Dard Bhari Shayari | दर्द भरी शायरी

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जब कभी भी हम जिससे सच्चे दिल से प्यार करते है और अगर वो हमारा दिल दुखते है तब दिल में बहुत ही ज्यादा दर्द होता है और मन पूरी तरह से उदास हो जाता है.

Dard Bhari Shayari in Hindi

दर्द भरी शायरी

Dard Bhari Shayari

1
लम्हा गुजर जाएगा मगर
तू फिर भी बहुत याद आएगा
हम कहां रहे अब तेरे
पर तू हमसे ना भूलाया जाएगा।।

2
जिंदगी कुछ इस तरह से बसर कर रहे हैं
तू नहीं है अगर पास हमारे
हम रोज मर रहे हैं
जिंदगी किसने देखी थी कौन जाने
पर तेरे जाने के बाद हर रोज रो रहे हैं

3
कुछ इस तरह में अब तुझको भुला दिया करूंगा
तू जब हो गया किसी और का
तो मैं भी अब कहीं और दिल लगा लिया करूंगा।।

4
अब जिंदगी से कुछ नहीं चाहिए
मौत के सिवा और कोई याद नहीं चाहिए
तेरी यादों में तो कब के मर चुके हैं हम
पर अब तेरी बची हुई मोहब्बत भी नहीं चाहिए।।

5
सोचा नहीं था इश्क का यह अंजाम आएगा
तू कहीं किसी और से इश्क लड़ाएगा
हमने की है जो मोहब्बत तुझसे
तू किसी और से निभाएगा।।

5
अब तुझे बुरा कह भी लेंगे तो कौन सा हम सही हो जाएंगे जब तू चला गया छोड़कर तो हम कौन से खुश हो जाएंगे जिंदगी मिला नहीं करती थी राहों में मुर्शीद
तेरे जाने के बाद तू क्या सोचता था
हम तेरे बिना मर जाएंगे।।

7
अब तुम जरा इतना सा ख्याल रखना
मेरे जाने के बाद मुझे याद मत रखना
तुम्हारा ही था फैसला मुझे छोड़कर जाने का
मोहब्बत नहीं की तुमने मुझसे मगर
मुझे दुआओं में भी याद मत रखना।।

8
जब तू किसी और का हो गया था
हमने तब भी गुरेज नहीं किया
तूने तो भुला दी हमारी मोहब्बत
फिर भी हमने तुझसे फरेब नहीं किया।।

9
मैं अपने दोस्तों से कहा करता था
मोहब्बत के किस्से उन्हें बताया करता था
वह नहीं जाएगी मुझे छोड़कर
मैं उन्हें तेरी कसम देकर कहा करता था।।

10
हम मर भी जाएंगे तो क्या हो जाएगा
वह कौन सा वापस लौट कर आ जाएगा
अब तो जीना है उसके बिना ही हमें
यह मोहब्बत थी इसमें तो एक दिन एक मर ही जाएगा।।

11
इश्क किया था हमने मगर यह न सोचा था
मोहब्बत एक तरफा होगी यह न सोचा था
वह चला जाएगा एक दिन छोड़कर किसी और के पास मोहब्बत में कयामत होगी यह न सोचा था।।

12
तेरा दिया हुआ गम इस तरह से काट रहा हूं मैं
अपनी जिंदगी अब किस्तों में बांट रहा हूं
मुझे तो इंतजार अब तेरा नहीं रहा मगर
तेरे नाम से भी अब दूर भाग रहा हूं।।

13
तू बस मुझे इतना सा याद रखना
मैंने की थी मोहब्बत तुझसे यह हमेशा दिल में रखना
तूने भुला दिया मुझे तो क्या हुआ
तुम मुझे हमेशा यादों में रखना।।

14
जिस दिन वह छोड़ कर चली गई थी
उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा
हम भी बढ़ गए अपनी जिंदगी में आगे
हमने भी उसे कभी दोबारा नहीं देखा।।

15
जब उसका आखिरी कॉल आया था
उसने मुझे कहीं मिलने बुलाया था
कहना था उसे बस इतना मेरी शादी हो रही है
और मैं फिर घर से कहीं जा ही नहीं पाया था।।

16
मोहब्बत में जीते जी मौत हो जाएगी
जिस दिन तुम्हारी महबूबा किसी और की हो जाएगी
तुम उसकी तस्वीर देखकर यहां रहोगे
वह किसी और की बाहों में सो जाएगी।।

17
ना करते मोहब्बत तो अच्छा था
यह गम का खजाना तो नहीं मिलता
हमने तो सोचा था मोहब्बत में जिंदगी आबाद हो जाएगी मगर यह बर्बादी का जमाना तो न मिलता।।

18
अब तुम हमसे दूर इस कदर रहा करो
गुजरे पास फिर से नजर झुका लिया करो
तुम्हारा चेहरा देखना भी पसंद नहीं करते हम
तुम हम यह भी झूठी मोहब्बत मत दिखाया करो।।

19
झूठी हमदर्दी किसी और को दिखाना
मैं अब तेरा हर राज जान चुका हूं
जब से देखा है तुझे उस दिन अजब हालत में
मैं अपनी मोहब्बत मार चुका हूं।।

20
कितनी रातें कितनी दफा रोया हूं मैं
हर रोज मारा हूं हर रोज जिया हूं मैं
जिंदगी तो थी मेरे पास मगर खुशी से नहीं जिया हूं मैं।।

21
मैंने यह सोचकर तेरे साथ यादें बनाई थी
जिंदगी हसीन हो जाएगी
इसीलिए तेरी यादें दिल में बसाई थी
पर मुझे क्या पता था एक दिन जब तू जाएगी
वह हसीन याद ही मेरे लिए जहर बन जाएगी।।

23
किसी शायर ने खुद ही कहा है
इश्क तो करना मगर इश्क में डूब मत जाना
दिल दे दो अगर तुम किसी को उससे कोई उम्मीद मत जताना।।

24
तुझसे तो हमने कभी कुछ नहीं मांगा
तूने बिना मांगे कुछ दिया भी नहीं
मेरी मोहब्बत की लाज भी नहीं रखी तूने
और मुझे कभी प्यार दिया भी नहीं।।

25
यह दर्द तेरा ही दिया हुआ तोहफा है मुझे
जिसे हर रोज में खुशी खुशी काट रहा हूं
और तू सोचती थी कि मैं मर जाऊंगा
तेरे बिना पर आज भी जिंदगी काट रहा हूं।।

