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CM या मुख्यमंत्री कैसे बने | CM बनने के लिए क्या करे

CM या मुख्यमंत्री कैसे बने: दुनिया के किसी भी देश को सही ढंग से चलाने के लिए सरकार का होना बहुत ही जरूरी होता है, क्योंकि सरकार ही किसी भी देश के संविधान के अनुसार उस देश में कानून व्यवस्था को लागू करती है और उसका अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के द्वारा पालन करवाती है।

सरकार ही किसी भी देश को कैसे आगे बढ़ाना है, इसके लिए नीति और योजनाएं तैयार करती है और उसके अनुरूप काम करके अपने देश को आगे बढ़ाने का प्रयत्न करती है।

सरकार चलाने के लिए अक्सर व्यक्तियों का चुनाव किसी ना किसी राजनीतिक पार्टी से ही होता है।अगर हम भारत की बात करें तो हमारे भारत में ऐसी कई राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनकी कई राज्यो में सरकार है, वहीं कई ऐसी क्षेत्रीय पार्टियां भी हैं, जो उनके स्टेट में एक मजबूत पार्टी का होल्ड रखती है।

हमारे भारत देश में दो ऐसी राजनीतिक पार्टियां हैं, जिनका इस समय पूरे देश के सबसे अधिक राज्यों पर कब्जा है, जिसमें पहली पार्टी है भारतीय जनता पार्टी और दूसरी राजनीतिक पार्टी है इंडियन नेशनल कांग्रेस, जिसे हिंदी में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी कहा जाता है।

यह दोनों पॉलिटिकल पार्टियां हमारे भारत देश की काफी पुरानी राजनीतिक पार्टियां है।इसमें से इंडियन नेशनल कांग्रेस का गठन आजादी के पहले ही हो गया था और भाजपा पार्टी का गठन भी आजादी के पहले या उसके आसपास हुआ था।

जहां पहले राजनीति सिर्फ जनता की सेवा करने के लिए और उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए होती थी, वहीं अब राजनीति में ग्लैमर का तड़का भी लग गया है।

हमारे भारत देश में आम से लेकर खास लोग राजनीति में कोई ना कोई पद रखते हैं।जैसे बॉलीवुड की अभिनेत्री जयाप्रदा मथुरा से भारतीय जनता पार्टी की सांसद है|

इसके अलावा कॉमेडियन नवजोत सिंह सिद्धू भी पंजाब से मंत्री के पद पर रह चुके हैं। इसके अलावा भी अन्य फील्ड से जुड़े हुए ऐसे कई व्यक्ति हैं, जो राजनीति में कोई ना कोई पद पर विराजमान है।

आज के समय में राजनीति में पद, पैसा और पावर तीनों चीजें हैं, इसीलिए यह आज के समय में हमारे भारत देश के युवा वर्ग के बीच लोकप्रिय बनती जा रही है।

चाहे युवा लड़के हो या लड़कियां अधिकतर लोग अब राजनीति को एक कैरियर की निगाहों से देखते हैं, क्योंकि अगर किसी व्यक्ति को राजनीति में कोई पद प्राप्त हो जाता है, तो उसकी लाइफ सेटल हो जाती है|

क्योंकि राजनीति में कोई पद प्राप्त होने के बाद उसे इतने सारे लाभ और फायदे मिलने लगते हैं, कि उसे किसी भी चीज की चिंता करने की आवश्यकता नहीं होती है।

आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि भारत की गली गली में एक युवा नेता रहता है, ऐसे में अगर आप राजनीति में इंटरेस्टेड है और राजनीति में अपना करियर बनाना चाहते हैं|

तो आज हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें, क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको मुख्यमंत्री कैसे बनते हैं, इसके बारे में जानकारी प्रदान करने वाले हैं।

आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि मुख्यमंत्री क्या होता है, मुख्यमंत्री कौन-कौन से काम करता है, मुख्यमंत्री की सैलरी कितनी होती है, मुख्यमंत्री की पावर क्या होती है, मुख्यमंत्री कैसे बना जाता है, मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया क्या है, मुख्यमंत्री बनने के लिए कौन सी पढ़ाई करनी पड़ती है चलिए चलते हैं मुख्य मुद्दे पर।

