Romantic Shayari in Hindi | रोमांटिक शायरी

नमस्कार दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम आपके साथ बेस्ट और बहुत ही रोमांटिक शायरी कलेक्शन शेयर करने वाले है जिसको आप अपने बॉयफ्रेंड, गर्लफ्रेंड या अपने हस्बैंड या वाइफ के साथ शेयर कर सकते हो.

प्यार में रोमांस होना बहुत ही जरुरी है और ऐसे में अगर आप अपने लवर, पार्टनर या प्रेमी, प्रेमिका को रोमांटिक शायरी भेजते हो तब उनको बहुत अच्छा लगता है और उनको लगता है आप भी उसके साथ बहुत ही जायदा प्यार करते हो.

Romantic Shayari in Hindi

रोमांटिक शायरी

romantic-shayari

1
कुछ इस तरह उनसे मोहब्बत हो गई
उनको देखा तो इबादत हो गई
हर पल रहता है उनका ही ख्याल
इस कदर इश्क मै उनकी चाहत हो गई।।

2
वह सोचते हैं हम उन्हें याद नहीं करते
पर उनके बिना हमारा दिल ही कहां लगता है
वह भले ही कितना भी दूर रहे हमसे
हर पल उनका बिना हमारा मन कहां लगता है

3
जब भी मेरे करीब आती है
मेरे दिल में उतर जाती है
मैं बस उसे देखता रहता हूं निगाहों से
और वह मेरी आंखों में डूब जाती है

4
जिंदगी में बस मुझे इतना चाहिए
उसके सिवा कोई दूसरा नहीं चाहिए
वह मेरे साथ ऐसे ही रहे
मुझे उसके अलावा किसी और का साथ नहीं चाहिए

5
मैंने उसे कितना चाहा है
यह तो मैं खुद भी नहीं बता सकता हूं
वह मेरे लिए आसमान का वो तारा है
जिसे मैं कभी अपने से दूर नहीं कर सकता हूं

6
मैंने उससे कितना चाहा है
मैंने उसे कितना दुआओं में मांगा है
वह मेरी तमन्ना है
मैंने उसे ख्वाबों में भी अपने साथ देखा है

7
नजर जब उनकी नजर से मिलती है
तो दिल में कुछ हलचल हो जाती है
और जब हम उनके पास रहते हैं
कि दिल में उनकी हसरत हो जाती है

8
मेने उससे इतना प्यार किया था
जितना मैंने आज तक किसी को नहीं किया था
वह मुझे इतनी प्यारी लगती थी
जितना मुझे कोई नहीं लगता था

9
मेरी जान है वह
मैं उसे अपनी जान बुलाता हूं
मेरे दिल की तमन्ना है वह
मैं उसे अपने घर की रानी समझता हूं

10
मैं जब भी उसके करीब जाता हूं
वह शरमा जाती है
और मुझ से आंखें चुरा कर भाग जाती है
वह मेरे दिल में रहती है इस कदर
वह मुझे बहुत सताती है

11
मुझे तो उस पर बहुत प्यार आता है
हरदम तो मुझे उसका ख्याल आता है
वह मेरे ख्यालों में हमेशा बसी रहती है
मुझे हर वक्त उसके ऊपर प्यार आता है

12
बस मेरे साथ ऐसे ही रहे
मुझे और कुछ नहीं चाहिए
वह मेरी जिंदगी में खुशी बन कर रहे
इससे ज्यादा मुझे और क्या चाहिए

13
उसकी गालों को छूता हूं
तो मुझे अंदाजा होता है
कि वह कितनी हसीन है ।।

14
मैं उसे चूम लेता हूं उसे बाहों में भर लेता हूं
वह मेरी बाहों में इस तरह कैद जाती है
जैसे मैं कोई चांद आसमान से मिल लेता हूं

15
यह हसीन रात आज हो रही है
और मुझे सिर्फ उसकी याद आ रही है
वह मेरी जान लगती थी जानेमन
और वह मुझे इस कदर आज सता रही है
उस पर प्यार भी बहुत आता है
वह मुझे आज फिर से मिलने को बुला रही है

16
मुझसे दूर जाने को कहती है
उसे गले लगा लेता हूं
वह बहुत छुड़ाना चाहती है अपने आपको
पर में भी उसे बाहों में भर लेता हूं

17
वह मुझे अपनी बाहों में कैद करना चाहती है
मैं भी उसकी कैद से आजाद होना नहीं चाहता
मैं बस उसका ही होकर रहना चाहता हूं
मैं भी किसी और का होना नहीं चाहता

18
सफर कुछ इस तरह हम दोनों आधा-आधा तय करेंगे
वह मेरी बातों को समझेगी
हम दोनों एक दूसरे को समझेंगे
वह मेरी जिंदगी में ऐसे ही रहेगी हमेशा
और हम दोनों ऐसे ही प्यार से हमेशा साथ रहेंगे

19
उसका साथ हो तो मुझे हर मुश्किल आसान लगती है
और जब रहती है वो मेरे पास
तो मुझे मेरे दिल की धड़कन में भी तेज लगती है

20
उसकी खुशी में ही मैं अपनी खुशी देख लेता हूं
मैं उससे इतना प्यार करता हूं
वह मुझे जगाती है सुबह मेरे सर को सहला कर
मैं उसके लिए चाय बना देता हूं

21
इश्क उससे इतना हो गया है मुझे
कि मुझे उसके मैसेजेस भी आवाज में सुनाई देते हैं
और मैं उसके दिल मैं बस चुका हु
मुझे उसके जुल्फों से बादल भी साफ दिखाई देते हैं