26
हमने सोचा था तुम कुछ इतना सा कर जाओगे
जाते जाते एक बार गले तो मिल जाओगे
हमें क्या पता था वह भी नसीब नहीं होगा।।

27
मैं इतना किसके लिए लिख देता हूं
खत बिना पढ़े ही मैं रो देता हूं
वह यादें आज की याद आती है मुझे
जब मैं रातों को तेरी तस्वीर देख कर रो देता हूं।।

28
जब कभी नींद नहीं आया करती थी
तुम मुझे समझा करती थी
प्यार से मुझे इस कदर सुलाया करती थी
पर अब जब तुम नहीं रहे तो वह बातें भी नहीं रही
नींद तो दूर की बात है इन आंखों में अब रोशनी भी ना रही।।

29
लिखता हूं मैं आज भी खत तुझे बस फर्क इतना सा रहा है तुझ तक नहीं पहुंचती मेरे दिल की बात
तुझ में और मुझ में फासला इतना रहा है।।

30
मेरी मोहब्बत को तूने बेशक कुछ नहीं माना
मेरे प्यार को तूने कुछ नहीं समझा
पर जिसको तूने चाहा है वह तुझे मिल जाए
तूने किया है मेरे साथ धोखा पर वह तेरे साथ वफा कर जाए।।

31
हम अब कैसे जी पाएंगे यादें हैं
तन्हाई में वक्त बिताएंगे
तुम रहना किसी और के साथ खुशी-खुशी
हम भी अब अपना घर किसी और के साथ बस आएंगे।।

32
तूने जो सोचा था वह तो कभी नहीं होगा
मोहब्बत में यह आशिक कभी पागल नहीं होगा
तू ने दिया है धोखा तो क्या हुआ
तेरे जैसे बेवफाओं से मेरा कुछ नहीं हुआ।।

33
तेरी खुशी के लिए मैंने बहुत दुआएं मांगी थी
अपना सब कुछ छोड़ कर तेरे लिए खुशी मांगी थी
पर तूने मेरे लिए क्या किया
मुझे बदले में बेवफा कह दिया।।

34
कम से कम मोहब्बत की इतनी तो लाज रखी होती
मेरे प्यार का दिल में एहसास तो रखी होती
जब तुम बेच आई थी किसी गैर के पास अपने आप को मेरी मोहब्बत की दिल में याद तो रखी होती।।

35
मैंने नहीं मांगी थी तुमसे मोहब्बत तुमने
ऐसे ही चाहा किया था
मैंने कहा था तुमसे वफा ही करना मेरे साथ पर
तुमने मोहब्बत में खुद को आज बेवफा कहा था।।

36
दूर जाने का अच्छा बहाना बना रहे हो
किसी और से करने लगे हो इश्क
इसीलिए हम से पीछा छुड़ा रहे।।

37
यकीन उस पर इतना किया करते थे
खुद से ज्यादा एतबार किया करते थे
वह तो नहीं निकला मोहब्बत के काबिल
फिर भी उससे प्यार बेशुमार किया करते थे।।

38
आज जो यह दिल में चोट लगी है मेरे
यह कोई देख नहीं पायेगा
कौन कहता है मैं मोहब्बत में मर जाऊंगा
पर हां मुझे अब कोई उस तरह नहीं देख पाएगा।।

39
मैंने सोचा था तू मेरा साथ निभाईगी
जिंदगी भर ना सही थोड़ा दूर तो जाएगी
हमें नहीं पता था तू इस तरह छोड़ कर चली जाएगी।।

40
यह रातें यह मौसम और ये सर्द हवाएं
तेरी ही याद दिला रहे हैं
मैं कितना भी समझा लो खुद को कि तू चली गई
फिर भी यह तेरा एहसास दिला रही है।।

41
अब जरा तू इतना सा ख्याल रखना
मेरी मोहब्बत का दिल में यह सवाल रखना
क्या कसूर था मेरा जो तू चली गई
अपने में यह दुआ में याद रखना।।

42
एक दिन में भी तेरे जैसा बन जाऊंगा
जो किया है तूने वही तेरे साथ निभाऊंग
तुझे मुझसे नहीं है मोहब्बत
तुम्हें भी तुझे अपनी नफरत दिखाऊंगा।।

43
सफर अब कुछ इस तरह तय करना है
तेरे साथ और मुझे नहीं चलना है
हम दोनों के रास्ते अलग हैं
आज से मुझे अब तुझ से मोहब्बत नहीं करना है।।

44
मोहब्बत से मन भर चुका है मेरा
हमें किसी से दिल लगाया नहीं करता
हर किसी ने दिया है मुझे धोखा
मैं अब रिश्ते निभाया नहीं करता।।

45
मैं कितना अपने दर्द को लिख पाऊंगा
एक दिन खुद ऐसे ही चला जाऊंगा
मेरी खामोशी बयान करेंगी मेरी किताबें
पर उसमें लिखा दर्द मैं अब खुद नहीं पढ़ पाऊंगा।।

46
हर रोज मैंने तेरे लिए सजदा किया था
तू नहीं थी पास मेरे फिर भी तुझसे इश्क किया था
क्या कमी रह रही थी मेरे मोहब्बत में
जो तूने मुझे छोड़कर किसी और का साथ दिया था।।

47
अब जरा तू इतना सा सवाल रखना
अपने दिल में हमेशा यह मलाल रखना
तूने दुखाया है दिल एक सच्चे शख्स का
यह तू हमेशा अपनी मोहब्बत में सवाल रखना।।

48
चाहता उसे मैंने पागलों की तरह पर क्या पता था
वह मुझे पागल कर देगी
मोहब्बत में क्या नहीं किया मैंने उसके लिए
पर क्या पता था वह मेरी मोहब्बत को झूठी कह देगी।।

49
पहले तो मैं उसे बहुत अच्छा लगा करता था
फिर मैं अचानक से उसे बुरा लगने लगा
शायद कोई और उसे पसंद आ गया
इसीलिए उसे मुझ से खतरा लगने लगा।।

50
अब जिंदगी में मुझे कोई और नहीं चाहिए
तेरा जैसा भी नहीं चाहिए और तू भी नहीं चाहिए
अकेला ही अच्छा हूं मैं मुझे अब किसी से प्यार नहीं चाहिए।।

