लालची शिकारी और चिड़िया की कहानी Hindi Story

लालची शिकारी और चिड़िया की कहानी – नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से स्वागत है हमारे इस ब्लॉग पर और आज हम आपके साथ एक और एक बहुत अच्छी कहानी लेकर आए हैं जिसको पढ़कर आपको एक बहुत ही जरूरी सीख मिलेगी जो कि आपको जिंदगी में बहुत ज्यादा काम आएगी

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आज की स्टोरी बहुत ज्यादा खास है और इसलिए हम आपको यह रिक्वेस्ट करेंगे कि आप इस पोस्ट को पूरे अंत तक पढ़ना ताकि आपको इससे बहुत बढ़िया सीख मिल पाएगी

चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए आज के इस बेहद जरूरी सीख देने वाली कहानी की शुरूआत करते हैं

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लालची शिकारी और चिड़िया की कहानी

Lalchi Shikari aur Chidiya Ki Gajab Kahani

एक गांव में एक शिकारी रहता था वह हर रोज जंगल में जाकर पशु पक्षियों का शिकार किया करता था. शिकारी को हर रोज आसानी से पशु-पक्षी मिल जाती थी लेकिन उस दिन को बहुत समय से भटकने के बावजूद भी उसको कोई पशु पक्षी का शिकार करने को नहीं मिला और वह बहुत ज्यादा परेशान हो गया

परेशान होकर और थक कर वह एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा तभी अचानक से उसकी नजर एक चिड़िया पर पड़ी. उसने तुरंत ही बिना कोई समय जाया करें चिड़िया पर अपना निशाना लगा दिया

और जैसे ही वह बंदूक की गोली दबाने वाला था चिड़िया ने तुरंत ही बोला कृपया करके मुझे मत मारो. फिर शिकारी ने उससे पूछा कि मैं तुमको क्यों नहीं मालूम और मैं तुमको क्यों छोड़ दूं मैं बहुत देर से मेहनत कर रहा हूं लेकिन मुझको आज कोई भी पशु पक्षी का शिकार करने को नहीं मिला है तब मैं तुमको कैसे छोड़ दूं बहुत देर के बाद तुम मिले हो और मैं तुमको नहीं छोडूंगा

तब चिड़िया ने धीमी आवाज में कहा कि अगर तुम मुझ को छोड़ दोगे तब मैं तुमको एक लाल पत्थर दूंगी जिस को भेजकर तुम बहुत ज्यादा पैसे वाले और मालामाल और अमीर बन जाओगे

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यह बात सुनकर शिकारी चिड़िया की बात मान गया और फिर चिड़िया ने उस शिकारी को एक लाल पत्थर दिया. लेकिन शिकारी नहीं सोचा कि अगर इस दुनिया के पास एक लाल पत्थर है तो इसके पास और भी ज्यादा लाल पत्थर होंगे जिसको बेचकर मैं अपनी पूरी जिंदगी मौज मस्ती से जी लूंगा और फिर मेरे को जंगल में भटकने की और शिकार करने की कोई जरूरत नहीं होगी मैं घर बैठकर आराम करता रहूंगा

इसलिए शिकारी ने वह लाल पत्थर लेने के तुरंत ही बाद चिड़िया पर फिर से निशाना लगा दिया लेकिन चिड़िया ने इस बार कहा कि अब तो मैंने तुमको लाल पत्थर दे दिया है अब तुम उसको क्यों मारना चाहते हो. शिकारी ने कहा कि मुझको और लाल पत्थर चाहिए तब चिड़िया ने कहा ठीक है और चिड़िया ने उसको एक और लाल पत्थर दे दिया

लेकिन शिकारी के मन में लालच आ चुका था और यह बात चिड़िया को पता चल गया था कि यह शिकारी लालची है. चिड़िया ने उससे 1 दिन की मोहलत मांगी कि आप मुझको एक दिन की मोहलत दे दो आप कल इसी समय पर आना आपको मैं बहुत ज्यादा लाल पत्थर दिलवा दूंगी

शिकारी लालच में आकर वह दो लाल पत्थर लेकर घर चला गया और उसके बाद उसने उस चिड़िया को छोड़ दिया यह सोचकर कि कल उसको और भी ज्यादा लाल पत्थर मिलेगा जिसको बेचकर उसकी पूरी जिंदगी बदल जाएगी