22
मैं उससे ऐसे ही प्यार करता रहूंगा
मेरा प्यार उसके लिए कभी कम नहीं होगा
वह चाहे कितनी भी दूर चली जाए मुझसे
उसके दिल में मेरा एहसास कभी खत्म नहीं होगा

23
किसी और के साथ में कैसे रह सकता हूं
वह मेरे दिल में जो बस रही है
हम दोनों मिलते हैं ऐसे
जैसे कोई चांदनी रात किसी सितारे से मिल रही है

24
यह मोहब्बत का उसूल भी मुझे समझ नहीं आता
मोहब्बत का गणित अलग होता है मुझे समझ नहीं आता यहां चला जाता है अगर दो में से एक
तो फिर कोई नहीं बचता यह मुझे समझ नहीं आता

25
चांदनी रात में उसके साथ में मैं कहीं निकल पड़ा घूमने
वो मेरे साथ थी मैंने उसे गले लगा लिया था
हम दोनों खो गए थे एक दूसरे में
और हमने चांद को इसका हमराज बना दिया था

26
कुछ इस तरह उसने मुझे अपने दिल तोहफा मैं दिया था उसने कहा था कुछ भी मांग लेना मुझसे
और मैंने उसका दिल ही मांग लिया

27
उससे इश्क का इजहार मैंने जब किया था
वह भी थोड़ा मुस्कुराए थी
मेरे हाथ को चूमकर
उसमें भी मुझसे प्यार की गुहार लगाई थी

28
जब भी दिल करता है मेरा
मैं उसे देख लिया करता हूं
और जब उदास हो जाता हूं कभी
तो उसे गले लगा कर चूम लिया करते हैं

29
क्या उसके सिवा कौन है मेरा
और मैं किसी के पास क्या चला जाऊंगा
मैं तो उसका ही हूं उसका ही होकर रह जाऊंगा
जब वो आ जाएगी किसी दिन
फिर से उसकी बाहों में सो जाऊंगा

30
तुम बस खुश रहा करो
इससे ज्यादा तो मैं और क्या ही तुमसे चाह सकता हूं
और तुम्हारी आंखे इतनी खूबसूरत हैं
मैं इन्हीं में डूब कर सारी जिंदगी नशे में रह सकता हूं

31
नशा कुछ ऐसा चढ़ा है उसकी बातों का हमें
कि हम उसे कभी भुला नहीं पाएंगे
और वह हमारे दिल में ऐसे ही बसी रहेगी
हम उसके बिना कहीं और दिल लगा नहीं पाएंगे

32
मेरे साथ रहना उसे भी अच्छा लगता है
मुझे उसे अपनी जान कहना अच्छा लगता है
वह हमेशा मेरे साथ रहे मैं यही चाहता हूं
मुझे उसका साथ बहुत अच्छा लगता है

33
मैं उसके लिए कितना कुछ करता हूं हमेशा
और वह मुझे गले लगा लेती है
जब भी मैं होता हूं उदास किसी बात से
वह मुझे प्यार से समझा कर अपने पास सुला देती है

34
कितना ख्याल रखती है वह मेरा
यह तो मैं तुम्हें लफ्जों में बता नहीं सकता
और वह मेरी जान है यह दुनिया वालों
उससे ज्यादा मुझे कोई और संभाल नहीं सकता

35
वह भी मुझे हर वक्त संभाल लेती है
मैं भी हर वक्त उसे अपना कहा करता हूं
और वह रहती है मेरे पास इस कदर
तो मैं भी उसे अपनी जान कहा करता हूं

37
उसे अपनी बाहों में भर कर मुझे इतना प्यार करना है
और उसका ही होकर रहना है मुझे
अगर वह चली जाए फिर भी उसका ही इंतजार करना है मुझे।।

38
जिंदगी मैंने उसे माना है
उसे ही मानता रहूंगा
वह मेरी जान लगती है
मैं उसे ऐसे ही प्यार करता रहूंगा

39
मैं बस उसे प्यार से चाहता हूं
और उसे हमेशा मनाना चाहता हूं
वह रहे मेरे दिल में मैं बस इतना ही चाहता हूं

40
वह कभी जब मुझसे लड़ लिया करती है
फिर आज ऐसे ही मुझे खुद मना भी लिया करती है
बहुत प्यार आता है उसे मुझ पर
वह मुझे अपने पास बुला लिया करती है

41
जब मेरे हाथ में उसका हाथ होता है
तो फिर मुझे किसी की जरूरत नहीं होती
वह दुनिया में कितना हसीन है
मुझे उसके सिवा किसी और
खूबसूरत चेहरे को देखने की आदत नहीं होती

42
खूबसूरत कितनी है मैं नशे में बता नहीं सकता
माना कि उससे खूबसूरत और भी होंगे बेशक दुनिया में
पर मैं उससे ज्यादा किसी को चाह नहीं सकता

43
वही जिंदगी है मेरी और वह भी मेरी जान लगती है
मैं कैसे बताऊं अब उसे वह मुझे मेरी परछाई लगती है

44
मेरी उसके लिए क्या नहीं किया
मैंने उसके लिए सब कुछ किया है
जब जब वह गई है मुझे छोड़कर
मैंने उसके लिए सबसे सजदा किया है

45
वह जब भी मेरे पास आती है
मैं उससे कुछ बोल ही नहीं पाता हूं
उसके पास आते ही मेरी धड़कन तेज हो जाती हैं
और फिर मैं भी शर्म आ जाता हूं

46
जब से मैंने पहली बार देखा था
उसी वक्त वह मेरे दिल में उतर गई थी
मुझे तो बस इंतजार था उस मौके का
जब में उसे इजहार कर सकूं
वह तो पहली नजर में ही मेरे दिल में बस गई थी

