कबड्डी में करियर कैसे बनाये | बेस्ट कबड्डी प्लेयर कैसे बने

कबड्डी में करियर कैसे बनाये: यह बात तो सभी जानते हैं, कि कबड्डी का खेल पूर्ण रूप से एक भारतीय खेल है।अगर हम यह कहें कि कबड्डी का जन्म भारत में हुआ है, तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। सबसे पहले कबड्डी का खेल हमारे भारत देश में खेला गया था और धीरे-धीरे यह खेल पूरे विश्व में फैल गया।

आज दुनिया के लगभग अधिकतर देशों में कबड्डी का खेल खेला जाता है, परंतु आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, एक समय ऐसा भी था, जब कबड्डी के खेल को बहुत कम लोग खेलते थे और उनमें से भी अधिकतर लोग भारत के होते थे|

परंतु जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी का विस्तार होता गया, वैसे वैसे लोग कबड्डी के खेल के बारे में जानने लगे और धीरे-धीरे इस खेल को विदेशी लोग भी अपने अपने देशों में खेलने लगे और उस पर भी सोने में सुहागा कबड्डी प्रो लीग साबित हुआ। कबड्डी प्रो लीग के माध्यम से इस खेल को और भी प्रसिद्धी हमारे भारत देश के अलावा विदेशों में भी मिली।

हमारे भारत देश में पहले कबड्डी के खेल को फालतू का खेल कहा जाता था, बल्कि लोग यह भी कहते थे कि क्या यार तू जब देखो खेल खेलने में अपना समय खराब करता रहता है,कुछ पढ़ाई लिखाई कर ले,लतो तेरा कैरियर बन जाएगा।इन खेल वेल में कुछ नहीं रखा।

परंतु आज कबड्डी के खेल में मिलने वाले मान सम्मान और पैसे के कारण बहुत से युवा लोग इसमें अपना कैरियर बनाने की इच्छा रखने लगे हैं, तो अगर आप भी ऐसे लोगों में से हैं, जो कबड्डी में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आए हैं।

क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको कबड्डी में कैरियर कैसे बनाएं, इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि कबड्डी में कैरियर बनाने के लिए क्या करें तथा कबड्डी कैसे खेले, तो आइए चलते हैं मुख्य मुद्दे पर और जानते हैं कि कबड्डी में अपना कैरियर कैसे बना सकते हैं।

कबड्डी में करियर कैसे बनाये

बेस्ट कबड्डी प्लेयर कैसे बने

Kabaddi me career kaise banaye

1. कबड्डी क्या है

कबड्डी में जाने का सपना लगभग हर एक युवा का होता है और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए युवा काफी मेहनत भी करते हैं। कबड्डी में जाने के लिए सबसे पहले तो आपको फिजिकल रूप से बिल्कुल फिट होना जरूरी है|

क्योंकि इसमें शारीरिक फिटनेस की बहुत अधिक आवश्यकता होती है और यह बात तो आप जानते ही हैं, कि कबड्डी में विभिन्न प्रकार के दांव पेच चलने पड़ते हैं|

इसके लिए आपका शारीरिक रूप से फिट होना जरूरी है। इसके अलावा आपके अंदर अच्छा खासा स्टेमिना होना चाहिए, वरना आप कबड्डी खेलते समय जल्दी थक जाएंगे।

हमारे भारत देश के विभिन्न राज्यों में कबड्डी का खेल बड़े ही चाव के साथ खेला जाता है। अधिकतर कबड्डी नाम का इस्तेमाल उत्तर भारत में किया जाता है, परंतु इस खेल को भारत के अन्य राज्यों में विभिन्न नामों से भी पुकारा जाता है।

जैसे कबड्डी को दक्षिण भारत में चेडीगुडू कहते हैं। कबड्डी एक ऐसा खेल है, जो रग्बी और रेस्लिंग इन दोनों का मिश्रण है। आज के युवा वर्ग में कबड्डी का खेल काफी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है।

कबड्डी के खेल की लोकप्रियता भारत के अलावा भारत के पड़ोसी देश जैसे श्रीलंका बांग्लादेश पाकिस्तान नेपाल चाइना जापान कोरिया में भी काफी है। इस खेल की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण यह है, कि यह खेल बिना किसी साधन के खेला जा सकता है।

यानी कि इस खेल को खेलने के लिए किसी भी साधन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इस खेल को खेलने के लिए बस थोड़ी सी जगह की आवश्यकता पड़ती है।