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चिड़िया परेशान होकर अपने मित्र के पास चली गई और उसका मित्र मगरमच्छ था. उसने अपने मित्र मगरमच्छ से कहा कि एक लालची शिकारी आया था और वह मुझसे लाल पत्थर मांग रहा था मेरे पास दो लाल पत्थर थे मैंने उनको दे दिया लेकिन वह मुझसे मारने की धमकी देकर गया है और वह मुझसे कल फिर आकर लाल पत्थर मांगेगा अब मेरे पास लाल पत्थर है ही नहीं

अब मैं क्या करूं मगरमच्छ भाई मेरी मदद कर दो प्लीज. मगरमच्छ ने अपनी दोस्त चिड़िया की यह बात सुनकर उसकी मदद करने की सोच लिया और फिर उसने उससे कहा कि यदि कल तुम्हारे पास शिकारी आए तब उसको कहना कि मैंने बहुत सारे लाल पत्थर उस नदी में छुपा कर रखे हैं और जैसे ही शिकारी नदी में उतरेगा तो तुम चु चु करके आवाज करने लगना और बाकी का काम मेरे ऊपर तुम छोड़ देना तुम मेरे दोस्त हो और मैं तुम्हारी पूरी मदद करूंगा

यह बात होने के बाद चिड़िया अपने घोंसले में फिर से दोबारा चली गई लेकिन अगले दिन शिकारी फिर से वही घोसले के सामने आकर खड़ा हो गया. चिड़िया घोसले को छोड़ कर उड़ कर भी कहीं नहीं जा सकती थी क्योंकि उसके बच्चे बहुत ज्यादा छोटे-छोटे थे इसलिए उसको मजबूरी के कारण वही घोसले में रहना पड़ता था क्योंकि कोई भी मां अपने बच्चों को अकेला छोड़कर नहीं जा सकती है भले उसकी जान क्यों ना चली जाए

इसके बाद शिकारी फिर से वहां पर आकर खड़ा हो गया और उस चिड़िया को कहा कि लाओ मुझको सब लाल पत्थर दे दो और मैं तुमको छोड़ दूंगा

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तब चिड़िया को जैसा मगरमच्छ ने कहा था चिड़िया ने वैसा ही किया उसने शिकारी से कहा कि मेरे पास बहुत सारे लाल पत्थर है और उसको मैंने नदी में छुपा कर रखा है यदि तुमको वह सभी लाल पत्थर चाहिए तो तुम आओ मेरे साथ और नदी से वह सारे लाल पत्थर लेकर चले जाओ

वह लालची शिकारी चिड़िया के साथ चला गया और चिड़िया ने उसको वह नदी दिखा दी जिसमें मगरमच्छ रहता था. लालची शिकारी नदी में उतर गया और जैसे ही वह नदी के अंदर गया चिड़िया ने आवाज करना शुरू कर दिया उससे मगरमच्छ को पता चल गया कि लालजी शिकारी पानी के अंदर आग चुका है

उसके बाद मगरमच्छ ने उस लालची शिकारी को अपना उस दिन का भोजन बना लिया और लालची शिकारी को ना तो पत्थर मिले बल्कि उस को अपनी जान गवानी पड़ी

इस कहानी से दोस्तों आप लोगों को क्या सीख मिलती है

Moral of this Story

दोस्तों इस कहानी से हमको इतनी बड़ी सीख मिलती है कि हम आपको बता नहीं सकते. कभी-कभी इंसान लालच में इतना ज्यादा डूब जाता है कि उसको आगे कुछ दिखाई नहीं देता है. और किसी लालच के कारण इंसान के पास में जो कुछ भी होता है वह सब कुछ चला जाता है

यह कहानी से हमको यह सीख लेनी चाहिए कि हमको नसीब से जितना भी कुछ मिलता है उसी में हमको खुश रहना चाहिए संतुष्ट रहना चाहिए ना की और ज्यादा लालच करना चाहिए

क्योंकि आप लोगों ने एक कहावत तो सुनी होगी कि लालच करना बुरी बला होती है. इसलिए आप लोगों से हम यह दरख्वास्त करेंगे कभी भी अपने जीवन में ज्यादा लालच ना करें और जितना आपको भगवान की कृपा से मिलता है उतने में संतुष्ट रहें आप हमेशा खुश रहेंगे सुरक्षित रहेंगे

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आपकी और दोस्तों

दोस्तों यह था लालची शिकारी और चिड़िया की कहानी हम उम्मीद करते हैं कि आज की स्टोरी पढ़कर आपको एक बहुत ही जरूरी सीख मिली होगी

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