जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाये

दुनिया में हर एक व्यक्ति का शरीर अलग अलग होता है यानि कि हर किसी का सहन शक्ति, रोग प्रतिरोधक क्षमता, जोश, एक समान नहीं होता ख़ासकर महिलाओ के क्षेत्र में तो यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि महिलाएं अपनी एक जान से कई जानो को पैदा करती हैं।

कुछ महिलाए जहां एक बार प्रयास करने के बाद ही प्रेग्नेंट हो जाती है तो वहीं कुछ महिलाए काफी प्रयास करने के बावजूद बच्चा कंसीव नहीं कर पाती हालाकि ऐसा सभी के क्षेत्र में नहीं होता लेकिन जिन माहिलाओ के साथ ऐसा होता है वे महिलाए ऐसा होने पर एक दबाव में आ जाती है।

अगर कोई महिला प्रयास करने के बावजूद बच्चा कंसीव करने में सफल नहीं हो पा रही है तो ऐसे में बच्चा कंसीव करने के लिए महिला और पुरुष दोनो को कुछ खास बातो का ध्यान रखकर खास समय में संबंध बनाना चाहिए आज के इस पोस्ट में हम आपको इसी विषय में जानकारी देने वाले हैं।

अगर आप जल्दी से बच्चा कंसीव करना चाहती है और प्रयास करने के बावजूद महिला गर्भवती नहीं हो पा रही है तो, ऐसे में अगर महिला के शरीर में होने वाले नियमित बदलावो को ध्यान में रखते हुए कुछ खास समय पर महिला और पुरुष संभोग करते हैं तो महिला को गर्भ में आसानी से बच्चा ठहर जाता है।

जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए कब संबंध बनाये

pregnant hone ke liye kab sambandh banaye

1. महिलाएं गर्भवती कैसे होती है

दरअसल महिला के गर्भ में बच्चा तब ठहरता है जब एक पुरूष शुक्राणु एक एक्सएल को फर्टिलाइज करता है ऐसा करने के लिए शुक्राणु सेल को महिला के योनि से गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से फेलोपियन ट्यूब में जाना होता है|

फर्टिलाइजेशन के बाद एक्सएल फेलोपियन ट्यूब के माध्यम से फेलोपियन ट्यूब के द्वारा अंडाशय से गर्भाशय तक जाती है।

महिला और पुरुष के संभोग करने के बाद 5 दिन के अंदर कभी भी महिला का गर्भ धारण हो सकता है, यानी कि पुरूष शुक्राणु महिलाओ के फेलोपियन ट्यूब के वातावरण में 5 दिनो तक रह सकते हैं।

2. सही समय पर करें सम्भोग

प्रेग्नेंट होने के लिए पार्टनर्स को सही समय पर ध्यान देना जरूरी होता है हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार एक तय समय में अगर महिला और पुरुष सम्बन्ध करते हैं तो महिलाओ की प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ जाती है।

रिसर्च में भी यह बात साबित हुआ है कि शादीशुदा जोड़े को बच्चे के लिए प्रयास करने के लिए दोनो का स्वास्थ्य होने के साथ-सथ संबंध बनाने की स्थिति और समय भी बहुत महत्वपूर्ण होता है।

इसके आलावा महिलाओ के गर्भवती होने का समय मासिक धर्म चक्र के फर्टाइल बिंदु पर निर्भर होता है, यदि मासिक धर्म की अवधि 28 दिनों का होता हैै तो महिला आम तौर पर 14 दिन के आसपास ओव्यूलेट होती है।

3. फर्टाइल बिंदु क्या है

दरअसल जब महिलाओ में ओव्यूलेशन की प्रक्रिया ज्यादा तीव्र होती है उसमें आपके फर्टाइल विंडो में ओव्यूलेशन से 5 दिन पहले और ओव्यूलेशन का दिन शामिल होता है।

