नमस्कार दोस्तों, आज के हमारे इस आर्टिकल में हम आपको ” डब्ल्यूएचओ की फुल फॉर्म” के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप इंटरनेट पर यह सर्च करते रहते हैं कि, डब्ल्यूएचओ का फुल फॉर्म क्या होता है या फिर डब्ल्यूएचओ का मतलब क्या होता है तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको डब्ल्यूएचओ की फुल फॉर्म के बारे में तथा
डब्ल्यूएचओ के बारे में सभी जानकारियां प्रदान करने वाले हैं।
वर्तमान के समय में अधिकतर लोग अपने शरीर की समस्याओं को लेकर बहुत ही परेशान रहते हैं, क्योंकि आज के समय में प्रदूषण काफी बढ़ गया है और इसी के कारण लोगों के स्वास्थ्य में समय-समय पर काफी दिक्कतें आती रहती हैं।
इसके अलावा अधिक फायदे के लिए बहुत से लोग खाने वाली चीजों में मिलावट भी करने लगे हैं और जब वही मिलावट भरी चीजें लोग खाते हैं, तो वह बीमार पड़ते हैं, जिसके बाद उन्हें अपना ट्रीटमेंट करवाना पड़ता है।
हम सभी चाहते हैं कि हम शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट रहे हैं, परंतु कई बार जाने अनजाने में हम कुछ ऐसी चीजें खा लेते हैं जिसके कारण हमें बहुत तकलीफ होती है और कभी-कभी तो कुछ चीजें खाने से हमे गंभीर बीमारियां भी हो जाती हैं।
इसके अलावा कुछ बीमारी ऐसी है, जो फैलते हुए मनुष्य तक पहुंच जाती हैं और कुछ बीमारियां ऐसी होती है जो जानवरों से इंसानों में आती है और फिर इंसानों के द्वारा अन्य इंसानों को भी वह बीमारियां हो जाती है।ऐसी बीमारियों को वायरल डिजीज कहा जाता है। वायरल डिजीज अर्थात ऐसी बीमारी जो छुआछूत या एक दूसरे के संपर्क में आने से होती है।
आज के समय में हर मनुष्य को कोई ना कोई बीमारी अवश्य है जिसके कारण उन्हें बहुत ही समस्याओं का सामना करना पड़ता है। बहुत से लोग ऐसे हैं, जो हमेशा ही अपने शरीर को लेकर परेशान रहते हैं और वह अपनी समस्याओं को दूर करने का हर संभव प्रयास करते हैं।
परंतु उसके बावजूद कोई भी सफल समाधान नहीं निकल पाता है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए हमारी भारतीय सरकार भी विभिन्न प्रकार के काम करती है और इनके लिए हमारी भारतीय सरकार ने बहुत सी संस्थाओं का निर्माण भी करवाया है, जिसमें से एक संस्था है डब्ल्यूएचओ।
यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो पूरी दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करती है और समय-समय पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम भी करती है और एडवाइजरी देती है।अभी हाल ही में आपने करोना काल में भी डब्ल्यूएचओ का नाम बहुत बार सुना होगा क्योंकि करोना से जुड़ी हुई सभी सावधानियों के बारे में पूरी दुनिया को डब्ल्यूएचओ संस्था ने हीं बताया।
डब्ल्यूएचओ संस्था के विभिन्न केंद्र पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों में स्थित है और इसे पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों ने मान्यता प्रदान की है। इसी के कारण समय-समय पर डब्ल्यूएचओ संस्था विभिन्न बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम चलाता रहता है।
विश्व के लगभग सभी देश डब्ल्यूएचओ संस्था को रिसर्च करने के लिए समय-समय पर फंड देते रहते हैं। अगर आप भी डब्ल्यूएचओ संस्था के बारे में जानना चाहते हैं, तो यहां पर आपको डब्ल्यूएचओ के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त होगी
■ WHO का फुल फॉर्म क्या होता है
सबसे पहले तो आइए जान लेते हैं कि डब्ल्यूएचओ का फुल फॉर्म क्या होता है। डब्ल्यूएचओ का फुल फॉर्म होता है “वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन” यह एक अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य से संबंधित संस्था है, जो लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम करती है।
इस संस्था को पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों ने मान्यता प्रदान की है और यह संस्था सभी प्रकार की बीमारियों पर लगातार अपनी नजर बनाए रखती है।
■ WHO का हिंदी में क्या मतलब होता है
डब्ल्यूएचओ को हिंदी में “विश्व स्वास्थ्य संगठन” कहा जाता है और इसका इंग्लिश में फुल फॉर्म होता है “वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन”