2. कबड्डी के विभिन्न नाम

तमिलनाडु में कबड्डी को चादूकट्टू, बंगलादेश में हद्दू, मालद्वीप में भवतिक, पंजाब में कुड्डी, पूर्वी भारत में हू तू तू, आंध्र प्रदेश में चेडूगुडू के नाम से जाना जाता है।

3. कबड्डी खेल का इतिहास

हमारे भारत देश में कबड्डी खेल की शुरुआत सबसे पहले तमिलनाडु में हुई थी। वर्तमान की कबड्डी तमिलनाडु की ही कबड्डी का नया वर्जन है, जिसे हमारे भारत देश के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है।

कबड्डी को सबसे अधिक ख्याति 1936 में हुए बर्लिन ओलंपिक के बाद मिली। साल 1938 में हमारे भारत देश के कोलकाता में कबड्डी को भारत के राष्ट्रीय खेलों में शामिल किया गया।

इसके बाद साल 1950 में अखिल भारतीय कबड्डी फेडरेशन की स्थापना हुई और इस फेडरेशन ने कबड्डी खेल को खेलने के लिए विभिन्न प्रकार के नियम बनाएं।

इसके बाद इसी फेडरेशन को ‘अमैच्योर कबड्डी फेडरेशन ऑफ़ इंडिया’ के नाम से सन 1972 में पुनर्गठित किया गया और इसका सबसे पहला टूर्नामेंट चेन्नई में हुआ।

कबड्डी के खेल को भारत के अलावा पाकिस्तान श्रीलंका चाइना बांग्लादेश तथा जापान में भी बहुत अधिक प्रसिद्धि मिली।जापान में जापान के लोगों को इस खेल से परिचित कराने का श्रेय सुंदर राम नाम के भारतीय व्यक्ति को जाता है।

सुंदर राम ने साल 1979 में जापान में सबके सामने इस खेल को रखा। सुंदर राम उस समय एमेच्योर कबड्डी के एशियाई फेडरेशन के तहत इस खेल को लेकर जापान गए थे। वहां सुंदर राम ने लगभग 2 महीने तक इस खेल का जापान में भरपूर प्रचार किया।

साल 1979 में कबड्डी का खेल भारत और बांग्लादेश के बीच भारत में खेला गया और साल 1980 में कबड्डी के खेल के लिए एशिया चैंपियनशिप का आयोजन हुआ जिसमें भारत ने बांग्लादेश को हराकर टूर्नामेंट में जीत हासिल की।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस टूर्नामेंट में भारत के अलावा नेपाल और मलेशिया तथा जापान ने भी भाग लिया था। इस खेल को एशियाई खेल में साल 1990 में शामिल किया गया।

4. कबड्डी में कैरियर कैसे बनाएं

हमारी इंडियन गवर्नमेंट ने जब से “खेलो इंडिया योजना” का शुभारंभ किया है, तब से ही खेलों के प्रति हमारे भारत के लोगों की रूचि काफी बढ़ती ही जा रही है। अगर आपको कबड्डी में अपना कैरियर बनाना है, तो इसके लिए आपको सबसे पहले इसमें इंटरेस्ट लेना चालू करना होगा।

अगर आपको कबड्डी में इंटरेस्ट नहीं है, तो आप टीवी पर आने वाले प्रो कबड्डी कार्यक्रम को देख सकते और धीरे-धीरे इस खेल में अपना इंटरेस्ट बढ़ा सकते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कबड्डी का खेल अधिकतर विद्यालयों में खेला जाता है।इसीलिए कबड्डी के क्षेत्र में कैरियर बनाने के लिए आप को स्कूल से ही कबड्डी खेलना चालू कर देना चाहिए।

इसके अलावा कबड्डी के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के लिए आपको कबड्डी से संबंधित सभी जानकारियों को इकट्ठा करने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि जब किसी व्यक्ति को किसी खेल के बारे में संपूर्ण जानकारी होती है, तो वह उस खेल का एक्सपर्ट बन जाता है।

कबड्डी के खेल को सीखने के लिए तथा कबड्डी खेलने के लिए आपको शारीरिक और मानसिक रूप से बिल्कुल फिट होना जरूरी होता है, क्योंकि इस खेल में आपको काफी भागा दौड़ी करनी पड़ती है और विभिन्न प्रकार के दांव चलने पड़ते हैं।