CM या मुख्यमंत्री कैसे बने

CM बनने के लिए क्या करें

cm kaise bane

1. मुख्यमंत्री अर्थात क्या

मुख्यमंत्री को अंग्रेजी भाषा में शार्ट में सीएम कहा जाता है। इसका फुल फॉर्म होता है, चीफ मिनिस्टर। मुख्यमंत्री जनता द्वारा चुना जाता है और मुख्यमंत्री का पद प्राप्त करने के बाद व्यक्ति को वह जिस राज्य मुख्यमंत्री बना है, उस राज्य की समृद्धि, तरक्की और उस राज्य की जनता की भलाई के लिए काम करने होते हैं।

जिस तरह संघ के मंत्री परिषद का मुखिया हमारे भारत देश का प्रधानमंत्री होता है, उसी प्रकार राज्य के मंत्री परिषद का मुखिया उस राज्य का मुख्यमंत्री होता है।

साल 1935 के अधिनियम के तहत एक मुख्यमंत्री को भी प्रधानमंत्री की उपाधि दी गई है, कयोंकि उस समय केंद्र में प्रधानमंत्री का पद नहीं था, इसीलिए उस समय संविधान बनाने वाले लोगों ने संघ में प्रधानमंत्री के पद का प्रावधान करते हुए हर राज्य में मुख्यमंत्री के पद का भी प्रावधान किया।

किसी भी देश के प्रधानमंत्री के ऊपर पूरे देश को संभालने की और चलाने की जिम्मेदारी होती है, जबकि किसी राज्य के मुख्यमंत्री के ऊपर वह जिस राज्य का मुख्यमंत्री है, उसे ही संभालने की और चलाने की जिम्मेदारी होती है।

इसके अलावा भी मुख्यमंत्री अन्य कई काम करते हैं, जिसके बारे में हम आगे जानेंगे। मुख्यमंत्री राज्य के कार्यपालिका शक्ति का उपयोग करता है, जबकि राज्यपाल का पद सिर्फ एक संवैधानिक पद है। मुख्यमंत्री का पद ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

2. मुख्यमंत्री की नियुक्ति

हम में से बहुत से लोग यह जानने की इच्छा रखते हैं, कि आखिर एक मुख्यमंत्री की नियुक्ति कैसे की जाती है, तो हम आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के संविधान के अनुसार मुख्यमंत्री की नियुक्ति उस राज्य का राज्यपाल करता है, जहां पर कोई व्यक्ति मुख्यमंत्री बनता है।

मुख्यमंत्री विधानसभा का सदस्य होता है। इसके अलावा मुख्यमंत्री की टीम में मुख्यमंत्री के अलावा अन्य कई लोग होते हैं, जिन्हें उस राज्य का अलग-अलग विभाग दिया जाता है।

जैसे किसी को कपड़ा उद्योग का विभाग किया जाता है, तो किसी को आर्थिक गतिविधियों का विभाग दिया जाता है, तो किसी को खेती, पशुपालन, ग्रामीण विकास, सड़क इत्यादि का विभाग दिया जाता है।

3. मुख्यमंत्री बनने की प्रक्रिया की जानकारी

वैसे तो हमारे भारत देश में मुख्यमंत्री बनने के लिए किसी शैक्षिक योग्यता की आवश्यकता नहीं पड़ती है, फिर भी उम्मीदवार को कम से कम दसवीं कक्षा पास होना जरूरी है।

इसके अलावा अगर वह 12वीं कक्षा या फिर ग्रेजुएशन पास है, तो और भी अच्छा रहेगा। अगर हम मुख्यमंत्री बनने के लिए उम्र की बात करें, तो मुख्यमंत्री बनने के लिए कम से कम उम्र 18 साल होनी चाहिए|

क्योंकि हमारे भारतीय कानून के अनुसार जब कोई व्यक्ति 18 साल का हो जाता है, तब वह बालिग हो जाता है अर्थात वह अपना निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है।

इसके अलावा मुख्यमंत्री बनने के लिए सबसे पहले आपको किसी भी पार्टी से एमएलए, सांसद या विधायक का चुनाव लड़ना होता है और जब आप चुनाव जीत जाते हैं, तब आप अपने क्षेत्र के सांसद या विधायक बन जाते हैं।