47
उससे दिल लगी है मुझे
और मैं यह कहने में कभी शर्म नहीं करता
मैं उसे चाहता हूं बहुत बहुत ज्यादा
उसके सिवा किसी और से मोहब्बत नहीं करता

48
मोहब्बत जो हम हमें हैं उससे
फिर हम उसे कैसे किसी को ले जाने देंगे
वह भी तो चाहती है हमें इतना
फिर हम कैसे उसे ऐसे ही छोड़ देंगे

49
जब भी वह मुझसे मिलने आती है
और वापस जाने की बातें करती हैं
मैं उसका हाथ पकड़ लिया करता हूं
वो छुड़ाने की कोशिश बहुत पड़ती है पर
मैं उसे खींच कर गले लगा लिया करता हूं

50
थोड़ी देर और रुक जाओ ना
मैं उसे प्यार से जब कहता हूं
वह मुझे मना नहीं कर पाती है
और फिर मेरे होठों को चूम कर मुझे
वहीं पर छोड़ जाती है

51
इस कदर चाहता हूं मैं उसे
किसी और को नहीं चाहता
जब भी देखता हूं उसे मैं
उसकी आंखों में खो जाता हूं
जैसा मैं किसी के साथ नहीं होता

52
जिंदगी में मैंने उसे सब कुछ दिया है
और वह हमेशा मेरे साथ रहे
मैं हमेशा उसके पास रहूं
और वह हमेशा मेरे पास रहे

53
जब भी उसे कोई परेशानी होती है
मैं हमेशा उसके साथ होता हूं वह सो जाती है
और मैं उसे गले से लगा लिया करता हूं

54
दूर रहकर भी हम दोनों इतने पास हैं
एक दूसरे की सांसो पर दोनों को एहसास है
बिना छुए ही है अब तक हमारी मोहब्बत
फिर भी इस मोहब्बत में बहुत प्यार है

55
जब हम दोनों मिले थे तो हमने
कुछ इस तरह अपने दिल का हाल बयां किया था
वह भी रही थी मेरे इंतजार में
और मैंने भी उसका इंतजार किया था

56
वह मुझे ऐसा लगता था
जैसा कोई और नहीं लगता
जब वह घुमाता है अपने बालों में हाथ
तो उसके जैसा हीरो कोई और नहीं लगता

57
तुमसे जन्नत की परी से कम नहीं लगती
तुम तो आसमान की को पारी लगती हो
तुम्हारे जैसा दुनिया में कोई नहीं है और दूसरा
तुम तो मुझे मेरी जान लगती हो

58
लगता है ऐसे जैसे कोई आसमान से परी उतर आई हो ख्वाबों में देखा हो जिसे वह अप्सरा सामने आई हो ।।

59
जैसे कोई दूध में मलाई हो
हर वक्त तुम्हें देखता रहूं
यही मेरी चाहत है
और तुम्हारे संग हो जाए मेरी हर खुशी पूरी
यही मिलने की चाहत है

59
तुम्हें कांटो से इस कदर बचा कर रख लूंगा
अपने दिल में इस कदर छुपा कर रखूंगा
भवरे भी डरेंगे तुम्हारे ऊपर मंडराने से
मैं तुम्हें इस कदर अपने दिल में बसा कर रखूंगा

60
तुम वो फूल हो जो कभी-कभी खिला करता है
हर किसी को नहीं मिलता आसानी
से जो मुझे मिला करता है

61
जब भी तुम्हें देखता हूं तो लगता है
जैसे कोई चांद आसमान से धरती पर उतर आया है
इसके लिए खुदा ने बनाई है जन्नत
वह आज मेरे सामने आया है

62
ये बहारे और ये मौसम
आज हम दोनों की मिलने की गवाही ही दे रहे हैं
बस तुम वक्त पर आ जाना
और हम खो जाएंगे एक दूसरे में
यह हमारे आज एक दूसरे के साथ होने का एहसास दे रहे हैं

63
मोहब्बत में हमने उन्हें इतना चाहा
कि हमने दिन और रात नहीं देखा
हमने उनसे की मोहब्बत इस कदर
हमने इतवार भी नहीं देखा

64
सफारी मोहब्बत यहीं पर खत्म नहीं होगा
और यह प्यार कभी खत्म नहीं होगा
जब भी मिलेंगे हम दोनों एक दूसरे से कशिश वही रहेगी और इस पर कशीश में कभी वह प्यार खत्म नहीं होगा

65
जब भी कभी वह मेरे सामने आती है
वह मुझे इस कदर चाहती है
हर वक्त लग जाती है मेरे गले से
और अपनी जुल्फों से मेरे चेहरे को छू जाती है

66
सारा मोहल्ला उसका दीवाना है
पर हम जैसा उसे कोई प्यार कर नहीं सकता
हमें है उसके और वो हमारे अलावा
किसी और को चाहा नहीं सकता

67
वह कोई जन्नत की हूर आसमान की परी लगती है
अप्सरा जैसा है उसका बदन
वह मुझे जैसे कोई दूध में मलाई लगती है

68
उसके पास जाता हूं मैं तो मुझे एहसास होता है
और मैं खो जाता हूं उसके प्यार में
मुझे उसके होने का एहसास होता है

69
हवाएं इस तरह से मदहोश हो रही हैं
वह मेरे पास आ रही है मुझे बचा लो कोई
अब तो वह मेरे दिल के करीब आ रही है

70
निगाहें ऐसी किसी को भी घायल कर दें
और रंग रूप ऐसा जो किसी को भी पागल कर दे
उसकी निगाहों में है जादू
जो किसी को भी दीवाना कर दे

71
उसके साथ रहने की इतनी तमन्ना होती है
हर वक्त उसके साथ रहने की चाहत होती है
और चली जाती है मुझे छोड़ कर
मुझे उसकी ही मोहब्बत होती है

