं बना सकता
क्योंकि उसकी वह पहली मुलाकात मुझे आज भी याद है
और उसको देखा था मैंने उस घड़ी
उसकी वह हर अदा मुझे आज भी याद है

61
अब क्या लिखूं या नहीं उसके बारे में
मैं आपको जानता नहीं हूं
मैं सिर्फ उससे दिल लगाता हूं
मैं उसके अलावा किसी और को पहचानता नहीं हूं

62
जब उसे मैंने करीब से देखा तो मुझे एहसास हुआ
उससे ज्यादा खूबसूरत कोई हो नहीं सकता
मैंने तो सिर्फ देखी थी दुनिया में सुंदरता
पर मैंने उस दिन उसे देखा
इससे ज्यादा कोई अच्छा हो नहीं सकता

63
ऐसा लगता है जैसे वह कोई जन्नत से उतर कर आई हो
जैसे कोई परी मेरे पास आई हो
मैंने उसे देखा पहली बार मैं उससे प्यार कर बैठे
जैसे कोई मेरी जिंदगी है मुझसे मिलने आई हो

64
मैंने उसे हमेशा प्यार भरी नजर से देखा है
मैंने उसे हमेशा एक फूल की तरह रखा है
उसे कभी मैंने दर्द नहीं होने दिया
क्योंकि मैंने उसे अपने दिल में रखा है

65
फूल की तरह नाजुक है वह
उसे थोड़ा भी दर्द सहना हो नहीं सकता
उसकी खूबसूरती सिर्फ उसकी रूप से नहीं
उसकी हर बात से है उसके जैसा कोई हो नहीं सकता

66
उसकी नाजुक हाथों में जब वो चूड़ियां पहनती है
तो बहुत प्यारी लगती है और फिर जब निकलती है
शहर से बाहर तो देखो
हर ओर उसकी तारीफ होती है।।

67
जब वह मेरी ती हुई पायल पहन कर शहर में निकलेगी
तो हर गली में इश्क मेरा गूंजेगा
हर कोई करेगा उसकी तारीफ
पर वह सिर्फ और सिर्फ मुझे देखेगा

68
मुझे कुछ नहीं चाहिए अब मुझे उसके सिवा कुछ नहीं चाहिए उसकी तारीफ बहुत कर लिया मैंने
मुझे सिर्फ और सिर्फ वो चाहिए

69
उसकी खूबसूरती को में कुछ ऐसे देखा करता हूं
मैं उसे सिर्फ और सिर्फ अपना समझा करता हूं
वह चाहे किसी के भी साथ रहे
मैं उसे अपने दिल का एक टुकड़ा समझा करता हूं

70
मैंने जब भी उसे प्यार भरी नजर से देख रहा है
मैंने हमेशा उसे खुद में पाया है
उसकी खूबसूरती को मैंने हमेशा निहारा है
और मैंने हमेशा उसे अपने दिल में बसाया है

71
लिखते लिखते ही अल्फाज कम पड़ जाते हैं
कोई शायर ऐसा नहीं हुआ कि
उसकी खूबसूरती के बारे में लिख दे
हम तो सिर्फ कोशिश करते हैं
और उसकी हर अदा उन पर भारी पड़ जाते है

72
कोई नहीं कर सकता उसे खूबसूरती की तारीफ
क्योंकि खुदा ने भी उसे इतनी अच्छी तरीके से बनाया है
उसका रूप रंग ऐसा है जैसे कोई जन्नत से उतर आया है

73
मैंने उसे हमेशा कहा है तुम बहुत प्यारी लगती हो
मैं इससे ज्यादा किसी की तारीफ कर नहीं सकता
पर मैं उसे कैसे बताऊं वह हर दिन रात मेरे सपने में आती है उससे ज्यादा मुझे कोई अच्छा लग नहीं सकता

74
मैंने उसे प्यार किया मैंने उसे हर घड़ी चाहा है
मैंने सिर्फ उसे माना है अपना,, उसे ही दिल दिया है।।

75
हर लिहाज से बहुत खूबसूरत लगती है
वह मुझे जन्नत की परी से भी ज्यादा अच्छी लगती है
जब आती है मेरे पास तो
फिर मुझे अपनी धड़कन में भी पराई लगती है

76
हमें इस से ज्यादा कुछ लिख नहीं सकता
हमें इससे ज्यादा उसकी तारीफ कर नहीं सकता हूं
मेरी जिंदगी बन चुकी है वो अब
इससे ज्यादा और किसी को कुछ बता नहीं सकता

77
मैं उसे क्या बताऊं अपने बारे में वह तो सब जानती है
और उसकी खूबसूरती की हर अदा में नहीं पहचानता
और वह अपने आप को खूबसूरत नहीं समझती
पर वह नहीं जानती हो क्या है यह सिर्फ मैं जानता हूं

78
हमेशा उसे मैंने कहा है तुम मुझे बहुत अच्छी लगती हो
पर वो नहीं जानती मैं उसे प्यार करता हूं
कि तुम वही हो जो मुझे ख्वाबों में परी लगती हो

79
तुम्हारे सामने कोई टिक नहीं सकता
तुम्हारे जैसा कोई हो नहीं सकता
तुम सिर्फ अकेली हो इस दुनिया में ऐसी
तुम्हारे जैसा कोई प्यारा हो नहीं सकता