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यूनाइटेड नेशन के द्वारा बनाई गई एजेंसी है, जो पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल फैसिलिटी के लिए काम करती है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना साल 1948 में 7 अप्रैल को हुई थी।इसका हेड क्वार्टर स्विट्ज़रलैंड देश के जिनेवा शहर में स्थित है। इसके अलावा भी दुनिया भर में इसके तमाम अन्य कार्यालय भी हैं, जहां से डब्ल्यूएचओ संस्था अपना काम करती है।
दुनिया के लगभग सभी देश वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य हैं, जिसमें हमारा भारत देश भी शामिल है।अगर हम भारत की बात करें तो हमारे भारत देश में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का हेड क्वार्टर हमारे देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है।
आपने हिंदी में एक कहावत तो सुनी ही होगी कि स्वास्थ्य ही इंसान का सबसे बड़ा धन होता है। अगर किसी के पास बहुत धन दौलत है परंतु उसके पास एक अच्छा स्वास्थ्य नहीं है तो वह सारे धन उसके किसी काम के नहीं है, क्योंकि जब आदमी स्वस्थ नहीं होगा तो वह किसी भी प्रकार की सुविधा का उपभोग अच्छे प्रकार से नहीं कर पाएगा।
इसीलिए आदमियों को शारीरिक और मानसिक रूप से फिट होना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि शरीर ही हमारा जिंदगी भर साथ देता है, इसलिए इस दुनिया का हर इंसान फिर चाहे वह अमीर हो या फिर गरीब हो,वह हमेशा स्वस्थ रहना चाहता है
तथा वह हमेशा बीमारियों से बचा रहना चाहता है, परंतु फिर भी जाने अनजाने में किसी न किसी बीमारी की चपेट में व्यक्ति आ ही जाता है, जिसके कारण उसे शारीरिक और आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।
ऐसे व्यक्ति जिन लोगों की आर्थिक हालत खराब होती है, वह अपने रोजमर्रा के काम में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि उन्हें अपने स्वास्थ्य का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रहता है और धीरे-धीरे वह किसी ना किसी लापरवाही के कारण किसी न किसी बीमारी की चपेट में आ ही जाते हैं, जिसके कारण उनके लिए दवाई लेना तक मुश्किल हो जाता है।
क्योंकि उनकी आर्थिक हालत ठीक नहीं होती है, ऐसे लोगों के लिए भी डब्ल्यूएचओ संस्था काफी काम करती है। शायद आपको पता ना हो तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि दुनिया में सबसे बड़ी ब्लड बैंक डब्ल्यूएचओ संस्था के पास ही है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन संस्था ने चेचक, हैजा, पोलियो, मलेरिया, डेंगू और टीबी जैसी जानलेवा बीमारियों को पहचान कर उनकी रोकथान और इलाज की दिशा मे महतवपूर्ण काम किए हैं। ये संगठन लोगो के स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए काम करता है और स्वास्थ्य के उच्चतम संभव स्तर को पाने की दिशा में हर उम्र के सभी लोगों के लिए काम करता हैं।
■ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन क्या है
यह एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है, जो पूरी दुनिया के लोगों के स्वास्थ्य की देखभाल करती है और समय-समय पर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का काम भी करती है और एडवाइजरी देती है।
डब्ल्यूएचओ संस्था के विभिन्न केंद्र पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों में स्थित है और इसे पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों ने मान्यता प्रदान की है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन संस्था ने चेचक, हैजा, पोलियो, मलेरिया, डेंगू और टीबी जैसी जानलेवा बीमारियों को पहचान कर उनकी रोकथान और इलाज की दिशा मे महतवपूर्ण काम किए हैं। ये संगठन लोगो के स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करने के लिए काम करता है और स्वास्थ्य के उच्चतम संभव स्तर को पाने की दिशा में हर उम्र के सभी लोगों के लिए काम करता हैं।