51
कुछ इस तरह तुझे मैं भी तड़पाया करूंगा
जब तू नाम लेगी किसी गैर का
तो मैं भी किसी और को गले लगाया करूंगा।।

52
तूने क्या सोचा था मुझे धोखा देकर खुश रह लेगी
मेरा भी खुदा है क्या तू मेरी बद्दुआ सह लेगी
तुझे नहीं मिलेगी मोहब्बत में रहता हूं जब तक
तू अपना गुनाह कबूल नहीं कर लेगी।।

53
अब तेरी मोहब्बत पर क्या यकीन करना
और मेरी इबादत पर क्या शक करना
दोनों से रिश्ता निभाया नहीं गया
मैंने की मोहब्बत पर
तुझ से यह प्यार का रिश्ता निभाया नहीं गया।।

54
अब तू बेशक चली जा मुझे छोड़ कर
क्योंकि तेरी हरकत देख चुका हूं
मुझे नहीं करनी तुझसे मोहब्बत
मैं तेरा फरेबी चेहरा देख चुका हूं।।

55
मोहब्बत हद से ज्यादा करता हूं
तो नफरत उससे भी ज्यादा करता हूं
मैं अब तेरे जैसों को मुंह नहीं लगाता
मैं तुझ से वफा नहीं करता हु।।

56
मेरे दर्द का अंदाजा तुम क्या लगाओगे
मैं हर रोज मरता हूं क्या तुम भी मर जाओगे
तुमने तो नहीं निभाया एक भी वादा
क्या फिर तुम किसी से मोहब्बत कर पाओगे।।

57
इश्क का खत भेजा था मैंने उसे
पर कबूतर मेरा वहां भी मार दिया
उसे तो मोहब्बत कभी नहीं थी मुझसे
और मुझे बेवफा करार दिया गया ।।

58
जब उसने मुझे छोड़ने का कोई बहाना नहीं मिला
तो उसने मुझ पर ही इल्जाम लगा दिया
मैं करता रहा खुद को सच्चा साबित
उसने मुझे बेवफा करार दिया।।

59
तुम तो मोहब्बत में बड़ी कसमें खाया करते थे
जीने मरने की बातें किया करते थे
अब क्या हुआ तुम्हारी मोहब्बत को
क्या तुम अब वो इंसान नहीं रहे
जो हमसे मोहब्बत किया करते थे।।

60
यह प्यार मोहब्बत इन सब से थक चुका हूं मैं
अब मुझे कुछ नहीं चाहिए
मोहब्बत से ऊब चुका हूं मैं
इस तरह से जी लूंगा मैं
जिंदा हूं मगर तू नहीं चाहिए।।

61
लगा देंगे आग खुद में मोहब्बत की
राख भी नहीं मिलने देंगे
तू ढूंढेगा हमें हर जगह
पर हम हमारा नामोनिशान भी नहीं मिलने देंगे।।

62
तूने तो सोचा होगा मैं ऐसे ही गुजर जाऊंगा
पर याद रख मैं हवा हूं दरिया नहीं
लौट कर वापस जरूर आऊंगा
तूने दिया है जितना दर्द मुझे
उतना ही तुझे वापस किस्तों में लौट आऊंगा

63
यह तुम बहुत अच्छा किया करते हो
जो बहाना बनाकर दूर जाया करते हो
किसी और से बात करते हो
और झूठा दिल हम से लगाया करते हो।।

64
आज तेरी झूठी मोहब्बत भी देख ली मैंने
वो घिनौनी सूरत भी देख ली मैंने
जब तुझे देखा किसी और की बाहों में
तेरी मोहब्बत की वफाई भी देख ली मैने।।

65
सफर यहीं तक था हमारा
अब हम आगे चल नहीं सकते
जब मिला है इतना दर्द
तो हम मोहब्बत कर नहीं सकते।।

66
तू जहां रहे खुश रहे यही दुआ करता हूं
तू निकली बेदर्द पर मैं अभी तुझसे मोहब्बत करता हूं
मैं नहीं दूंगा तुझे कभी बद्दुआ
क्योंकि मैं तुझसे सच्चा इश्क करता हूं।।

67
तू मेरे लिए कुछ मत करना बस इतना सा करना
अगर कभी याद आ जाऊं मैं गलती से
तो कभी आंसू मत बहाना
देख नहीं सकता मैं अभी तेरी आंखों में आंसू
तू अपनी झूठी मोहब्बत के लिए मुझे कभी याद मत करना।।

68
अब जो मिला है कोई मुझे
उस पर भी यकीन नहीं कर पा रहा हूं
एक बार मिल गया है धोका
तो अब किसी पर विश्वास नहीं कर पा रहा हूं
मोहब्बत तो दूर की बात है
मैं अब किसी से दोस्ती नहीं कर पा रहा।।

69
वो गई है जबसे मुझे कहां कुछ अच्छा लगता है
उसके सिवा अब मुझे कौन अच्छा लगता है
मैंने तो कब का छोड़ दिया है खाना पीना
जिंदा हूं मगर मैं जिंदा कहां लगता हूं।।

70
पूछा किसी ने हमसे मोहब्बत का सबक
तो हमने मुस्कुरा कर कह दिया
वह चली गई छोड़कर हमें
हमने भी फिर उसे बेवफा कह दिया।।

71
मौका था मेरे पास भी मोहब्बत को जिस्मों में ढालने का पर मैंने कभी उसका गलत फायदा नहीं उठाया
उसने तो बहुत की जिद्द मुझसे
पर मैंने कभी मोहब्बत में शर्मो हया का पर्दा नहीं गिराया।।

72
अब क्या वह मुझ से हमदर्दी रखती है
वह तो किसी और की अब पत्नी लगती है,
मैं तो अब कुछ रहा ही नहीं
वो अब किसी और हमदर्द लगती है।।

73
कुछ इस तरह हम अपना वक्त बिता रहे हैं
वह नहीं याद करते हैं
तो हम भी उनसे दूर जा रहे हैं
मेरा भी दिल नहीं करता उससे बात करने का
हम दोनों अब मोहब्बत में नफरत किए जा रहे हैं।।

74
कुछ इस तरह अपने दर्द को बयां कर दूंगा
मैं फिर से तुझे मोहब्बत में आजाद कर दूंगा
तू रहना अपनी मर्जी से किसी के भी साथ
मैं तुझे इस बंधन से मुक्त कर दूंगा।।