ऐसे में आपके ओव्यूलेशन से 2 दिन पहले और ओव्यूलेशन के दिनो में गर्भ धारण करने की संभावना सबसे ज्यादा होते हैं।

क्योंकि ओव्यूलेशन के दौरान आपका अंडाशय एग रिलीज करता है और यह आपके गर्भाशय के रास्ते में फेलोपियन ट्यूब के नीचे अपना रास्ता बनाता है।

इस रास्ते पर जब पुरुषो के शुक्राणु महिला एग के साथ मिलते हैं तो उसे फर्टिलाइज कर सकते हैं। इसीलिए अगर महिला गर्भधारण करने के प्रयास में है तो इस बात का खास ध्यान रखें कि वह ओव्यूलेट कब हो रही है।

4. ओव्यूलेशन टाइम कैसे जाने

ओव्यूलेशन का समय जानने के लिए आप अपने पास मासिक धर्म चक्र का कैलेंडर रखें या फिर ट्रैक करने के लिए अपने मोबाइल का भी उपयोग कर सकते हैं।

इसमें प्रत्येक चक्र आपकी मासिक धर्म चक्र अवधि के पहले दिन शुरू होता है और आपकी अगली मासिक धर्म शुरू होने से एक दिन पहले समाप्त होता है।

इसके लिए आपको अपने मासिक धर्म चक्र के मध्य बिंदु की खोज रखनी चाहिए यानी कि अगर आप की मासिक धर्म की अवधि 28 दिनो का है तो आप आम तौर पर 14 दिन के आसपास ओव्यूलेट हो सकती हैं।

महिलाए अपने ओव्यूलेशन का सही समय जानने के लिए ओव्यूलेशन स्ट्रिप का भी प्रयोग कर सकती है। इससे उन्हें यह पता चल पाएगा कि वह कब फर्टिलेट करने वाली हैं इसके मदद से आप अपनी प्रेगनेंसी को सही तरह प्लेन कर सकते हैं।

क्योंकि हर महिला का मासिक धर्म की अवधि और ओव्यूलेशन टाइम अलग अलग होता हैै। लेकिन कुछ महिलाए ऐसी है जिन्हे शायद यह भी नहीं पता कि आखिर ओव्यूलेशन होता क्या है? तो चलिए जानते हैं ओव्यूलेशन के लक्षण के बारे में।

5. ओव्यूलेशन के लक्षण

महिलाओ के पीरियड्स के आसपास का समय ओव्यूलेशन का समय होता है इस समय आम तौर पर शरीर का तापमान 1 डिग्री तक बढ़ जाता है।

इस दौरान महिलाओ की ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन भी बढ़ जाता है और जिसे हम ओव्यूलेशन कीट के द्वारा माप सकते हैं। दरअसल इसके आम लक्षणो में वेजाइनल डिसचार्ज, ब्रेस्ट में खिंचाव और पेट में एक हल्का सर दर्द का एहसास होता है।

6. तापमान में वृद्धि होना

ओव्यूलेशन के दौरान महिलाओ के शरीर के तापमान में तुलनात्मक रूप से वृद्धि हो जाती है अगर आप शरीर के तापमान में मामूली वृद्धि देखे तो यह ओव्यूलेशन का संकेत हो सकता है, हालांकि ओव्यूलेशन के कुछ दिनो बाद भी शरीर का तापमान बढ़ सकता है।

7. योनि स्राव में परिवर्तन

महिला के योनि स्राव में परिवर्तन होना भी ओव्यूलेशन का संकेत हो सकता है, ओव्यूलेशन के दौरान योनि स्राव का बलगम साफ और गाढ़ा हो जाता है जब यह बलगम चिकन और बहुत लचीला दिखे तो आप समझ सकते हैं कि आप ओव्यूलेट हैं।

8. पीरियड अवधि के बाद सम्भोग

महिला के पीरियड की अवधि समाप्त होने के बाद महिला गर्भवती हो सकती है दरअसल महिलाओ के प्रेग्नेंट होने दिनो में पीरियड्स के बाद का ओव्यूलेशन वाला 5 दिन शामिल होता है।