इसी के कारण समय-समय पर डब्ल्यूएचओ संस्था विभिन्न बीमारियों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए कार्यक्रम चलाता रहता है।विश्व के लगभग सभी देश डब्ल्यूएचओ संस्था को रिसर्च करने के लिए समय-समय पर फंड देते रहते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन यूनाइटेड नेशन के द्वारा बनाई गई एजेंसी है, जो पूरी दुनिया के लगभग सभी देशों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और मेडिकल फैसिलिटी के लिए काम करती है।
दुनिया के लगभग सभी देश वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य हैं, जिसमें हमारा भारत देश भी शामिल है।अगर हम भारत की बात करें तो हमारे भारत देश में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का हेड क्वार्टर हमारे देश की राजधानी नई दिल्ली में स्थित है।
■ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का काम
क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आज भी किसी बच्चे को पोलियो हो जाए या फिर किसी को बीमारी हो जाए, तो उसकी जिंदगी खत्म सी हो जाती है या फिर फिल्मों की तरह आपको यह पता चले कि किसी एक नई बीमारी ने पूरे देश को चपेट में ले लिया है और उस बीमारी के कारण बहुत से लोगों की मृत्यु हो रही है, तो ऐसी अवस्था में उस बीमारी से सावधान करने के लिए कौन काम करता है।
जी हां आपने सही सुना, ऐसी अवस्था में उस बीमारी से लोगों को बचाने के लिए तथा उस बीमारी से बचने के लिए लोगों को क्या क्या सावधानियां रखनी है, इसके बारे में डब्ल्यूएचओ याने की वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ही लोगों को सलाह याने की एडवाइजरी जारी करती है, जिसका पालन लोगों को करना होता है और सरकार भी अपने लोगों से एडवाइजरी का पालन करने के लिए आग्रह करती है।
जैसे आपने देखा होगा कि, अभी हमारे देश के अलावा दुनिया के कई देशों में कोरोनावायरस का काफी कहर चल रहा है, जिसके कारण अभी तक पूरी दुनिया में एक करोड़ से अधिक लोगों की मृत्यु हो गई है और कोरोनावायरस लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
ऐसे में लगातार पूरी दुनिया के वैज्ञानिक कोरोनावायरस की दवाई की खोज करने में लगे हुए हैं, परंतु अभी तक दुनिया के किसी भी देश के किसी भी वैज्ञानिक को कोरोनावायरस की कोई सटीक दवाई नहीं मिली है और इसीलिए सरकार लगातार लोगों से कोरोनावायरस से बचे रहने के लिए आग्रह कर रही है।
कोरोनावायरस से बचने के लिए सरकार लोगों से बाहर से घर आने पर हाथ धोना, कहीं भी भीड़ भाड़ वाली जगह से दूर रहना, बाहर जाते समय मुंह पर मास्क लगाना इत्यादि का निवेदन कर रही है।
जब तक करोना कि दवाई नहीं मिल जाती है तब तक सरकार और नागरिक दोनों का यह फर्ज बनता है कि वह कोरोना से सावधानी रखने के लिए जो उपाय बताए गए हैं, उनका पालन करें।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन लगातार 60 सालों से परिवार नियोजन, बचपन की प्रतिरक्षण के साथ पोलियो,चेचक के खात्मे और कैंसर एचआईवी एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों को कंट्रोल करने की दिशा में काम कर रहा है, जिससे काफी हद तक सुधार भी हुआ है। डब्ल्यूएचओ कौन-कौन से काम करता है उसकी कुछ जानकारी हम आपको नीचे दे रहे हैं, उन पर गौर अवश्य करें।
- – WHO के दुनिया के 150 देशो मे कार्यालय हैं जिनके माध्यम से पब्लिक हेल्थ के लिए काम किए जाते हैं।
- – दुनिया भर के बच्च्चो, महिलाओ और पुरुषो की बेहतर हेल्थ के लिए कार्य करना।
- – लोगो को पोलियो, टीबी, टीबी, कैंसर, एड्स, मलेरिया, इबोला जैसे गंभीर बीमारियों से बचाना।
- – सार्वजनिक स्वास्थ्य में सामाजिक, आर्थिक और पर्यावरणीय कारकों की भूमिका को रेखांकित करना।
- – ऐसे देशों की स्वास्थ्य संबधित मदद करना जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज की दिशा में प्रगति चाहते हैं।
- – आवश्यक और उच्च गुणवत्ता वाली दवाइया और अन्य चिकित्सा उत्पादों तक लोगो की पहुंच बढ़ाना।
- – गरीबी, अशिक्षा, भुखमरी, बीमारी, पर्यावरण क्षरण और महिलाओं के खिलाफ भेदभाव जैसे समस्याओ से छुटकारा दिलाने के लिए कार्य करना।
■ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा
Who के अनुसार स्वास्थ्य की परिभाषा – वह स्थिति जिसमें पूर्ण शारीरिक, मानसिक और सामाजिक सम्पन्नता हो , न की केवल बीमारियों या पीड़ा का न होना।
■ विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के महानिदेशक का चुनाव वर्ल्ड हेल्थ असेंबली के द्वारा किया जाता है और इस पद की अवधि 5 सालों की होती है और 5 सालों के बाद फिर से चुनाव करवाया जाता है।
सामान्य तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक का चुनाव 5 सालों के बाद मई के महीने में करवाया जाता है। अगर हम वर्तमान की बात करें तो वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष Dr. Tedros Adhanom हैं।यह साल 2017 में 1 जुलाई को विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष बनाए गए थे।
पूरी दुनिया भर में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सभी कार्यालय में लगभग 8500 से अधिक लोग काम कर रहे हैं और इसका कार्यालय दुनिया के लगभग 150 देशों में मौजूद है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन लगातार सभी प्रकार की बीमारियों पर नजर बनाए रखती है और बीमारियों से बचाव के लिए क्या-क्या उपाय करने पड़ते हैं उसके बारे में रिसर्च करती रहती है।
पिछले काफी सालों से भी यह तंबाकू मुक्त दुनिया का कैंपेन चला रही है।लोगों को तंबाकू खाने से कौन-कौन से नुकसान होते हैं उसके बारे में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन जानकारी प्रदान कर रहा है।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के लिए विज्ञापन देने के लिए टीवी अखबारों रेडियो समाचार पत्रों का इस्तेमाल करता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने लोगों को एचआईवी के बारे में भी जागरूक करने में काफी अहम भूमिका निभाई है, जिससे इस बीमारी पर काफी रोकथाम लगी है।
■ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की स्थापना कब की गई थी
जैसा कि आप जानते हैं कि किसी भी संस्था की स्थापना किसी ना किसी उद्देश के कारण होती है, वैसे ही डब्ल्यूएचओ की स्थापना के पीछे भी लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का उद्देश्य है। डब्ल्यूएचओ की स्थापना साल 1948 में 7 अप्रैल को हुई थी। इसका हेड क्वार्टर स्वीटजरलैंड देश के जिनेवा शहर में स्थित है।
■ वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का मुख्यालय कहां है
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय स्विट्ज़रलैंड देश के जिनेवा शहर में स्थित है और इसकी स्थापना साल 1948 में 7 अप्रैल को की गई थी।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन अपनी स्थापना के साल से ही बहुत सी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम कर रहा है। इसके दुनिया के सभी देश सदस्य हैं और सभी देश वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन संस्था को काम करने के लिए समय-समय पर फंड देते रहते हैं।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने तंबाकू और एचआईवी जैसे मुद्दों पर काफी अच्छा काम किया है, जिससे तमाकू के द्वारा होने वाले कैंसर और एचआईवी के द्वारा होने वाली बीमारियों से बहुत से लोग बच पाए हैं।
■ अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य दिवस कब मनाया जाता है
विश्व स्वास्थ्य संगठन हर साल 7 अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस मनाता है, जिसे अंग्रेजी में वर्ल्ड हेल्थ डे कहा जाता है।इस दिन पूरी दुनिया में विभिन्न जगहों पर स्वास्थ्य से संबंधित सेमिनार आयोजित होते हैं।
■ भारत में डब्ल्यूएचओ का हेड क्वार्टर कहां पर है
हमारा भारत देश भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य है और हमारे भारत में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का हेड क्वार्टर नई दिल्ली में स्थित है।
■ डब्ल्यूएचओ ने अभी तक कौन से मुख्य काम किए हैं
विश्व स्वास्थ्य संगठन की स्थापना 7 अप्रैल साल 1948 में हुई थी और अपनी स्थापना के साल से ही यह लगातार काम कर रहा है। अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्मॉल पॉक्स जैसी बीमारी को खत्म करने में काफी अहम भूमिका निभाई है