इसके बाद जब चुनाव आयोग मुख्यमंत्री के पद का चुनाव करवाता है, तो उसमें आपको अपनी पार्टी की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद नामांकन करवाना होता है।

नामांकन करवाने के बाद आप चुनाव लड़ते हैं और अगर आप चुनाव में जीत जाते हैं, तो फिर चुनाव आयोग आपको मुख्यमंत्री के पद के विजेता के रूप में घोषित करता है, जिसके बाद आपको एक निश्चित दिन राज्यपाल की उपस्थिति में अपनी टीम के साथ मुख्यमंत्री के पद की शपथ लेनी पड़ती है। इसके अलावा आपकी टीम में जो अन्य लोग होते हैं उन्हें भी अपने पद की शपथ लेनी होती है।

4. मुख्यमंत्री का काम

मुख्यमंत्री का सबसे पहला काम होता है कि वह एक मंत्री परिषद का निर्माण करें और मंत्री परिषद के सदस्यों की संख्या को सुनिश्चित करें और उसके लिए लिस्ट तैयार करें।

एक मुख्यमंत्री अपनी कार्यकारिणी टीम में किन व्यक्तियों को रखना चाहता है, इसका निर्णय वह कभी-कभी खुद कर लेते हैं।इसके अलावा कभी-कभी पार्टी के द्वारा दिए गए नामों को वह अपने मंत्रिमंडल में शामिल करते हैं और उन्हें पार्टी के कहे अनुसार ही मंत्रिमंडल में विभाग देते हैं।

इसके अलावा सभी निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री पूर्ण रूप से स्वतंत्र होता है, परंतु फिर भी अगर वह चाहे तो अपनी कार्यकारी टीम से सलाह मशवरा ले सकते हैं।

व्यक्ति जिस राज्य का मुख्यमंत्री है उस राज्य का राज्यपाल कोई भी कार्य मुख्यमंत्री के विश्वास तथा सम्मान का पात्र बनकर ही कर सकता है।

मुख्यमंत्री के तौर पर एक मुख्यमंत्री का सबसे बड़ा काम होता है कि वह अपने राज्य की खुशहाली के लिए काम करें और अपने राज्य में कैसे और किस तरह विकास करना है इसकी योजना बनाएं।

राज्य के विकास की योजना बनाने के लिए मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य से सलाह ले सकता है। इसके अलावा वह राज्य में तैनात आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से भी राज्य के विकास से संबंधित सलाह ले सकता है।

मुख्यमंत्री का यह परम कर्तव्य है कि उसके शासनकाल में उसके राज्य में कानून का पालन सुनिश्चित हो तथा गुनाह कम हो। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति को कोई समस्या है, तो उसकी समस्या का जल्द से जल्द शासन द्वारा निस्तारण हो।

अगर एक मुख्यमंत्री को यह लगता है कि उसके राज्य का कोई बड़ा अपराधी समाज के लिए घातक है, तो मुख्यमंत्री के पास उस अपराधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाने के लिए तथा उस अपराधी के खिलाफ एनएसए का कानून लगाने के लिए भी अधिकार होते हैं।

अगर हम वर्तमान की बात करें तो इस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने राज्य के कई बड़े बड़े अपराधियों पर रासुका के तहत कार्यवाही करवाई है।

मुख्यमंत्री की एक जिम्मेदारी यह भी होती है कि अगर उनके राज्य में पुलिस विभाग में कर्मचारियों की कमी है, तो वह पुलिस विभाग में कर्मचारियों की भर्ती करने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती बोर्ड को आदेश दे।

5. मुख्यमंत्री बनने के लिए नामांकन में क्या होता है

आपने देखा होगा कि जब भी कोई चुनाव नजदीक आता है, तो उस चुनाव में एक निश्चित दिन चुनाव लड़ने वाले व्यक्ति अपना नामांकन करवाने के लिए उनके जिले के डीएम के पास जाते हैं और अपना नामांकन करवाते हैं।

ऐसे में वह व्यक्ति डीएम के सामने अपनी कई चीजों की जानकारी सार्वजनिक करते हैं।नामांकन भरते समय व्यक्ति एक शपथ पत्र देता है जिसमें वह यह बताता है कि उसके पास चल अचल कितनी संपत्ति है, कितनी गाड़ियां है, कितना बैंक बैलेंस है।