72
मोहब्बत हमें उनसे कुछ इस कदर हो गई है
उनसे ही मिलते हैं और उनकी ही चाहत हो गई हैं
वह है इतनी खूबसूरत कि
उन्हें देखते ही यह हवाएं भी मदहोश हो गई हैं

73
जब नहाकर मेरे पास आती है
मुझे अपनी नशीली निगाहों से देखती है
मैं प्यार में खो जाता हूं उसके
जब वो बालों को मेरे ऊपर छटकती है

74
उसकी तो जुल्फे ही कितनी खूबसूरत होती हैं
मैं उसके हमेशा पास होता हूं
उसके होठों को चूम कर में हमेशा उसके नशे में होता हूं

75
उसके होठों को चुम्मा तो अंदाजा हुआ
वह चिकनी अच्छी लगती है
वह मुझे हमेशा मेरे पास लगती है
उसके जैसा कोई भी नहीं है
वह मुझे हमेशा मेरे ख्यालों की रानी लगती है

76
वह बस रहे साथ मुझे इतना ही चाहिए
और मुझे उसके अलावा कोई और नहीं चाहिए
वह मोहब्बत है मेरी यकीनन
और मुझे उस मोहब्बत के अलावा कोई और नहीं चाहिए

77
बारिश आई है और मौसम कितना सुहाना हुआ है
उसको देखने से मेरा मन कितना बावला हुआ है
मैं इसे ही देखता हूं उसे बारिश में
हम दोनों का तन बदन
एक दूसरे के पास भी ना हुआ है

78
मोहब्बत हमेशा ही करते रहें
और उसके अलावा तो कोई चाहत नहीं है
वह बस रहे मेरी होकर
मुझे इसके अलावा और किसी की जरूरत नहीं है

79
मैंने उसे हमेशा लिखा है अपनी शायरियों में
और वह मुझे हमेशा प्यार करती रही है
वह है मेरी मैं बस उसका हूं
वह मेरा ऐसे ही इंतजार करती रही है

81
आज शाम का मौसम है और वह मेरे साथ बैठी है
बिना कहे ही समझ रहे हैं हम एक दूसरे के जज्बातों को और हो मेरे हाथों में हाथ लिए बैठी है

82
जब भी बारिश आती है मौसम सुहाना हो जाता है
मेरा दिल उसका दीवाना हो जाता है
बस वो मेरी रहे मैं यही चाहता हूं
वह मेरे बिना किसी और का हो जाता है

83
मैं उसे किसी और का होने दे नहीं सकता
क्योंकि वह मेरे दिल का वह सितारा है
जिसे में टूट कर बिखरने दे नहीं सकता

84
मैं उसकी खुशी चाहता हूं
उसे खुश देखने से मुझे खुशी मिलती है
और वह हमेशा रहे हैं ऐसे ही
खुश इसी में मुझे मेरे इश्क की झलक मिलती है

85
रूप उसने उसका ऐसा है
जो किसी को भी दीवाना बना दे
चाल उसकी ऐसी है जो किसी को भी मत वाला बना दे उठे जब उसकी नजरें तो किसी का भी कत्ल कर दे
उसका हुसन किसी को भी मदहोश कर दे

86
जब पहली बार नजर से नजर टकराई थी
दिल में कैसी अजीब सी उमंग भर आई थी
मैंने उसे नजर भर देखा भी नहीं
वह मोड़ पर वापस चली आई थी

87
उसकी मोहब्बत पर मैंने कभी शक नहीं किया
मैंने कभी उसको खुद से दूर नहीं किया
वो हमेशा रही मेरे पास मेरा साया बनकर
मैंने उसके अलावा किसी और से प्यार नहीं किया

88
वह मेरी चाहत है वह मेरी इबादत है
मैं उसके अलावा किसी और को क्या चाहूंगा
और वो रहेगी मेरे पास हमेशा मेरी याद बनकरर
मैं उसके सिवा किसी और से क्या मोहब्बत पर पाऊंगा

89
मोहब्बत हम दोनों इस कदर एक दूसरे से करते रहेंगे
एक दूसरे एहसासों में हम लोग होते रहेंगे
वह मेरी होकर रह जाएगी और हम उसके होकर रहते रहेंगे

90
मैं उसे सिर्फ इतना चाहता हूं
वह मुझे इतना ही चाहती रहे
जितना मैं उसे चाहता हूं

91
दिल लगा लिया हमने उसके बिना कहीं और
वह भी कहीं और दिल लगा बैठे हैं
पर आज भी मोहब्बत बाकी है
तभी वह आज भी अपने आप को हमे सौंप बैठे है।।

92
मैंने सोचा था हमारी मोहब्बत जिस्म में नहीं ढलेगी
पर जब उसको देखा तो मुझे कुछ होश नहीं रहा
उसके इश्क में और उसके होश में इस कदर पागल हो गया मैं कि मुझे मेरी किसी बात का होश नहीं ना

93
जब भी उसको मैं देखता हूं वह मुझे उसी तरह लगती है इस तरह वह पहले लगा करती थी
आज भी मोहब्बत है उसे मुझसे
और वह आज मेरी जान लगा करती है

94
मैं उसे जब भी कहता हूं तुम बहुत खूबसूरत लग रही हो उसकी अदा है वह शरमा जाती है
और वह कितनी प्यारी लगती है
जब वह आंखों में काजल लगा आती है

95
तेरे कान का झुमका मुझे इतना पसंद है
जब वह हवा में लहराता है उसकी बात ही अलग होती है मदहोश कर जाता है तेरी आंखों का काजल
तेरी आंखों की बात ही निराली होती है