और फिलहाल वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन इबोला वायरस,एड्स और टीबी जैसी खतरनाक बीमारियों को रोकने पर काम कर रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन समय-समय पर वर्ल्ड हेल्थ रिपोर्ट जारी करता रहता है, जिसमें पूरी दुनिया से जुड़ी स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का एक सर्वे होता है।
■ डब्ल्यूएचओ के कितने देश सदस्य हैं
वर्तमान के समय में दुनिया के 194 देश वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के सदस्य हैं और 150 देशों में इसका कार्यालय होने के साथ-साथ अन्य ब्रांच भी हैं। हमारा भारत देश साल 1948 में 12 जनवरी को वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन का सदस्य बना था। हमारे भारत देश में इसका हेड क्वार्टर नई दिल्ली में स्थित है।
■ भारत में WHO द्वारा किये गए स्वास्थ्य संबंधी प्रयास
साल 1967 के आसपास हमारे भारत देश में चेचक बीमारी का काफी प्रकोप था और यह उस समय पूरी दुनिया के मामले का लगभग 65 परसेंट था। इसमें से लगभग 26,225 लोगों की मृत्यु हो गई थी और इसी कारण डब्ल्यूएचओ ने इस बात का अंदाजा लगा लिया था कि यह बीमारी भविष्य में काफी घातक हो सकती है
और क्योंकि यह बीमारी भारत जैसे देश में फैल रही है, जहां पर वर्तमान के समय में स्वास्थ्य संबंधित सुविधाएं उतनी अधिक नहीं है जितना की होनी चाहिए, इसीलिए इस पर रोकथाम करना काफी जरूरी है और इसी के लिए साल 1967 में ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इंटेंसिफाइड स्मॉल पॉक्स इरेडिकेशन प्रोग्राम चालू किया, जिसके कारण साल 1977 तक के चेचक पर काबू पाया गया।
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भारत में पोलियो की बीमारी को काबू करने के लिए साल 1988 में ग्लोबल पोलियो इरेडिकेशन इंटरएक्टिव प्रोग्राम चालू किया और पोलियो के खिलाफ काफी सफलता हासिल की।
इस प्रोग्राम के तहत वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने भारत सरकार,यूनिसेफ और रोटरी इंटरनेशनल संस्था के साथ मिलकर भारत में 5 साल की उम्र के सभी बच्चों को पोलियो से बचाव करने के लिए टीका लगवाने के बारे में जागरूकता फैलाई।
जिसके कारण धीरे लोग अपने 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो का टीका लगवाने लगे और इससे पोलियो के रोकथाम में काफी सफलता हासिल हुई।पोलियो के मामले पहले के मुकाबले में हमारे भारत देश में बहुत ही कम आते हैं।
वर्तमान के समय में भी भारत सरकार पोलियो के टीकाकरण का अभियान समय-समय पर चलाती रहती है। हमारे भारत देश में आमतौर पर रविवार को पोलियो का टीकाकरण करवाया जाता है।ग्रामीण एरिया में पोलियो कर्मचारी घर-घर जाकर 5 साल से कम उम्र के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाते हैं, ताकि उन्हें पोलियो रोग ना हो।
पिछले 1 साल से हमारे भारत देश में कोरोनावायरस का काफी प्रकोप चल रहा है। कोरोनावायरस से सिर्फ हमारा भारत देश ही नहीं दुनिया के अधिकतर देश पीड़ित हैं। यह एक ऐसा वायरस है, जो हमारे पड़ोसी देश चाइना से फैला हुआ है।
कोरोना वायरस चाइना के वुहान शहर से फैलते फैलते दुनिया के कई देशों में फैल गया जिसके कारण अभी तक 1 करोड़ से अधिक लोगों की पूरी दुनिया में मौत हो चुकी है। हमारे भारत में ही 200000 से अधिक लोगों की मौत कोरोनावायरस से हो गई है।
कोरोनावायरस जैसे संवेदनशील मामले में भी वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने काफी अच्छा काम किया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने ही सबसे पहले यह बताया कि कोरोनावायरस इंसानों से इंसानों में फैलता है और इससे बचाव करने के लिए लोगों को अपने चेहरे पर मास्क लगाना है, अपने हाथों को कहीं से भी घर आने पर सैनिटाइज करना है तथा लोगों से थोड़ा डिस्टेंस बना कर रखना है
आपकी और दोस्तों
तो दोस्तों ये था WHO का फुल फॉर्म क्या है, हम उम्मीद करते है की इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको who का फुल फॉर्म के बारे में पूरी जानकारी मिल गयी होगी.
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