80
तुम्हारी शरारतें में कितनी प्यारी होती हैं
तुम्हारी हर अदा कितनी प्यारी होती है
तुम सिर्फ रहती हो मेरे दिल में
हम तुम्हारे साथ मेरी कितनी लड़ाइयां होते हैं

86
जब भी रात का अंधेरा होता है
और चांदनी रात होती है चांद को आता है अपने हुस्न पर गुरूर फिर देखो हमारी और उसकी कैसे बातें होती हैं।।

87
चांद को अपने हुस्न पर गुरुर आया था
हमने भी दिखाती उसे तुम्हारी तस्वीर
फिर देखो वह दूसरे दिन हमारे छत पर ही नहीं आया था

88
अब किसी से क्या कहना अब तुम्हारे बारे में क्या चर्चा करनी है तुम तो हमारी सबसे अजीज चीज हो
अब तुम्हारी खूबसूरती है क्या कसीदे पढ़ने क्या तारीफ़ करनी

89
तुम्हारी खूबसूरती को अगर एक लाइन में लिखना चाहो
तो मैं कभी लिख नहीं पाऊंगा
क्योंकि मैं तेरे ते अल्फाज कम पड़ जाएंगे
पर मैं तुम्हें कभी अच्छे से जान नहीं पाऊंगा

90
तुम्हारी खूबसूरती मुझे कुछ ऐसी लगती है
हर घड़ी तुम मुझे प्यारी लगती हो
मैं तुम्हें अब जैसा भी देखूं
तुम मुझे सिर्फ और सिर्फ मेरी जान लगती हो

91
मैं तुम्हें चाहता हूं और मैं तुम्हें चाहता रहूंगा
क्योंकि इसके अलावा मैं तुम्हारे लिए और कुछ कर नहीं सकता तुम सिर्फ और सिर्फ मेरी जिंदगी बन चुकी हो अब
और मैं तुम्हारी खूबसूरती की तारीफ
इससे ज्यादा कर नहीं सकता

92
सूरत के साथ तुम्हारी सीरत भी बहुत अच्छी लगती है
और जब तुम पहनती हो काला सूट तो फिर देखो
तुम्हारी हर अदा कितनी खूबसूरत लगती है

93
तुम्हारे हुस्न का कोई जवाब नहीं है
तुम्हारी हर अदा का कोई जवाब नहीं है
तुम तो लाजवाब हो हर रूप में
तुम्हारे जैसा कोई और दूसरा नहीं है

94
हर तरफ तो तुम्हारा साया है
फिर देखो यह क्यों मेरे पास गम आया है
जब भी आता है यह मेरे पास
में उसे दिखा देता हूं तुम्हारी तस्वीर वह भी वहीं बैठ जाता है क्योंकि तुम्हारे हुस्न में वह जादू है और हर अदा में रूप छाया है

95
अब बस में सिर्फ इतना ही चाहता हूं
तुम हमेशा खुश रहो तुम्हें चाहता हूं
तुम्हारी खूबसूरती की तारीफ मैंने बहुत कर ली
अब मै तुम्हें अपना बना कर अपने घर ले जाना चाहता हूं

96
एक रोज जब मैं उससे मिला था वह वैसे ही लग रही थी
जैसी वह पहले लगा करती थी
आज भी वह नहीं बदली आज भी उसकी वही अदा है
और वह उतनी ही सुंदर लग रही थी
जितनी वो पहले लगा करती थी

97
मैंने देखा है उसे चांद सितारों में
मैंने देख रहा है उसे रूप बहारो मैं
वह मुझे अब इतनी प्यारी लगती है
मैंने उसे देखा है अपनी हर ख्वाबों में

98
अब उसे ख्वाबों में नहीं देखना चाहता
अब उसे अपनी जिंदगी में लाना चाहता हूं
मैं उसे करीब से देख कर कर
उसकी खूबसूरती की तारीफ करना चाहता हूं

99
उसकी खूबसूरती की तारीफ
हम कुछ इस कदर करेंगे
हम सिर्फ उससे और उससे ही मोहब्बत करेंगे
उसे ही रखेंगे अपने दिल में और सिर्फ उसके ही तारीफ करेंगे

100
मैंने उसे अपनी जिंदगी समझ लिया
मैंने उसे अपनी जान समझ लिया
अब इससे ज्यादा उसकी खूबसूरती की क्या तारीफ करूं
मैं उसे अपने घर का चांद समझ लिया

Over To You:

तो दोस्तों ये थे कुभ बहुत ही अच्छे खूबसूरती की तारीफ शायरी, हम उम्मीद करते है की आपको ये सभी शायरी बहुत अच्छी लगी होगी. आप इन शायरी को दूसरों के साथ जरुर शेयर करे और उनको ये शायरी को पढ़कर बहुत ही ज्यादा अच्छा लगेगा.

दोस्तों पोस्ट को १ लाइक अवश्य करे और यदि आपके पास और कोई दूसरी खूबसूरती की तारीफ शायरी है तो उसको हमारे साथ कमेंट में जरुर शेयर करे धन्येवाद.

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