75
जब तुझे मेरे साथ रहना ही नहीं है
तो फिर यह किस बात की दिल्लगी है
तू खुश रहे जहां भी रहे फिर ये
आंसू किस बात की मर्ज की दवा है।।

76
यह झूठे आंसू हमें ना दिखाया करो
मोहब्बत में यूं हमें ना सताया करो
बहुत दिया है तुमने दर्द
पर अब अपनी शक्ल मत दिखाया करो।।

77
कुछ इस तरह से अपने जख्मों को लिख दूंगा मैं
तुम्हें फिर से मोहब्बत लिख दूंगा
कितना भी मिल जाएगा मुझे दर्द
फिर भी मैं तुम्हें अपनी जान लिख दुंगा।।

78
हम रातों में नींद कहां आती है
मुझे यह महफिल भी कहा भाती है
गम की रातों के सिवा कुछ नहीं है मेरे पास
मुझे भूख नहीं लगती पर
मेरे आंखों में अब मोहब्बत कहा आती है।।

79
ए हमसफर अब तुझसे कोई गिलाहा नहीं करेंगे
तू ना चाहे वह जब तक तुमसे बात नहीं करेंगे
तुम अगर खुश हो किसी और के साथ तो खुश रहो
हम तुमसे अब मोहब्बत नहीं करेंगे।।

80
जान जिंदगी मेरी सब तो तुम लगती थी
फिर तुम क्यों मुझे बेवफा लगती थी
दर्द ही तो दिया था तुमने मुझे
पर तुम्हें नहीं पता तुम उस दर्द की दवा लगती थी।।

81
अब जो तू ही मेरे पास आएगा
मैं उसे जवाब नहीं दे पाऊंगा
पूछेगा वह मुझसे मेरे मोहब्बत का अंजाम
मैं फिर भी अपना दर्द नहीं बता पाऊंगा।।

82
बारिश तो अभी आती है मेरे शहर में
पर अब मैं उसमें भीगता नहीं हूं
आंसू ही नहीं रुकते मेरे मैं क्या करूं
सब कुछ करता हूं मगर मैं मरता नहीं हूं।।

83
मर कर भी हम कहां जाएंगे तुम्हारे थे
तुम्हारे पास ही रह जाएंगे
जन्मों-जन्मों के वादे किए थे तुमसे
हर जन्म में तुमसे मोहब्बत निभायेंगे।।

84
तुम जब तक आ नहीं जाओगी
मैं भी इंतजार करता रहूंगा
यह दरिया क्या जानें इंतजार मेरा
मैं इसे अपने आंसुओं से भरता रहूंगा।।

85
जब तक प्यार को जिंदगी में मौत नहीं आती
मोहब्बत में जब तक कोई बात नहीं होती
दर्द ना मिले वह मोहब्बत किस काम की
जब तक मोहब्बत में किसी एक की जान पर नहीं बन आती।।

86
अब तुम बस इतना सा काम कर देना
मुझे खुद से दूर कर देना
मुझे पता है दर्द तुम्हें भी है
पर फिर भी तुम मेरी याद को दूर कर देना।।

87
जब भी महफिलों में जाया करता हूं
अक्षर शराब अपनी प्यास बुझाया करता हूं
तुम कहती थी ना सिगरेट अच्छी नहीं होती
पर अब मैं दोस्तों के साथ वही जलाया करता हूं।।

88
कुछ इस तरह से मुझे लोगों ने ताना दिया है
मोहब्बत की थी मैंने इसीलिए मुझे दर्द दिया है
तुम क्या जानो मोहब्बत क्या होती है
तुमने तो बस एक अधूरा जाम पिया है।।

89
हम नहीं हैं अच्छे और हम किसी को अच्छे नहीं लगते मोहब्बत तो की है हमने मगर हम उनको सच्चे नहीं लगते हमारी हर बात पर होता है उनशक
शक हम अब उन्हें हमसफर नहीं लगते।।

90
तुम्हारे लिए तो हम कुछ भी कर जाएंगे
अगर लड़ना पड़े किसी से तो भी लड़ जायेंगे
पर तू साथ तो रहता है मुर्शिद
हम तो तेरे लिए मर भी जाएंगे।।

91
शायद तू मेरी मोहब्बत के काबिल ही नहीं था
इसीलिए तुझे जाने दिया
क्योंकि तू मेरी मोहब्बत ही नहीं था
हमने तो तुझे समझा था कोहिनूर हीरा
पर तू तो किसी धूल से कम नहीं था।।

92
तुमने सब कुछ कह लिया है
पर अब नहीं करता मैं तुमसे मोहब्बत
यह सब से कह लिया है
दर्द में हूं जानता हूं मैं
आज फिर से शराब पी लिया है।।

93
जो छोटे दिल पर खाई जाती है
उन पर कभी भी मरहम नहीं लगाई जाती है
जिंदगी बीत जाती है लोगों की
पर वह यादें नहीं भुलाई जाती है।।

94
अब तुम बस मुझसे इतना सा काम करना
दूर रहना मुझसे इतना सा एहसान करना
यह बार-बार तुम्हारा आना जाना मुझे दर्द ही देता है
तुम हमेशा मुझे भूल जाना बस इतना सा काम करना।।

95
अगर वह चली गई होती छोड़कर हमें इस कदर
तो हम उससे कुछ ना कहते
पर उसने निभाई किसी और से वफा
अगर वह करती हमसे प्यार तो हमसे बेवफा नहीं कहते।

96
अभी रातों के सिवा मेरा कोई नहीं है
उजाला तो मैंने कब से नहीं देखा मेरा हमदर्द कोई नहीं है जबसे गया है मेरा महबूब मुझे छोड़कर
मेरा कोई दोस्त नहीं है।।

97
हमारे जख्म हम खुद ही लिखते हैं
और खुद ही उनको मिटा देते हैं
कोई नहीं लगाने वाला है मरहम
हम खुद ही खुद को चोट पहुंचा लिया करते हैं।।

98
अब दर्द में रहना अच्छा लगता है
मुझे यह अंधेरा भी अच्छा लगता है
लोग क्या कहेंगे मैं अब नहीं सोचता
मुझे उसकी मोहब्बत में यह अकेलापन अच्छा लगता है।।

99
आज अकेला हूं मैं तो क्या हुआ
वह भी तो वहां मेरे लिए रो रही होगी
मानता हूं मैंने की है उससे मोहब्बत
पर उसके दिल में भी तो कोई हलचल हो रही होगी।।