96
तेरी हर अदा का जवाब नहीं
तेरी हर अदा लाजवाब है
मैं तो तेरे प्यार में पागल हूं
और तू मेरा एक ख्वाब है

97
तू साथ रही इसके अलावा तो और मुझे क्या चाहिए
तेरे सिवा मुझे और किसी की मोहब्बत नहीं चाहिए
मैं बस तुझे चाहता रहूं इतना ही बहुत है
मुझे तेरे अलावा कोई और इश्क नहीं चाहिए

98
सफर कुछ इस तरह दोनों हमने तय किया है
हम उसके बिना मोहब्बत राजा हो पूजा है
जब आए वह हमारे सामने तो
हमने उसे फिर से बाहों में भर लिया है

99
इतना नशा आप तो किसी शराब में भी नहीं होता
जितना उसकी आंखों में है
उसकी आंखों में डूब जाते हैं अच्छे-अच्छे उ
सकी मोहब्बत में नशा वह है

100
उसका कोई कसूर नहीं जो हर कोई उसे पसंद करता है वह है ही इतनी खूबसूरत कि हर कोई उस पर मरता है
पर उसे कोई मेरे अलावा और देखिए मैं नहीं चाहता
मेरे अलावा उसे कोई और मुहब्बत करे
यह मैं नहीं चाहता

101
उस पेड़ की छाया इतनी हसीन थी
इस पेड़ के नीचे में बैठा करता था
और वो लड़की इतनी खूबसूरत थी
जिसे मैं अपने गले से लगा कर सो जाया करता था

102
उसे अपना हमसफर बनाने के
सपने जो मेने देखे थे
वह आज अब पूरे हो रहे हैं
मैं सो रहा हूं
और वह मुझे अपने होठों से चूम कर उठा रही है

103
उसके होंठ इतनी मुलायम हैं
जैसे किसी ने गुलाब की पंखुड़ियां रख दी हो
उसके होठों को चूम लेता हूं
मुझे तो लगता है ऐसा जैसे किसी ने मुझे जन्नत दिखा दी हो

104
अब तुम जिसके साथ रहती हो
वह मैं ही हूं, ये मैं उसे कहा करता हूं
पर तुम मोहब्बत हो मेरी जान यह मैं उसे बताया करता हूं

105
पता उसका लेते आना जो अब कहां रहा करता है
इसे मोहब्बत थी हमसे
और क्या हमारे बारे में पूछा करता है
आज मिला है वह मुझे फिर से
और फिर मेरे होठों को चूमा करता है

106
मिली है जो मोहब्बत हमें उससे
हम उसके मदहोशी अभी तक छाई है
हम नहीं उठे हैं बरसों से
और वह हमारे पास आई है

107
अब सफर कुछ इस तरह हो गया है
हमारा हम दोनों एक दूसरे के बिना रह नहीं सकते
वो सो जाती है मेरी बाहों में
हम एक दूसरे की अलग होकर रह नहीं सकते

108
हर रात में उसकी तारीफ करता हूं
फिर भी उसे खुद की तारीफ कम लगती है
वह कहती है तुम मेरी तारीफ नहीं करते
तब मैं कहता हूं तू इतनी खूबसूरत नहीं लगती है

109
मैं उस पर गुस्सा छोड़ देता हूं उसे हर बात पर चढ़ा देता हूं फिर वह आती है मेरे पास और मुझसे लड़ती है
और मैं फिर उसके होठों को चूम लेता हूं

110
वह तो गुस्से में मुझे और भी प्यारी लगती है
वह मुझे मेरी हमसफर इतनी प्यारी लगती है
मैं हमेशा खो जाता हूं उसकी आंखों में
वह मुझे किसी हूर की परी लगती है

111
भाई वो खुश इसके अलावा और मैंने क्या चाहत की है उसके अलावा मैंने किसी और से क्या मोहब्बत की है हमेशा मैंने उसकी ही इबादत की है

112
सफर सफर में हर बार बात करता था
और उसके बिना मेरा सफर तू अधूरा है
और मैं आज भी उससे मुलाकात करता हूं
तो वह मुझ में समा जाती है
क्योंकि हम दोनों का प्यार आज भी सच्चा है

113
मोहब्बत उससे इस कदर है कि है
उसे देखते ही मैं अपने होश खो बैठता हूं
और वह खूबसूरत इतनी है कि
मैं उसे देखते ही अपने आपको उसे दे बैठता हूं

114
लगी है जो आग मोहब्बत की दोनों तरफ
उसे हम दोनों ही बुझा नहीं सकते
और वह मोहब्बत बन चुकी है अब
हम उसे भुला नहीं सकते

115
मैंने जब जब उसे देखा है
मैंने तब तक उसे उसी तरह देख रहा है
इस तरह मैंने उससे मोहब्बत की थी
मैंने उसे उतना ही खूबसूरत देखा है

116
आजकल कुछ ज्यादा ही नहीं कर रही है
शायद मेरे प्यार का असर हो रहा है
इसीलिए तो वो आजकल
मेरे प्यार में ज्यादा सवर रही है

117
मोहब्बत उसमें हमें इस कदर हो रही है
उसकी चाहत अब रातों में भी कायम हो रही है
हमें भी चाहता हूं वह मेरे साथ आ जाए
मेरी मोहब्बत भी अब जिस में मिल रही है

118
अब हम भी एक दूसरे को इस कदर चाहने लगे हैं
मोहब्बत में हम दोनों दीवाने भी अब पागल होने लगे हैं
मैं चाहता हूं वह हमेशा ऐसी कदर मेरे साथ रहे
और अब हम एक दूसरे से और भी ज्यादा प्यार करने लगे हैं

