कैसे हो आप लोग दोस्तों आज एक बहुत ही रोमांचक कहानी हम आप लोगों के साथ शेयर करने वाले हैं और आज हम आपको 2 मित्र और भालू की कहानी सुनाने जाएंगे. यह बच्चों की बहुत प्रसिद्ध कहानियों में से एक है.
हम आपसे यह रिक्वेस्ट करेंगे कि इस कहानी को आप पूरा जरूर पढ़ें ताकि आप लोगों को जो शिक्षा मिलेगी वह बहुत अच्छी होगी. आपकी भी लाइफ में बहुत सारे दोस्त होंगे और यह कहानी दोस्ती पर ही निर्धारित है. चलिए दोस्तों आज की कहानी की शुरुआत करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आप लोगों को बहुत ज्यादा पसंद आएगी.
दो मित्र और भालू की कहानी
एक गांव की बात है जिसमें राम और श्याम नाम के दो मित्र रहते थे उन लोगों की दोस्ती बहुत ज्यादा पक्की थी. वह लोग एक दूसरे को हमेशा अपना बेस्ट फ्रेंड कहते थे. जब कभी भी उन लोगों से कोई पूछता कि तुम्हारा सच्चा मित्र कौन है तब वह लोग एक दूसरे का ही नाम लेते थे.
एक बार राम और श्याम ने यात्रा करने का निर्णय लिया क्योंकि बहुत दिनों से वह लोग कहीं बाहर घूमने के लिए नहीं गए थे. राम और श्याम उस निर्धारित दिन पर यात्रा के लिए निकल पड़े और रास्ते में उन्हें एक जंगल पार करना था.
जैसे ही वह लोग जंगल पार कर रहे थे अचानक से उनके सामने एक बहुत बड़ा और जंगली भालू आ गया. उस भालू को देखकर राम और श्याम दोनों की हवा टाइट हो गई और वह लोग बहुत ज्यादा डर गए.
जैसे ही उन लोगों ने देखा की भालू उनके तरफ आ रहा है तो वह लोग बहुत ज्यादा डर गए. तब राम पास के पेड़ पर बहुत जल्दी चढ़ गया और अपने आप को पेड़ की पत्तियों से छुपा लिया जबकि श्याम नीचे ही था क्योंकि उस को पेड़ पर चढ़ना नहीं आता था.
श्याम को जब कोई उपाय नहीं सूझा तब वह जमीन पर लेट गया और उसने अपनी सांसे रोक ली जैसे कि वह मरा हुआ है. कुछ समय बाद वह जंगली भालू श्याम के पास आता है, जैसे ही वह आदमी श्याम के पास आता है तब श्याम को बहुत ज्यादा डर लगता है लेकिन उसने मरने की एक्टिंग कंटिन्यू राखी.
जंगली भालू श्याम के पास आता है और उसको सुंगता है क्योंकि श्याम ने अपनी सांसों को रोककर रखा था जिसकी वजह से भालू को यह लगा कि यह इंसान मरा हुआ है और उसने श्याम को वहीं छोड़ दिया और वापस चला गया.
जैसे ही वह जंगली भालू वहां से चला गया तब राम पेड़ से नीचे उतरा और उसने श्याम से कहा कि अब उठ जाओ भालू चला गया है अब कोई खतरा नहीं है. और उसने यह भी पूछा कि भालू ने तुम्हारे कानों में क्या कहा जरा मुझे भी तो बताओ?
श्याम ने कहा की कुछ जंगली भालू ने मेरे कानों में बहुत ही काम की बात कही. भालू ने मुझसे यह कहा कि ऐसे मित्र के साथ कभी यात्रा पर मत जाओ जो तुम्हें बुरे परिस्थिति में अकेला छोड़कर भाग जाए. यह बात सुनकर राम को बहुत खराब लगा और उसे बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई.
शिक्षा – दोस्तों इस कहानी से हम लोगों को यह सीख मिलती है कि सच्चा दोस्त वही होता है जो मुसीबत के समय पर आपका साथ भी और आपकी मदद करें. जो मित्र मुसीबत के समय पर भाग जाता है या आपका साथ नहीं देता है वह सच्चा मित्र नहीं चलाता है और ऐसे मित्रों पर भरोसा नहीं किया जा सकता.
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निष्कर्ष:
दोस्तों यह था दो मित्रों और भालू की कहानी, हम उम्मीद करते हैं कि आज की यह कहानी को पढ़ने के बाद आप लोगों को यह पता चल गया होगा कि सच्चा मित्र वही होता है जो संकट में काम आए.
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