अगर आप गर्भधारण करने की योजना बना रहे हैं तो आपको हफ्ते में दो से तीन बार सम्बन्ध करने की सलाह दी जाती है। दरअसल पीरियड्स के बीच में प्रेग्नेंट होने के निशान कुछ दिनों बाद तक पाए जा सकते हैं जैसे कि पीरियड्स के 6 दिन पहले और 4 दिन बाद इसके लिए आदर्श माना जाता है।

महिलाओ के महावारी चक्र के दौरान अगर पुरुष और महिला हर दूसरे या तीसरे दिन संबंध बनाए तो महिला के गर्भ धारण करने की संभावना ज्यादा होती है।

ऐसा होने पर यह पहले से तय होकर रहता है कि जब महिला के अंदर अंडे रिलीज होंगे तब महिला के शरीर में पुरुष शुक्राणु पहले से ही मौजूद रहेंगे।

क्योंकि पुरुष स्पर्म महिला गर्भाशय के अंदर करीब 72 घंटे तक जीवित रह सकते हैं, इसीलिए ओव्यूलेट होने से 3 दिन पहले सम्बन्ध करने से प्रेग्नेंट होने की संभावना बढ़ जाती है।

ओव्यूलेशन से पहले सम्बन्ध करते रहने से गर्भाशय में पहले से मौजूद स्पर्म अंडे के निकलते ही उन्हें फर्टिलाइज कर देते हैं।

9. ओव्यूलेशन पीरियड से पहले सम्भोग

इस ओव्यूलेशन पीरियड के बाद महिलाओं के पास गर्भ धारण करने के लिए 12 घंटे का समय होता है और ऐसा इसलिए क्योंकि ओव्यूलेशन के बाद एक अंडे का जीवनकाल केवल 24 घंटे का होता है।

इसका मतलब यह है कि अगर ओव्यूलेशन के बाद 12 घंटे के अंदर ही एग को फ़र्टिलाइज़र नहीं किया गया है तो महिलाओ में गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है।

क्योंकि ओव्यूलेशन के बाद महिलाओ में फर्टिलाइज का समय बहुत कम होता है और इसीलिए अगर महिला प्रेग्नेंट होना चाहती है तो ऐसे में महिला व पुरुष को अपनी प्रेगनेंसी की संभावना बढ़ाने के लिए महिला के ओव्यूलेशन पीरियड के समय से पहले ही शारीरिक संबंध बनाना शुरु कर देनी चाहिए।

10. फार्टिलेशन कब होता है

महिलाओ में ओव्यूलेशन के बाद ही प्रेगनेंसी संभव होती है और फार्टिलेशन तब होता है जब महिलाओं की ओवरी से एग रिलीज होते हैं।

यह एग स्पर्म से फर्टिलाइज होने के बाद प्रेगनेंसी की स्थिति बनाते हैं और एग रिलीज होते हैं। उस समय अगर महिलाओ के फेलोपियन ट्यूब में स्पर्म मौजूद होते हैं तो इसकी पूरी संभावना होती है कि अब एग फ़र्टिलाइज़र हो जाएगा।

दरअसल आपकी फर्टाइल विंडो हर महीने 6 दिन तक रहती है और इन 6 दिनो में डिंब उत्सर्जन से पहले के 5 दिन और एक डिंब उत्सर्जन का दिन शामिल है।

यानि जब आपके अंडाशय से डिंब जारी होता है तो इसे ही डिंब उत्सर्जन कहा जाता है अंडाशय से बाहर आने के बाद आपका डिंब करीब 1 दिन तक जीवित रहता है, वहीं शूक्राणु आपके गर्भ में करीब 1 हफ्ते तक जीवित रह सकता है।