100
लोग कहते हैं मैं उससे बेपनाह इश्क करता हूं
इसीलिए उसे भुला नहीं पा रहा हूं
पर वह नहीं जानते वह मेरी जिंदगी है
मैं उसे खुद से कभी अलग नहीं कर पा रहा हूं।।

101
दर्द मोहब्बत इश्क आशिकी
यह सब मेरे लिए कुछ नहीं है
जब छोड़ चुका हूं मैं उस उसका हाथ
तो मेरे लिए अब यह दर्द कुछ नहीं है।।

102
मैंने जीते जी मौत देखी थी
जब मैंने उसे जाता हुआ देखा था
हाथ पकड़ा था मैंने उसका उसे रोकने के लिए
पर उसने मुझे नजरें चुराता हुआ देखा था
कैसे रोकता मैं उसे
क्योंकि उसने किसी को वादा कर रखा था।।

103
कुछ बातें आज भी समझ नहीं आती
और कुछ बातें आज भी याद नहीं आती
उसकी यादें तो बहुत आती है मेरे पास
मगर अब वह मुझसे कभी मिलने नहीं आती।।

104
जब हमारी दुनिया में मशहूर हो जाएंगे
हमारे नाम के हर तरफ चर्चे हो जाएंगे
तब याद करेगी वो उस दिन हमें
जब हम उसकी मोहब्बत से किसी और की मोहब्बत हो जाएंगे।।

105
बदला लेना तू कभी मेरी फितरत में ही नहीं था
वरना मैं आज दर्द में खुश नहीं होता
अगर मैं भी होता उनके जैसा
तो आज वह किसी और के पास नहीं मेरे पास होती।।

106
तुम क्या सोचते हो यह सब ऐसे ही भुला देंगे
दर्द है तो क्या हुआ क्या हम खुद को मिटा देंगे
अरे मोहब्बत की थी पता था हमें दर्द मिलेगा
पर हम इसमें खुद की जान नहीं गवा देंगे।।

107
अब लोगों को यही सलाह दिया करता हूं
मोहब्बत से दूर रहो यही बता दिया करता हूं
मैंने किया है जो गलती तुम मत करना
मैं उन्हें हर बात समझा दिया करता हूं।।

108
वह मेरे पास अब नहीं है तो क्या हुआ
मैंने उसकी यादों को जला दिया तो क्या हुआ
आखिर यह दर्द भी तो उसका ही दिया हुआ है
मैंने उसे भुला दिया अभी तो क्या हुआ।।

109
पहले वह मुझसे बड़ा कहा करती थी
मुझे भुला ना देना ऐसा कहा करती थी
अब वह खुद ही भूल गई है मुझे
और मुझसे वफा की कसमें लिया करती थी।।

110
कुछ लोग जो इतने बुरे होते हैं
मोहब्बत ने वह उतने ही बेदर्द होते हैं
मैं तो उसके साथ बच्चा सा बन जाता
फिर क्यों मुझ जैसे अच्छे ही हमेशा बर्बाद होते हैं।।

111
जाऊंगा मैं किसी रोज उससे मिलने
पर उससे मिले बिना ही आ जाऊंगा
एहसास तो होगा उसे मेरे आने का
पर उसे ऐसे ही तड़पता हुआ छोड़ कर आ जाऊंगा।।

112
जब तुम्हें मुझसे इतनी शिकायतें थी
तो तुमने मोहब्बत ही क्यों की थी
मैंने तो नहीं कहा था तुमसे इश्क में मेरा साथ देना
फिर तुमने झूठे वादे वफ़ा क्यों की थी।।

113
मेरा दिल मेरा दर्द जानता है
मुझे लोग नहीं जानते खुदा जानता है
आखिर कब तक बताऊंगा मोहब्बत मैं अपनी
वो बेवफा मुझे कुछ नहीं समझता है।।

114
उसको कैसे समझाएं
अब दिल का दर्द कैसे दिखाएंगे
अच्छा नहीं लगता मुझे
उसके सिवा उसे यह बात कैसे बताएंगे।।

115
जिस जिस ने मोहब्बत को खुदा कर दिया
खुदा ने अपनी इज्जत बचाने के लिए उन्हें जुदा कर दिया इसीलिए मोहब्बत में इबादत ना किया करो
सजदा किया करो,मगर खुद को भुला ना दिया करो।।

116
कुछ इस तरह अब अपनी शामे बिता लूंगा
एक हाथ में जाम होगा और एक में सिगरेट होगी
और फिर सामने तेरी तस्वीर लगा लूंगा।।

117
आज भी तेरी यादों पर रोना आता है
क्यों हुई तुझसे मोहब्बत
मुझे उस मोहब्बत पर रोना आता है।।

118
यह दर्द तो कुछ नहीं रहा मेरे लिए
जिंदगी में या मुझे दर्द दे रही है
मुझे नहीं लगता कुछ अच्छा
मुझे यह रातें अब बेवफा कह रही है।।

119
अब जब भी तुम कभी मुझसे मिलोगी
मुझे कभी वैसा नहीं पाओगी
जैसा मैं तेरे साथ हुआ करता था
बदल चुका हूं मैं
और तुम मुझे वैसा कभी नहीं मिल पाओगी।।

120
शेरो शायरी तो दिल को बहलाने का एक बहाना है
असल में तो हमें सब को अपना दर्द बताना है
दिल ने भी कब तक रखेंगे उसे छुपाकर
जान मोहब्बत की है तो फिर आना और जाना है।।

121
आखिरी मुलाकात पर भी उसने मुझसे बात नहीं की
मैंने बहुत रोका उसे पर
उसने एक बार भी कोशिश नहीं की
मैंने तो कहा था मत जाओ मुझे छोड़कर
पर उसने कहा मैंने तुमसे कभी मोहब्बत ही नहीं की।।

122
जो तुम मुझे इस तरह दर्द दे रहे हो
यह बताओ किसके कहने पर दे रहे हो
क्या मैं अब तुम्हारी नहीं हूं
जो मुझे तुम पागल बेवफा कह रहे हो।।

123
अरे दर्द इस बात का नहीं है कि तुम चली गई
दर्द इस बात का है कि तुम भी वैसे ही निकली
जैसी मैंने सोचा नहीं था
शायद गलती थी तुमसे मेरी मोहब्बत करना
मैंने तो तुम्हें कुछ अलग ही सोचा था।।