119
मैं उसे कहता हूं उसे ऐसा करने की क्या जरूरत है
वह तो ऐसे ही बहुत खूबसूरत लगती है
वह तो कोई अप्सरा है जन्नत की
वह मुझे हर वक्त प्यारी लगती है

120
जो प्यार मुझे उससे है
वह प्यार मुझे किसी और से कभी नहीं होगा
और मैं हमेशा करता रहूंगा उससे ही मोहब्बत
चाहे वह कैसी भी लगे
मेरा उसके लिए प्यार कभी कम नहीं होगा

121
वो मोहब्बत है मेरी
मैं उसे ऐसे जाने दे नहीं सकता
और मैं उसके अलावा
किसी और से प्यार कर नहीं सकता

122
जब वो मेरे सामने आई थी
मेरे दिल ने ली अंगड़ाई थी
वह मुझे चाहती है इस कदर
फिर मैंने उसे बाहों में भर कर जब प्यार किया
तो वह बहुत शर्म आई थी

123
जब भी मैं उसकी तारीफ करता हूं
वह शर्मआ जाती है
मैं रहता हूं उसके पास
और वह मेरे पास आ जाती है

124
बहुत प्यार आता है उसे मुझ पर
वह बहुत खूबसूरत लगती है
वह जान है मेरी वह मुझे बहुत प्यारी लगती है

125
उसके प्यार के बारे में अब मैं क्या कहूंगा
मैंने कभी उसकी मोहब्बत पर शक नहीं किया
वह तो मेरी चाहत रही है हमेशा से ही
मैंने उसके अलावा कभी किसी और से प्यार नहीं किया

126
प्यार मोहब्बत इश्क
मुझे उससे मिलने के बाद ही समझ आया
और फिर मैं खो गया उसकी आंखों में इस कदर
कि मुझे फिर किसी और का ख्याल नहीं आया

127
मुझे उसके अलावा कोई और कहां दिखाई देता है
मुझे तो अब हर जगह बस वो ही वह दिखाई देता है
उसके लिए यह मेरा सब कुछ
मुझे उसके अलावा कोई और दिखाई नहीं देता है

128
मोहब्बत हम दोनों की अब हद से ज्यादा बढ़ रही है
प्यार में अब इस तरह की आयतें बढ़ गई हैं
दोनों के बंधन हैं एक दूसरे के
फिर भी मोहब्बत में यह कशिश बढ़ रही है

129
हम एक दूसरे के साथ इस कदर बन चुके हैं
कि अभी दूसरे से दूर जा नहीं सकते
वो मोहब्बत है हमारी हमसे कभी छोड़ नहीं सकती

130
वह मुझसे प्यार करती है
मैं भी उससे प्यार करता हूं
वह भी सो जाती है मेरी बाहों में
और मैं उससे प्यार करता हूं

131
मेरे लिए वो भी अपनी जान दे सकती है
मैं भी उसे जान से ज्यादा प्यार करता हूं
मैं मरता हूं उसकी हर अदा पर
उसके झुमके से भी मोहब्बत करता हूं

132
मैंने जब उसे पहली बार देखा देखा था
तो पहली नजर में ही उससे प्यार हो गया था
फिर मैंने किया उसका बहुत इंतजार
और फिर उसे भी मुझसे इजहार हो गया था

133
हर वक्त वो पास नहीं रहती
फिर भी उसका ख्याल मेरे दिल में उतर जाता है
और जब वह आती है मुझसे मिलने
तो फिर यह प्यार सारी हदें भूल जाता है

134
हमने भी मोहब्बत में हर हद पार कर दी
हमने भी एक दूसरे को खुद को सौंपकर
मोहब्बत एक दूसरे पर जानिसार कर दी

135
अब क्या कहूं मैं उसके बारे में
वह तो कोई चांद की रोशनी लगती है
उसके सामने चांद भी फीका है
वह अमावस की रात में निकली हुई हूर लगती है

136
उसे कभी दूर जाने का मेरा मन करता ही नहीं है
हर समय में उसके पास रहना चाहता हूं
और बस ऐसे ही सोता रहा हूं उसकी गोद में सर रखकर
मैं बस सिर्फ उस पर उसका होकर रहना चाहता हूं

137
जब कभी हम दोनों शाम को चाय पर मिलते हैं
उन्हें उसे अपने हाथों से चाहे पिलाया करता हूं
और जब वह कर देती हो थोड़ा ज्यादा गुस्सा
तो मैं फिर उसे होठों से छू लिया करता हूं

138
वह गुस्से में और भी ज्यादा प्यारी लगती है
जब वह मुझे कुछ कह दिया करती हैं
मैं मना लेता हूं उसे और गले से लगा लेता हु
और वह फिर से मुझे दूर कर दिया करती है

139
उसे मेरी एक आदत कभी पसंद नहीं आती
कि मैं उस पर कभी गुस्सा नहीं करता
हमेशा प्यार करता हूं उस पर कभी नाराज नहीं होता

140
कभी-कभी दोनों इश्क में इस कदर डूब जाया करते हैं
कि दोनों फिर एक दूसरे के हो जाएं करते हैं
मिल जाती है इस मोहब्बत को भी इजाजत सब कुछ करने की और हम सब एक दूसरे में खो जाए करते हैं

141
रहे जो हम एक दूसरे के पास
तो फिर हमें किसी और से क्या चाहिए
हमें तो मोहब्बत सिर्फ उनसे है
उनके अलावा हमें क्या चाहिए

142
जब भी उसकी तस्वीर देखता हूं
मैं उसको अपने सामने पाता हूं
ख्यालों में बस चुकी है वह मेरे
मैं उससे इतना मोहब्बत करता हूं

143
इन हवाओं से कह दो यह उसका पैगाम लाती है
उसकी जुल्फे लहराती है हवा मैं
और मुझे मदहोश कर जाती है

