जैसी करनी वैसी भरनी कहानी ( लोमड़ी और सारस स्टोरी )
जैसी करनी वैसी भरनी कहानी – हेलो दोस्तों एक बार फिर हम आपके साथ एक बहुत अच्छी कहावत पर हिंदी स्टोरी शेयर करने जा रहे हैं और इस कहावत का नाम है जैसी करनी वैसी भरनी, और इस कहावत को समझने के लिए आज हम आपके साथ लोमड़ी और सारस की स्टोरी हिंदी में शेयर करने वाले हैं जिसको पढ़कर आपको इस कहावत का अर्थ बहुत अच्छे तरीके से समझ में आ जाएगा.
चलिए दोस्तों आज के इस मजेदार लोमड़ी और सारस की कहानी की शुरुआत करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह कहानी बहुत ज्यादा पसंद आएगी. आप इस कहानी को पूरा पढ़ें आपको बहुत ज्यादा मज़ा आएगा और एक अच्छी शिक्षा मिलेगी जो आपके जीवन में बहुत ज्यादा लाभदायक और फायदेमंद साबित होगी.
जैसी करनी वैसी भरनी कहानी
लोमड़ी और सरस स्टोरी हिंदी में
एक जंगल में बहुत चालाक लोमड़ी रहती थी. उसी जंगल में एक सारस भी रहता था. लोमड़ी और सारस बहुत अच्छे दोस्त थे. एक दिन लोमड़ी ने सारस को मूर्ख बनाने के बारे में सोचा. इसके लिए उसने सारस को अपने घर खाना खाने के लिए निमंत्रण दिया और उसे कहा कि आप हमारे घर खाना खाने के लिए जरूर आना.
क्योंकि सारस और लोमड़ी एक दूसरे के बहुत अच्छे मित्र थे इसलिए सारस लोमड़ी का कहना मान गया और वह ठीक समय पर लोमड़ी के घर पहुंच गया. लोमड़ी ने बड़े प्यार से सारस को अपने घर में खाने के लिए बिठाया और उसने अपने लिए और सारस के लिए दो चपटी थालियों में खीर परोस दिया.
चालाक लोमड़ी अपनी जीभ से जल्दी जल्दी सारा खीर को खत्म कर दिया और बिचारा सारस अपनी लंबी चोंच के कारण थोड़ा सा भी खीर नहीं खा पाया और वह भूखा ही रह गया. इस बात पर सारस को बहुत ज्यादा गुस्सा और क्रोध आया उसने चालाक लोमड़ी को सबक सिखाने का निश्चय कर लिया.
कुछ दिन बाद बदले की भावना से सारस में लोमड़ी को अपने घर भोजन के लिए बुलाया. लोमड़ी ने भी सारस का कहना मान लिया. और वह उसके घर बुलाए गए दिन पर ठीक समय पर पहुंच गया.
सारस ने भी लोमड़ी का बहुत विनम्र तरीके से स्वागत किया और उसको घर पर खाना खाने के लिए बिठा दिया. सारस ने उस दिन बहुत ही स्वादिष्ट भोजन बनाया था और उसको उसने लंबी गर्दन वाली दो मटके में भर दिया.
सारस ने 1 लंबी गर्दन वाले मटके को लोमड़ी के सामने रख दिया और दूसरा अपने सामने. अब सारस अपनी लंबी चोंच की मदद से मटके के अंदर अपनी चोंच डालकर सारा भोजन खत्म कर दिया जबकि लोमड़ी अपना मुंह कुछ लंबी गर्दन वाले मटके के अंदर डाल ही नहीं पा रहा था जिसकी वजह से वह कुछ भी खा नहीं पाया और उस को भूखा रहना पड़ा.
कुछ देर बाद लोमड़ी को बहुत गुस्सा आया और वह खाली पेट अपने घर वापस लौट गया. इस प्रकार लोमड़ी को अपनी करनी का फल मिल गया था. लोमड़ी ने जो व्यवहार सारस के साथ किया था उस पर लंबी को बहुत ज्यादा शर्मिंदगी महसूस हुई.
शिक्षा – दोस्तों इस कहानी से हम लोगों को यह सीख मिलती है कि हम जीवन में जैसा कर्म करेंगे वैसा ही हम को भुगतना होता है, और इसलिए लोग कहते हैं कि जैसी करनी वैसी भरनी यानी कि जैसे को तैसा.
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दोस्तों यह था जैसी करनी वैसी भरनी पर हिंदी कहानी, हम उम्मीद करते हैं कि आज लोमड़ी और सारस की यह हिंदी स्टोरी पढ़ने के बाद आप लोगों को इस कहावत का अर्थ बहुत अच्छी तरीके से समझ में आ गया होगा.
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