124
जब तुम बहाने बनाकर मुझसे
किसी गैर से मिलने जाया करती हो
सब पता रहता है मुझे
और तुम मुझे अपनी शराफत दिखाया करती हो
अरे दर्द इसी बात का रहता है कि
तुम मुझसे आज भी सच छुपाया करती हो।।

125
टूटा हुआ कांच हूं मैं
मुझसे दूर रहा करो
बहुत मजबूर हूं मैं मुझसे बात ना किया करो
अब जब दर्द में रहता हूं मैं हरदम
तुम मुझसे यूं मुलाकात ना किया करो।।

126
अब तो मेरे दोस्त भी मुझसे कहा करते हैं
मोहब्बत ना किया करें मुझे बताया करते हैं
मैं उन्हें दिया करता था नसीहत मोहब्बत ना करने की
और आज वही मुझे शिकाया करते हैं।।

127
तुमसे ना की होती मोहब्बत तो
ना यह दर्द हुआ होता
और ना मैं आज पागल हुआ होता
और ना मेरी मोहब्बत ने यह गम सहा सा होता।।

128
आज मेरे पास कुछ नहीं है
तू भी नहीं है और मोहब्बत भी नहीं है
बस सिर्फ दर्द है वह भी मेरा अपना नहीं है
तेरा ही दिया हुआ है सब कुछ
मेरे पास तो मेरा कुछ नहीं है।।

129
तू मेरे साथ ना रहा कर
मुझसे बात ना किया करो
जब झेल रहा हूं मैं तुझसे दूर जाने का दर्द
तो मुझे बार-बार याद ना दिलाया कर।।

130
जो मेरे साथ किया है वो किसी और के साथ मत करना मुझसे नहीं की सच्ची मोहब्बत
तो किसी और से धोखेबाजी मत करना
मैं तो सह गया दर्द
और किसी और के साथ यह कभी मत करना।।

131
कुछ हमें इस तरह अपना फर्ज निभाना है
मोहब्बत मैं मिला है अगर दर्द
तो उसमें भी हमें हंसते जाना है।।

132
अब क्या करूंगा मैं तेरी यादों का
उन्हें भी साथ ले जाती तो अच्छा होता
और मुझे दर्द नहीं देती मोहब्बत देती तो अच्छा होता।।

133
यह रातें और यह शाम में बहुत याद आया करती हैं
पर जब भी इनमें तू आया करती है
यह मुझे बहुत रुलाया करती है।।

134
किसी रोज कहीं अकेले में एक शाम बताऊंगा
तेरी यादों के बिना मैं कैसे जी पाऊंगा
मर तो कब का ही चुका हूं मैं
पर उस दिन खुद अपनी मौत पर मातम मना लूंगा।।

135
मैंने ना सोचा था मोहब्बत में यह दिन आएगा
यह प्यार मुझे इतना तड़पाएगा
अगर होता पता मोहब्बतें बर्बाद हो जाते हैं
तो यह प्यार मेरी जिंदगी में कभी नहीं आएगा।।

136
अब तो हर शब्द में सीख चुका हूं
मोहब्बत में दर्द भी झेल चुका हूं
अब नहीं होना चाहता दोबारा बर्बाद
इसीलिए सब से रिश्ता तोड़ चुका हूं।।

137
जब तुम किसी और से बात कर रहे हो
तो फिर हमसे क्यों मुलाकात कर रही हो
हमें नहीं चाहिए तुम्हारी यह बेवफा मोहब्बत
तुमको हमसे झूठा नाटक कर रहे हो।।

138
तुझे कैसे समझाऊं तुझे समझ नहीं आता
मेरा प्यार शायद तुझे समझ नहीं आता
मेरा दर्द में रहना ही बेहतर है
मुझे अब मोहब्बत में ज्यादा झुकना नहीं होता।।

139
देख लिया मैंने तेरा हर रूप हर चेहरा
अब तुझसे दूर जाना मंजूर है मुझे
अगर तेरी मोहब्बत के दर्द में मर भी जाऊं तो
मर जाना भी मंजूर है।।

140
बेवफाई का कहर तूने जो मुझे दिया है
तुझे इसे दुगना वापस लौट आऊंगा
तूने जो हाल किया है मेरा वही एक दिन तेरा बनाऊंगा।।

141
मोहब्बत में शायरी कुछ इस कदर कर जाएंगे
तुम रोओगे एक दिन हमारी याद में
पर हम तुम्हें कभी मिलने नहीं आएंगे।।

142
दूर रहो तो सबसे बेहतर है
हम किसी के अब होना नहीं चाहते
हर किसी ने दिया है मुझे दर्द
पर अब हम किसी से कुछ बताना नहीं चाहते।।

143
वह आज भी अपने आपको सही बता रही है
मुझे गलत और खुद को सच बता रही है
मेरा दर्द तो उसके लिए कुछ नहीं
वह आज भी अपने आप को महान बता रही हैं।।

144
हर दर्द मैंने मोहब्बत में सहा है
उसके लिए मैंने सब कुछ किया है
पर आज मेरे पास क्या है
मैंने तो सिर्फ गम का घुट पिया है।।

145
जब वह हमसे दूर जाना चाहते हैं
हम भी उन्हें पास नहीं रखना चाहते है
मोहब्बत में रोना तो हम भी फिर रोना चाहते है।।

146
हमें किसी से मोहब्बत की भीख नहीं मांगते
किसी के लिए अपने आंसू नहीं बहाते
मानता हूं दर्द है मैं
पर अब हम किसी को नहीं दिखाते।।

147
हमें खुद ही सब कुछ कर लूंगा
पर कभी मोहब्बत नहीं करूंगा
दर्द मिला है मुझे बेशुमार पर अब
किसी से प्यार नहीं करूंगा।।

148
कुछ इस तरह मेरे जख्मों को कुरेद आगया
मैंने सब कुछ सही कहा फिर भी उसे गलत कहा गया
हर दर्द सहा मैंने फिर भी मुझे झूठा कहा गया।।

149
अब तो मेरे आंसू भी नहीं आते
दर्द के समंदर आते हैं
और खुशी के पल नहीं आते
दर्द इतना बढ़ चुका है कि अब
आपने भी याद नहीं आते।।

148
तुम्हें हम से क्या शिकायत थी
शायद तुम्हें हमसे मोहब्बत ही नहीं थी
और ना हमें दर्द में देखकर
तुम्हारे चेहरे पर वह गम की लकीर ही नहीं थी।।