144
मुझे यह भी मंजूर नहीं कि उसे मेरे अलावा कोई और देखे है और मुझे यह भी मंजूर नहीं कि
उसने कोई मेरे अलावा चाहे
सिर्फ मैं उससे प्यार करता रहा हूं
यही मेरी इबादत और उसकी चाहत है।।

145
उसकी मोहब्बत ने हमें पागल बना दिया
हमने सब कुछ किया उसके लिए
उसने हमें इश्क में इतना मजबूर बना दिया
और आशिक होकर नहीं हम
उसकी हर अदा ने
हमें अपना दीवाना बना दिया

146
उसने कहा मोहब्बत में रोना पड़ता है मैंने कहा रोलूंगा उसने कहा मैं छोड़ कर चली जाऊंगी मैंने कहा सह लूंगा फिर उसने कहा कितनी मोहब्बत करते हो मुझसे
मैंने कहा तुम्हारे लिए अपनी जान भी दे दूंगा

147
रहे चाहत और मोहब्बत दोनों को एक दूसरे से इस कदर और दोनों एक दूसरे की बात मानते रहे
मोहब्बत करते रहे दोनों इसी तरह हम
एक दूसरे में समाते रहे

148
लगी है जो आग दिलो मैं उसे बुझायेंगे कैसे
वो रही है हमसे मिलने
आज मोहब्बत आंखों से पर्दा हटाए कैसे

150
वह मुझे सूट में भी खूबसूरत लगती है
वह मुझे साड़ी में और प्यारी लगती है
और पहने वो कोई सा भी कपड़ा
अपने शरीर पर
वह मुझे हर लिबाज में खूबसूरत लगती है

151
हमें तो उसकी आवाज से भी मोहब्बत है
और कितना प्यारा बोला करती हैं
मैं आज भी सुनता रहता हूं उसकी आवाज को
जब वो मुझसे कभी दूर जाया करती है

152
उसकी आवाज को जब मैंने पहली बार सुना था
तो फिर मैंने उससे और ज्यादा इश्क करने लगा था
मैं मिला नहीं था कभी उससे
मैंने सिर्फ उसे महसूस किया था

153
उसकी हर अदा पर मुझे इस कदर प्यार आ जाता है
वह दूर रहती है मुझसे
और मुझे फिर भी उसका ख्याल आ जाता है

154
मोहब्बत मुझे उससे ही है
उसके अलावा किसी और से हो भी नहीं सकती
पर चाहत मुझे उस से ही है
उससे अलावा किसी और से इश्क की इंतहा हो भी नहीं सकती

155
हमारा इश्क हर हद पार कर चुका है
वह जिस्मों में ढल चुका है
मोहब्बत हो चुकी है अब जवान
और यह चांद हमारा हमसफर बन चुका है

156
चांदनी रात में बस मुझे उस का साथ चाहिए
मेरे पास रहे और मुझे वो अपने पास चाहिए
हम दोनों एक दूसरे की बाहों में हो
मुझे ऐसी मुलाकात चाहिए

157
मुलाकात ही अक्सर
हम दोनों एक दूसरे से कर लिया करते हैं
एक दूसरे को बाहों में भर कर मोहब्बत कर लिया करते हैं हम आज भी उसके हैं और हम उसे ये कह दिया करते हैं

158
किसी और की हो जाए यह तो हम कभी मंजूरी नहीं था वह हमसे ही करें इश्क यह हमेशा हमने चाहा है
और उसे हमने माना है खुदा से
उसके लिए हमने सब कुछ छोड़ा है

159
जब वो थोड़ी देर लिए दूर चली जाया करती है
तो फिर हमेशा मेरे मन में उसके लिए चिंता आया करती है वह कहां चली गई मुझे छोड़कर
पर जब वह वापस आया करती है तो मुझे बहुत मनाया करती है।।

160
कभी वह गुस्सा हो जाती है
कभी मैं मना लिया करता हूं
कभी मैं रूठ जाता हूं
कभी वह मना लिया करती है
ऐसे ही चलती रहती है हमारी मोहब्बत की दास्तान
कभी वो मुझे सुना दिया करती है
तो कभी मैं उसे सुना देता हूं

161
मोहब्बत में मैं कभी-कभी
उसको सुला दिया करता हूं
उसकी बाहों मैं भरकर
उसे गले से लगा लिया करता हूं

162
मोहब्बत हम दोनों को एक दूसरे से के हो गई थे
इसमें चाहत हमको एक दूसरे से हो गई थी
नहीं रहे पाए एक दूसरे के बिना
हमें एक दूसरे से इतनी मोहब्बत हो गई थी

163
हम दोनों एक दूसरे के बिना कैसे रह सकते हैं
हम चाहत में यह दूरियां कैसे सह सकते हैं
हम उसकी मोहब्बत है
फिर किसी और के हो सकते हैं

164
वह मेरे दिल पर इस कदर सोई थी
मैं फिर कभी जागा ही नहीं
मैंने मोहब्बत करली उससे
मैं फिर कभी किसी और की तरफ भागा ही नहीं

165
इश्क मोहब्बत चाहते इबादत ए सब की है मैंने
उसका इंतजार और उससे प्यार सब किया है मैंने
उसके लिए सब कुछ सहा है मेने

166
वह बस खुश रहे
मैंने इसके अलावा और कभी कुछ नहीं चाहा
मोहब्बत में मेने सब कुछ चाहा
पर कभी उसके जिस्म को नहीं चाहा

167
मैं उसे कभी रोने नहीं देता
क्योंकि उसका रोना मुझे बहुत तकलीफ देता है
मैं हमेशा करता हूं उससे प्यार
क्योंकि वह मुझे अपनी जान से ज्यादा प्यारा लगता है