इसलिए आप फिजिकल रूप से ताकतवर होने चाहिए, साथ ही आपका स्टेमिना भी अच्छा होना चाहिए, ताकि आपको जल्दी थकाई ना लगे। कबड्डी खेलने के लिए सबसे पहले आप अपनी शुरुआत स्कूल से करें।

स्कूल से अच्छा प्रदर्शन करने के बाद आप तहसील स्तर पर खेली जाने वाली कबड्डी में अच्छा प्रदर्शन करें। इसके बाद जिला स्तर पर कबड्डी खेले और उसमें भी अपना बेस्ट परफॉर्मेंस दें और फिर बड़ी जीत दर्ज करते हुए स्टेट लेवल पर कबड्डी खेले और अपना सबसे अच्छा परफॉर्मेंस दें।

5. अच्छा कबड्डी प्लेयर कैसे बने

जैसा कि आप जानते हैं कि, किसी भी खेल को सीखने के लिए या फिर किसी भी खेल में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए एक गुरु अथवा कोच की आवश्यकता अवश्य होती है|

क्योंकि गुरु अथवा कोच ही आपको आप जिस खेल को सीखना चाहते हैं या खेलना चाहते हैं, उसके बारे में मार्गदर्शन देता है और मार्गदर्शन देकर आपकी मदद करता है।

इसलिए जब भी आप कबड्डी का खेल सीखने का प्रयास करें, तो अपने साथ एक कोच को अवश्य रखें, क्योंकि कोच आपको आपकी गलतियों के बारे में तथा कबड्डी की विभिन्न प्रकार की जानकारी के बारे में बताता रहेगा।

6. कबड्डी खेलने का तरीका

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि, कबड्डी की टीम में कितने खिलाड़ी होते हैं।आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कबड्डी की हर एक टीम में 12 खिलाड़ी होते हैं|

लेकिन पाले में केवल 7 ही खिलाड़ी खेलने के लिए आते हैं और पांच खिलाड़ियों को पाले के बाहर सुरक्षित बैठाया जाता है और जब आपके टीम का कोई खिलाड़ी अथवा विरोधी टीम का कोई खिलाड़ी आउट हो जाता है तो पाले में बैठे 1 खिलाड़ि को पाले में बुलाया जाता है। इंटरनेशनल लेवल पर खेले जाने वाली कबड्डी में हर टीम में 7 खिलाड़ी होते हैं।

कबड्डी का मैदान दो हिस्सों में बटा हुआ होता है तथा कबड्डी का खेल 20 मिनट के अंतराल पर खेला जाता है, जिसके बीच खिलाड़ियों को 5 मिनट का हाफ टाइम ब्रेक भी दिया जाता है।इस हाफ टाइम ब्रेक के दरमियान ही दोनों दल अपना पाला बदल लेते हैं|

और जो खिलाड़ी गलती से पाले के बाहर चला जाता है, उसे आउट मान लिया जाता है तथा मैच स्टार्ट होने के बाद लॉबी को भी मैदान का अंग मान लिया जाता है।

अगर कबड्डी के खेल के दौरान सभी खिलाड़ी आउट हो जाते हैं और जिनमें से केवल एक या दो खिलाड़ी ही बचे रहते हैं, तो कप्तान को यह अधिकार होता है कि वह सभी खिलाड़ियों को बुला ले|

लेकिन उतने अंक और 2 अंक ज्यादा विपक्षी टीम को प्राप्त हो जाते हैं। अगर कोई खिलाड़ी विरोधी टीम के पाले में दम तोड़ता है या सांस तोड़ता है, तो उसे आउट मान लिया जाता है।

कबड्डी के खेल में एक पाले से दूसरे पाले में जाने वाले खिलाड़ी को लगातार कबड्डी कबड्डी या हु तू तू हु तू तू बोलना पड़ता है। इसके अलावा अगर सांस टूटने पर इन दोनों शब्द में से कोई भी शब्द खिलाड़ी के मुंह से बाहर नहीं आता, तो उस खिलाड़ी को आउट मान लिया जाता है।

इसलिए किसी खिलाड़ी की सांस टूटी है या नहीं, इसके लिए कबड्डी कबड्डी या हु तू तू हु तू तू बोलना जरूरी होता है, हालांकि विभिन्न राज्यों में इनके अलावा अन्य कई नाम भी बोले जाते हैं।