149
शायद वह मुझे दर्द देकर खुश रहती है
पर मैंने तो हर बार यही मांग रहा था
कि वो खुश रहे इसमें गलती उसकी भी नहीं
मैं नहीं चाहता कि मेरी मोहब्बत दर्द मैं रहे।।

150
अब मैं किसी से क्या चाहूंगा
सबकी किस्मत में लिखा है एक दिन मरना
और मैं भी मर जाऊंगा
बस इतना सा रहेगा मलाल जिंदगी मैं
क्यों मोहब्बत नहीं मिली
किसी से मैं कभी सच्चा प्यार कर पाऊंगा।।

151
बहुत दर्द है तो मैं बतलाऊं क्या
इसके लिए क्या मैं मर जाऊं क्या
क्या मरना ही है बस रास्ता बचा है
और बताओ मैं उसके लिए क्या कर जाऊं क्या।।

152
सारी शिकायतें उसे मुझसे ही रहा करती है
वह मुझे अब भी गलत ही समझा करती है
मैं उसे कर लूं कितनी भी मोहब्बत
वह मुझे दूसरों के सामने अबे पागल कहा करती है।।

153
दूसरों से मेरी बुराई करना उसे अच्छे से आता है
पर मुझसे कभी मोहब्बत करना उसे नहीं भाता है
मैं ही रहता हूं हमेशा उसके इंतजार में
वह तो किसी और के ही साथ खुशी मनाता है।।

154
आज भी उसे मेरी फिक्र नहीं है
मैं मर जाऊं तो उसे कोई गम नहीं है
तो फिर क्यों करूं मैं उससे मोहब्बत
जब उसे मेरी मोहब्बत की कद्र ही नहीं है।।

155
मैं जहां भी जाऊंगा उसके साथ नहीं रहूंगा
उसकी यादों को दिल में नहीं रखूंगा
मोहब्बत तो करूंगा पर कभी मोहब्बत में खुद को फना नहीं करूंगा।।

156
यह दर्द अब मेरा कुछ बिगाड़ नहीं सकता
मुझे यह मार नहीं सकता
मैं तो कब का मर चुका हूं अंदर से
यह मुझे अब और ज्यादा दर्द नहीं दे सकता।।

157
एक दिन तुम मेरी कब्र पर रोने आओगे
पर तुम मुझे उठा नहीं पाओगे
मैंने की थी तुमसे मोहब्बत यह याद रखना
और तुम उस मोहब्बत को कभी भुला नहीं पाओगे।।

158
हम तो मर के भी तुम्हें याद आएंगे
आसमान में तारा बन जाएंगे
जब कभी खुशी आएगी तुम्हारे दिल में
तो हम उसी वक्त टूट कर जमीन पर गिर जाएंगे।।

159
तुम्हारे लिए मैंने हमेशा दुआ की है
कितना भी दर्द सहा हो पर तुम्हें हमेशा खुशी दी है
तुमसे मैंने कुछ नहीं मांग रहा
पर तुमने तो मुझसे मोहब्बत भी नहीं की है।।

160
एक बात का दर्द मुझे सता रहा है
मैंने किसी गलत इंसान से मोहब्बत की थी
आज ही वक्त मुझे बता रहा है
शायद मैं गलत हूं पहली बार
इसलिए आज मुझे इतना दर्द मिल रहा है।।

161
इसी दर्द में मैं एक दिन फना हो जाऊंगा
तुम्हारी मोहब्बत से जुदा हो जाऊंगा
तुम देखती रह जाओगी मुझे
और मैं हमेशा के लिए सो जाऊंगा।।

162
मेरे बाद तुम भी खुश नहीं रह पाओगी
किसी और से मोहब्बत नहीं कर पाओगी
तुम भी तड़पेगी मेरी याद में
तुम मुझे कभी अपने पास नहीं पाओगी।।

163
जब भी खुद को आईने में देखोगी
मैं याद आ जाऊंगा
मैं तुम्हें हर पल सताऊंगा
तुम भी रो पड़ोगे मुझे याद करके
और मैं तुम्हें इस कदर बहुत रुला लूंगा।।

164
कुछ बातें मुझे आज भी याद आती है
जो मेरे दिल को छलनी कर जाती हैं
तुम शायद भूल गई होगी उस मोहब्बत को
वो मोहब्बत आज भी मुझे रुलाती है।।

165
यह बार-बार तुम्हारा आना जाना अच्छा नहीं लगता
किसी और से तुम्हारा मोहब्बत करना अच्छा नहीं लगता अगर नहीं रहना चाहती मेरे साथ तो बता दो
तुम्हारा यह बेवफाई करना अच्छा नहीं लगता।।

166
इस तरह मैं भी एक रोज तुम्हे भुला दूंगा
तो मुझे याद नहीं करोगी मुझे
तो मैं भी तुम्हारी हर याद मिटा दूंगा।।

167
मोहब्बत में हम कभी नहीं रोएंगे
दर्द तो बहुत होगा मगर हम भी रातों में सोएंगे
आखिर कब तक जाकर तुम्हारी याद में रोए
क्योंकि अब हम किसी के नहीं होंगे।।

168
हर बार मुझे रुलाती हो छोड़ कर चली जाती हो
हर बार दर्द देती हो मुझे
हर बार मरहम लगाती हो।।

169
तुम्हें क्या लगा था मैं तुम्हें ऐसे ही जाने दूंगा
अरे मोहब्बत की है मैंने
और जो तुमने दिया है दर्द मुझे
उस हर बात का बदला लूंगा।।

170
अब यह दर्द भी मुझे अच्छा लगने लगा है
क्योंकि यह कम से कम झूठ नहीं बोलता
और तुम्हारा दिया हुआ तो सब कुछ अच्छा था
पर अब यह मुझे जिंदा नहीं छोड़ता।।

171
कुछ लोग जीते हैं जीने के लिए
पर मैं सिर्फ तुम्हारे लिए जी रहा हूं
पर अब नहीं जिया जाता मुझसे
क्योंकि मैं अब अंदर से मर चुका हूं।।

172
मैं अब यह दुनिया छोड़ कर चला जाऊंगा
तुमसे हर रिश्ता नाता तोड़ कर चला जाऊंगा
जाओ तुम खुश रहना अपनी जिंदगी में
मैं भी अब तुमसे बहुत दूर चला जाऊंगा।।