11. सम्भोग के बाद महिलाए किस स्थिति में रहें

गर्भधारण करने के लिए संभोग के बाद महिलाओ को लेटे रहना चाहिए कहा जाता है कि ऐसा करने से सम्भोग के बाद पुरूष वीर्य को महिला की योनि और ग्रीवा के आसपास बने रहने की संभावना अधिक होती है।

हालांकि हर वीर्यपात के साथ लाखो शुक्राणु निकालते हैं इसीलिए अगर आप संभोग के बाद खड़े भी हो जाते हैं तो भी आपकी महिला योनि में पर्याप्त शुक्राणु होते हैं जो गर्भ धारण करने के लिए काफी होते हैं।

12. गर्भवती होने के लिए कितनी बार संभोग करना चाहिए

कुछ लोग यह समझ नहीं पाते कि गर्भवती होने के लिए कितनी बार संभोग करना चाहिए क्योंकि यह भी कहा जाता है कि बार-बार संभोग करने से स्पर्म की गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

कुछ अध्ययनो के अनुसार यह भी बताया जाता है कि धीरज के साथ 2 से 3 दिनो की अवधि के बाद एकत्र किए गए शुक्राणु की गुणवत्ता बेहतर मानी होती हैं।

अध्ययनो से यह भी पता चला है कि हर एक-दो दिन में सम्बन्ध करने वाले के पक्ष में गर्भधारण की दर अधिक देखी जाती है।

फर्टाइल विंडो के दौरान दिन के समय एक बार संबंध बनाने से आपके गर्भवती होने की संभावना बढ़ सकती है। हालांकि फर्टाइल विंडो के दौरान आप कई बार संभोग करने का प्रयास कर सकते हैं लेकिन अपने आपको कभी शेड्यूल के लिए मजबूर भी ना करें।

इससे आपमें अनावश्यक स्ट्रेस बड़ जाता है लेकिन इन सबके अलावा जरूरी बात यह होता है कि एक अच्छे संभोग की संख्या वह होती है जिसमें आप सहज महसूस करते हैं।

13. गर्भवति होने की संभावना को कैसे बढ़ाए

संभोग के अलावा कुछ ऐसे कारण भी मौजूद हैं जिससे हम प्रेग्नेंट होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। यानी कि हम अपने दैनिक जीवनशैली में जिन आदतो को अपनाकर चलते हैं उनमें सुधार करने की आवश्यकता है जिससे की प्रजनन क्षमता में कमी ना हो।

जैसे कि पुरुष के लिए महिला साथी को गर्भवती कराने के लिए स्खलन की काफी आवश्यकता होती है लेकिन महिला को गर्भवती होने के लिए चरमोत्कर्ष की आवश्यकता नहीं होती।

प्रजनन क्षमता को बढ़ाने के लिए वजन नियंत्रित होना भी काफी जरूरी होता है अगर महिला या पुरुष ज्यादा मोटे या फिर हद से ज्यादा पतले हैं तो इससे भी प्रजनन क्षमता पर असर पड़ सकता है।

साथ ही धुम्रपान का प्रभाव भी प्रजनन क्षमता को खराब करता है क्योंकि धूम्रपान करने वाली महिलाओ में इनफर्टिलिटी और गर्भपात की संभावना बढ़ जाती है।

महिलाओ में शुक्राणु की गतिशीलता भी कम हो जाती है इसीलिए अगर आप प्रेग्नेंट होना चाहते हैं तो धूम्रपान से दूरी बनाए।

इसके अलावा कैफीन जैसे चाय, कॉफी भी सीमित मात्रा में ही सेवन करना चाहिए, जानकारी के अनुसार बता दें कि 1 दिन में 5 कप से ज्यादा कॉफी का सेवन करने से प्रजनन क्षमता कम हो सकती हैै।

आपकी और दोस्तों:

तो दोस्तों ये था जल्दी प्रेग्नेंट होने के लिए कब संभोग करना चाहिए, हम उम्मीद करते है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद  आप सभी महिलाओं और लड़कियों की हेल्प मिल गयी होगी।

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