इसके अलावा वह भारतीय नागरिक है या नहीं, इसके साथ ही उसके ऊपर कितने पुलिस केस हैं और उन पुलिस केशो में कौन से गुनाह गंभीर अपराधों की लिस्ट में आते हैं।

इसके अलावा उम्मीदवार को अपने वैलिड दस्तावेज जैसे कि आधार कार्ड, पैन कार्ड की भी जानकारी देनी होती है। इसके अलावा अगर उम्मीदवार एससी एसटी, सामान्य, ओबीसी समुदाय से संबंध रखता है, तो उसका भी सर्टिफिकेट उन्हें प्रस्तुत करना पड़ता है।

इसके साथ ही आपके दो फोटोग्राफ मांगे जाते हैं। यह फोटोग्राफ 1 महीने से अधिक पुराने नहीं होने चाहिए। नामांकन भरने के लिए चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित फीस भी चुनाव आयोग में जमा करनी होती है, जिसे जमानत राशि कहा जाता है।

6. चुनाव आयोग क्या है

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत में जितने भी इलेक्शन होते हैं, उनका आयोजन चुनाव आयोग के द्वारा ही किया जाता है फिर चाहे वह मुख्यमंत्री के पद का चुनाव हो, चाहे भारत के प्रधानमंत्री के पद का चुनाव हो, चाहे ग्राम पंचायत के प्रधान पद का चुनाव हो।

इलेक्शन लड़ने वाले लोगों को चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का पालन करना जरूरी होता है, जो व्यक्ति चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों का पालन नहीं करता उसे चुनाव आयोग चुनाव लड़ने से रोक देता है।चुनाव आयोग का गठन साल 1950 में 25 जनवरी को किया गया था।

यह एक स्वतंत्र संस्था होती है, जो बिना किसी दबाव के अपना काम करती है।चुनाव आयोग को अंग्रेजी भाषा में इलेक्शन कमीशन भी कहा जाता है। यह हमारे पूरे देश में चुनाव करवाने का काम करती है।

चुनाव आयोग का हेड क्वार्टर हमारे भारत देश के दिल्ली राज्य में है। जो आईएएस रैंक का अधिकारी होता है उसे ही मुख्य निर्वाचन अधिकारी कहा जाता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है तथा चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति भी राष्ट्रपति के द्वारा की जाती है।

7. मुख्यमंत्री के चुनाव कितने सालों में होते हैं

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हमारे भारत देश में मुख्यमंत्री के पद का चुनाव हर 5 साल में होता है। अगर हम इसे उदाहरण के तौर पर समझाएं तो अगर कोई व्यक्ति सन 2001 में मुख्यमंत्री बनता है, तो उसका मुख्यमंत्री का कार्यकाल सन 2005 में समाप्त हो जाता है और 2005 में ही अंतिम महीने में चुनाव आयोग फिर से उस राज्य के मुख्यमंत्री के पद के लिए चुनाव करवाता है।

हालांकि अपने 5 सालों के कार्यकाल के दरमियान अगर किसी राज्य के मुख्यमंत्री के ऊपर किसी भी प्रकार का भ्रष्टाचार का आरोप साबित होता है, तो उसे हटाया भी जा सकता है।जब किसी राज्य के पद पर कोई मुख्यमंत्री नहीं होता, तब उस राज्य पर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाता है और जब चुनावों के द्वारा कोई नया मुख्यमंत्री बनता है, तब उस राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा लिया जाता है।

8. मुख्यमंत्री बनने के लिए आवश्यक गुण

जैसा कि आप जानते हैं, कि किसी भी चुनाव अथवा पद को प्राप्त करने के लिए वोट की आवश्यकता पड़ती है और वोट आम जनता के द्वारा ही दिया जाता है।इसीलिए मुख्यमंत्री बनने के लिए आपको अधिकतर अपना समय आम जनता के बीच गुजारना पड़ेगा।

आप लोगों के बीच जाकर अपना प्रचार करें। इसके अलावा किसी व्यक्ति को कोई समस्या है, तो उसका समाधान निकालने का प्रयास करें। ऐसा करने से वह व्यक्ति आपका आभारी रहेगा और आपके बारे में अन्य लोगों को भी बताएगा।