7. कबड्डी खिलाड़ियों की ड्रेस

हर खेल की तरह कबड्डी के खेल में भी खिलाड़ियों की ड्रेस निर्धारित होती है। कबड्डी का खेल खेलने वाला हर खिलाड़ी बनियान और निकर पहनता है। इसके साथ में जुराब और कपड़े के जूते भी पहनता है।

इसके अलावा अगर खिलाड़ी किसी टूर्नामेंट में कबड्डी का खेल खेल रहा है, तो उसकी बनियान के पीछे नंबर भी लिखे हुए होते हैं। जिसे खिलाडी नंबर कहा जाता है। इसके अलावा जो खिलाड़ी कबड्डी का खेल खेलता है, उसे ऐसे किसी भी चीज को पहनने की अनुमति नहीं दी जाती है जिससे किसी को चोट लग सके या किसी को खरोच आ सके। इसके अलावा कबड्डी का खेल खेलने वाले हर खिलाड़ी के नाखून कटे हुए होने चाहिए ताकि उनके नाखूनों के द्वारा किसी को चोट ना लगे।

8. इस खेल के प्रमुख कोचिंग स्थान

अगर आप कबड्डी का खेल सीखना चाहते हैं तो इसके लिए भारत में ऐसे कई संस्थान है जहां से आप कबड्डी का खेल खेल सकते हैं और सीख सकते हैं। कबड्डी के खेल को सीखने के लिए दिल्ली जयपुर तथा देश के अन्य भागों में भी बहुत से संस्थान हैं, जहां पर सभी खिलाड़ियों को बहुत ही अच्छी तरह से कबड्डी के खेल के बारे में सभी जानकारी प्रदान की जाती है।

इसके अलावा दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर बसा हुआ एक गांव इस खेल को सिखाने के लिए बहुत ही प्रसिद्ध है। उस गांव का नाम है निजामपुर।यह एक ऐसा गांव है जहां बहुत पहले से ही कबड्डी खेली जा रही है। एशियाई खेलों में गोल्ड जीतने वाले कबड्डी प्लेयर मंजीत चिल्लर भी इसी गांव के हैं।

9. प्रो कबड्डी क्या है

साल 2014 में हमारे भारत देश में प्रो कबड्डी लीग की स्थापना की गई। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, जिस तरह क्रिकेट में इंडियन प्रीमियर लीग का आयोजन होता है, उसी तरह कबड्डी में कबड्डी प्रो लीग का आयोजन होता है।

प्रो कबड्डी लीग का उद्देश्य भारत में तथा भारत के बाहर कबड्डी के खेल को लोकप्रिय बनाना है। प्रो कबडडी लीग के दौरान मार्केटिंग पर विशेष ध्यान दिया जाता है और इसका सीधा प्रसारण स्टार स्पोर्ट्स चैनल पर किया जाता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भारतीय टेलीविजन पर प्रो कबड्डी लीग को भारत के लोगों ने काफी पसंद किया और इसे लगभग 435 मिलियन दर्शकों ने देखा। भारत में प्रो कबड्डी के पहले मैच को ही कम से कम 86 मिलियन लोगों ने देखा था।

10. कबड्डी में कमाई

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कबड्डी में कोई निश्चित सैलरी नहीं होती है और कबड्डी खिलाड़ियों की मुख्य कमाई उनके द्वारा खेल में किए गए प्रदर्शन के आधार पर होती है।

जैसे अगर किसी खिलाड़ी ने किसी कबड्डी के मैच में अच्छा खेल खेला है, तो उसे इनाम के स्वरूप 5 से 10 लाख रुपए आसानी से मिल जाते हैं तथा इसके अलावा भी उसे अन्य कई इनाम दिए जाते हैं।

आपकी और दोस्तों

तो दोस्तों यह था कबड्डी में करियर कैसे बनाएं, हम उम्मीद करते हैं कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आप सभी को पता चल गया होगा कि एक अच्छा कबड्डी प्लेयर कैसे बने|

अगर आपको हमारा यह लेख अच्छा लगा हो तो प्लीज इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और व्हाट्सएप पर शेयर करें|

क्योंकि हम चाहते हैं कि जिन लोगों को कबड्डी खेलने का शौक है वह लोग इस आर्टिकल को पढ़कर एक अच्छा कबड्डी प्लेयर बन पाए और उसमें अपना करियर बना पाए धन्यवाद दोस्तों|