173
यह दुनिया मुझे अच्छी नहीं लगती
मुझे सबसे दूर जाना है
और मोहब्बत की है मैंने तुमसे
यह मेरी सबसे बड़ी गलती थी
यह मुझे आप सब को बताना है।।

174
हमको कुछ इस तरह आप अपना ध्यान रखेंगे
हमारा नाम नहीं लेंगे और ना तो मैं याद रखेंगे।।

175
हम तो दर्द में जी लेंगे
पर तुम्हें कभी बद्दुआ नहीं देंगे
हमने की थी तुमसे मोहब्बत
इसीलिए तुम्हें कभी धोखा नहीं देंगे।।

176
यह दर्द भरी रहती हो तुम
मुझे और ज्यादा मिटा नहीं सकता
मैं तो खुद मिट चुका हूं अब
यह मुझे और सता नहीं सकता।।

177
मुझे चाहे कितना भी दर्द मिले
पर तुम्हारी खुशी से मुझे खुशी मिलती है
और जब तुम हंसती हो तो
मुझे दर्द में भी राहत मिलती है।।

178
अब मैं तुमसे कुछ नहीं कहूंगा
ना ही तुम्हें जाने से रोक लूंगा
तुम्हें कर लिया मुझे दर्द देने का फैसला
तो मैं से हंसते-हंसते सह लूंगा।।

179
मैं भी तुम्हें एक दिन छोड़ कर चला जाऊंगा
तुम्हारे पास कभी वापस नहीं आऊंगा
तुम पुकारोगी मुझे बहुत बार
तुम्हें कभी अपनी शक्ल नहीं दिखाऊंगा।।

180
तुमने जो दिया है दर्द वह मैं तुम्हें कभी नहीं दूंगा
क्योंकि मैंने की है मोहब्बत
इसीलिए तुम्हें कभी दुख नहीं दूंगा।।

181
एक बात तुम हमेशा याद रखना
तुम मुझे छोड़ कर रही हो यह याद रखना
और जब भी तुम्हें दर्द होगा तुम मुझे पुकारना
पर मैं नहीं आऊंगा
क्योंकि तुम मोहब्बत में मेरी नफरत भी याद रखना।।

182
तुमसे अब इतनी नफरत हो गई है
कि तुम्हारा चेहरा भी अच्छा नहीं लगता
तुम चाहे कुछ भी कर लो मेरे लिए
फिर भी अब तुमसे मोहब्बत करने को जी नहीं करता।।

184
तुमसे तो कब का नाता तोड़ चुका हूं मैं
जबर्दस्ती का रिश्ता निभा रहा था
जब से देख रहा था तुम्हें किसी गैर की बाहों में
तब से ही मैं अपने मरने का मातम मना रहा था।।

185
एक बात जो मैं हमेशा तुमसे प्यार करता था मोहब्बत में दिन को रात किया करता था और जब मिल चुका है मुझे दर्द बेशुमार तो अब मैं किसी पर ऐतबार नहीं किया करता था।।

186
तुम से क्या गिला करनी तुम से क्या शिकवा करनी
तुमने जब साथ ही नहीं दिया तो फिर तुमसे क्या मोहब्बत करनी।।

187
मोहब्बत में हर हद से गुजर जाते हैं
जिस्म की चाहत में मोहब्बत भूल जाते हैं
पर मैंने तो कभी तुम्हें तुम्हारी मर्जी के बिना छुआ भी नहीं फिर तुमने मुझे क्यों इतना बेशुमार दर्द दिया
जब मैंने तुमसे मोहब्बत में कभी बेवफा किया नहीं।।

188
जब भी कभी तुम अपने पुराने दिन याद करोगी
तुम मुझे हर पल याद करोगी
भुला नहीं पाओगी मुझे
और हर दम अपने दिल में रखगि।।

189
तुम्हारे लिए ही तो सब कुछ किया था मैंने
तुम्हारे लिए ही तो इतना दर्द सहा था मैंने
पर मेरे पास कुछ नहीं रहा
जब मेरे पास किसी का भरोसा नहीं रहा।।

190
मोहब्बत पर से तो कब का भरोसा उठ चुका है
अब मैं किसी के साथ रहना नहीं चाहता
और कोई कितना भी कह ले मुझे कुछ भी
मैं अब उसको देखना नहीं चाहता।।

191
किसी बेवफा से मोहब्बत करने से अच्छा है
मैं अपने आप को दर्द दे दूंगा
और उससे बात करने से अच्छा है मैं अकेले में रो लूंगा।।

192
अब उससे बात करना मुझे अच्छा नहीं लगता
क्योंकि उसका चेहरा मुझे अच्छा नहीं लगता
दर्द ही तो दिया है उसने मुझे और अब ये दर्द
अच्छा नहीं लगता।।

193
तुमने क्या सोचा था तुम्हें ऐसे ही छोड़ दूंगा
अरे तुमने भी मुझे दर्द दिया है मैं भी तुम्हें कुछ तो दूंगा
पर मैं तुम्हारे जैसा नहीं हूं मैं तुम्हें कभी गम नहीं दूंगा।।

194
अब जब तुम किसी दिन किसी और की हो जाओगी
फिर तुम मुझसे मिलने पर भी नही आओगी
यही बात सोचकर हरदम दिल में दर्द रहता है
और मोहब्बत की है मैंने इसीलिए मेरी आंखों में ही पानी रहता है।।

195
कुछ इस तरह मेरे जख्मों को डायरी कहा गया
मैंने सब कुछ सच कहा फिर भी उसे शायरी कहा गया।।

197
अभी इश्क में क्या नफा और क्या मुनाफा करना
और दर्द में क्या खुशी और क्या गम करना।।

198
आखरी बार कब खुश हुआ था मैं
यह भी भूल चुका हूं
जब से मोहब्बत की है मैंने मैं खुद को भूल चुका हूं
हरदम दर्द ही तो मिला है मुझे मैं तो प्यार करना भी भूल चुका हूं।।

199
कुछ इस तरह तुम मुझे भुला देना
तुम भी मेरे बाद किसी और से दिल लगा लेना।।

200
अब कभी मोहब्बत दोबारा नहीं करूंगा
यह दर्दे सौगात कभी दोबारा नहीं करूंगा
क्योंकि एक बार मर चुका हूं मैं
अब कभी दोबारा अपनी खुशियों से सौदा नहीं करूंगा।।

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