170
वह मुझे प्यार करता रहे
बस यही चाहिए
ऐसे ही खुश रहे बस
मुझे सिर्फ उसके खुशी चाइए

171
मोहब्बत इस कद्र हमने कर ली उनसे
उनके प्यार में इश्क की इबादत कर ली हमने

172
एक शाम जब वह मुझसे मिलने आएगी
वह किसी भी लिबाज मै आए
लेकिन मैं उसे देखता रह जाऊंगा
और उसकी नजरों मै खो जाऊंगा

173
आज भी मैं उससे मिलने के सपने देखा करता हूं
मैं हमेशा उसकी चाहत किया करता हूं
मैं रहता हूं उसका होकर
और मैं हमेशा उसके इश्क की इबादत किया करता हु

174
उसकी खुशी में ही मेरी खुशी है
यह मैं हमेशा उसे बता दिया करती हूं
मुझे है उससे कितनी मोहब्बत है
उसे जता दिया करती हैं

175
मोहब्बत में हमने सब कुछ किया है
हमने उसके अलावा किसी और को चाहा नहीं है
उसकी चाहत को माना है हमने खुदा
हम और किसी से मोहब्बत किया नही है

176
उसकी हर बात निराली है
उसकी हर अदा मतवाली है
नैनो से चलाती है वो तीर
उसकी खूबसूरती इतनी प्यारी है

177
जब भी उसका चहरा मेरे सामने आता है
वो मेरे दिल मै उतर जाता है
मैं रहूं कितना भी दुःख
वो मुझे खुश कर जाता है

178
मोहब्बत में हमारी कभी यह सवाल नहीं है
हम दोनों क्यों मिले एक दूसरे से कभी दिल में नहीं आया हमने तुमको प्यार किया और कोई हमारे बीच में नहीं आया

179
जमाने से नहीं कि हमने मोहब्बत
जो हम की बात सुन ली है
हमने तो सिर्फ तुम्हें चाहा है
तुमसे ही की है मोहब्बत हमने सिर्फ तुम्हें ही रब से मांगा है

180
इश्क में मैंने उसे जब कहा था
कि तुम मेरी हो उसने भी हां कर दिया था

181
मोहब्बत हमारी नाजायज नहीं रहे
हम हम दोनों एक दूसरे के साथ एक बंधन में बन चुके हैं वह लगते हैं अब मेरी पत्नी
अब हम उसके लिए हमसफर बन चुके हैं

182
कुछ इस कदर मैंने उससे अपने प्यार का इजहार किया जब मैंने बोला उसे तो उसने अपनी नजरें झुका ली
और मैंने उसे उठाकर उसे अपनी गोद में
उससे मोहब्बत निभा ली

183
मोहब्बत में हम दोनों एक दूसरे के कब हो गए
हम को पता ही नहीं चला
कि कब हम एक दूसरे को इतने प्यारे और अजीज हो गए

184
अब उसे मेने इतना प्यार किया है
तो उसको साथ लेकर आऊंगा भी
और उसे अपनी पत्नी बनाऊंगा भी

185
अब सफर उसके साथ निभाना है
उससे हम मुहब्बत करते जाना है।।

186
उसकी खूबसूरती ऐसी है
जब भी देखता हु लगता है
पहली बार देख रहा हूं।।

187
जब उसको देखा तो अंदाजा हुआ
की देखना कितन खूबसूरत होता है
जान से प्यार है वो मुझे
मुहब्बत मै सब कुछ कितना हसीन होता है।।

188
वो जब भी इश्क का इजहार करती है
मुझे गले से लगा लिया करती है
उसे मोहब्बत कितनी है
वो ये बता दिया करती है।।

189
अब हमे मोहब्बत है उससे
तो उसके सिवा किसी की चाहत नहीं है
वो है हमारी अब
वो अब किसी और की नही है।।

190
जिंदगी मैं मेने किसी को इतना प्यार नही किया
जितना मेने उसे किया है
वो जब आती है मेरे पास
तो मेने उसे हमेशा बाहों में भर लिया है।।

191
मेरे पास रहे वो बस
मुझे इतना ही चाहिए
उसके सिवा कोई दूसरा नहीं चाहिए

192
मोहब्बत में इबादत की है मैंने
उसकी चाहत की है मैंने
वो वही सलामत रहे
यही मन्नत की है मेने

193
जब करीब आती है मेरे
मैं सब कुछ भूल जाता हूं
वो मेरी मोहब्बत है
बस यही याद रख पाता हूं

194
मैं उसे याद नही करता
वो मुझे याद हो गई है
और अब वो मेरी
मोहब्बत हो गई है।।

195
मेरी जिंदगी पर हक है उसका
मेरी मोहब्बत पर हक है उसका
वो साथ रहे मेरे
मेरी हर चाहत पर हक है उसका।।

196
वो इस तरह जब शर्माती है
मेरे दिल को छलनी कर जाती है
उसका हर अदा कातिल है
और वो मेरे कत्ल ही कर जाती है।।

197
मेरे लिए उससे ज्यादा कोई जरूरी नही है
वो मेरे है इससे ज्यादा और मुझे कोई चाहत नहीं है।।

198
दिल मेरा है दिल उसका है
हम दोनो एक दूसरे मैं बसते है
उसकी धड़कने सुन सकता हु मै
हम दोनो इतना प्यार करते है।।

199
इबादत मोहब्बत इश्क सब तुझसे है
ए हमसफर तू बता
तुझे मुझसे कितनी मोहब्बत है।।

200
तेरा इश्क चाय की तरह असर करता है
जब तक नही मिलती
मेरे सर मैं दर्द रहा करता है।।

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