आप जब भी किसी से मिले तो शिष्टाचार के साथ मिले। ऐसा करने से लोगों को लगेगा कि आप शिक्षित और सज्जन मनुष्य है। कभी भी किसी से झूठ ना बोले, क्योंकि आम जनता को झूठे नेताओं से बहुत नफरत रहती है।

इसके अलावा सभी लोगों के सुख दुख में सहभागी बने ऐसा करने से लोग आपको अपना माने लगेंगे और आपके हर काम में आपका साथ ही देंगे।

9. भारत के कुछ मुख्यमंत्रियों की लिस्ट

  • योगी आदित्यनाथ
  • शिवराज सिंह चौहान
  • विजय रुपाणी
  • सर्बानंद सोनोवाल
  • उद्धव ठाकरे
  • अरविंद केजरीवाल
  • नीतीश कुमार
  • पेमा खंडु
  • जगन मोहन रेड्डी
  • भूपेश बघेल
  • प्रमोद सावंत
  • जयराम ठाकुर
  • हेमंत सोरेन मनोहर लाल खट्टर
  • पीनारायी विजयन
  • बीएस येदुरप्पा नवीन
  • पटनायक
  • श्री एन बीरेन सिंह
  • श्री कोनराड कोंगकल संगमा
  • श्री पु जोरमथांगा
  • श्री नीपिहु रियो
  • कैप्टन अमरिंदर सिंह
  • अशोक गहलोत
  • ममता बनर्जी
  • चंद्रशेखर राव
  • विप्लव कुमार देव

10. मुख्यमंत्री की सैलरी

नीचे हमने भारत के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कितनी मंथली सैलरी मिलती है, उसकी जानकारी दी है।

  • तेलंगाना: 410000
  • दिल्ली: 390000
  • उत्तर प्रदेश: 365000
  • महाराष्ट्र: 345000
  • आंध्र प्रदेश: 335000
  • गुजरात: 3 लाख 21 हजार
  • हिमाचल प्रदेश: 310000
  • हरियाणा: 288000
  • झारखंड: 2,72000
  • मध्य प्रदेश: 2,55000
  • छत्तीसगढ़: 230000
  • पंजाब: 230000
  • गोवा: 220000
  • बिहार: 215000
  • पश्चिम बंगाल: 210000
  • तमिलनाडु: 205000
  • कर्नाटक: 2,95000
  • केरल: 185000
  • राजस्थान: 175000
  • उत्तराखंड: 175000
  • उड़ीसा: 160000
  • मेघालय: 150000
  • अरुणाचल प्रदेश: 133000
  • असम: 125000
  • मणिपुर: 120000
  • नागालैंड: 110000
  • त्रिपुरा: 105000

इसके अलावा भी मुख्यमंत्रियों को अन्य कई खर्चे और भत्ते मिलते हैं।जैसे मुफ्त आवास, राशन खर्चा, टेलीफोन खर्चा, मुफ्त यात्रा, आवागमन के लिए गाड़ियां, सुरक्षा के लिए सुरक्षा गार्ड, पीएफ तथा ग्रेजुएटी,आजीवन पेंशन।

आपकी और दोस्तों

तो मेरे प्यारे मित्रों यह था सीएम या मुख्यमंत्री कैसे बने, हम आशा करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप सभी को पता चल गया होगा कि सीएम या मुख्यमंत्री बनने के लिए क्या करना पड़ता है|

अगर आपको हमारी यह पोस्ट हेल्पफुल और उपयोगी लगी तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप पर अवश्य शेयर करें|

क्योंकि हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोगों को यह पता चल पाएगी सीएम या मुख्यमंत्री बनने की तैयारी कैसे करें धन्यवाद दोस्तों|

4 Comments

  1. Mujhe ye pad kr bhut hi accha lga…..q ki mujhe bhi cm bnna he …

    1. धन्येवाद अरुण जी अगर आपको हमारी पोस्ट अच्छी लगी तो इसको जरुर लाइक और शेयर भी करे ताकि दुसरो की हेल्प हो पाए.

  2. Very Good बहुत अच्छी पोस्ट लिखी है आपने इससे हमको बहुत अच्छी जानकारी मिली है.

    1. धन्येवाद आजाद जी ऐसे ही हमारे दुसरे पोस्ट को भी जरुर पढ़े आपको बहुत कुछ सिखने को मिलेगा.

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