चूहे और बिल्ली की कहानी – Mouse and Cat Story in Hindi

Mouse and Cat Story in Hindi – नमस्कार दोस्तों एक बार फिर से हमारे इस ब्लॉग पर आप लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है और आज हम आपके सामने चूहे और बिल्ली की एक जबरदस्त कहानी लेकर आए हैं और यह कहानी पढ़कर आपको बहुत मजा आएगा

हम चाहते हैं कि आप इस स्टोरी को पूरे अंत तक पढ़े ताकि आपको स्टोरी को पढ़कर क्या सीख मिलती है इसके बारे में हम आप को बता सकें. दोस्तों वैसे तो चूहे और बिल्ली की कहानी बहुत ज्यादा मशहूर है और हर कोई छोटा या बड़ा चूहे और बिल्ली की कहानी सुनने के लिए हमेशा तैयार रहता है

वैसे तो आप लोगों को पता ही होगा कि चूहा और बिल्ली एक दूसरे के कट्टर दुश्मन होते हैं लेकिन आज की इस कहानी में आप लोगों को कुछ अलग ही देखने को मिलेगा. और हम आपको यह वादा करते हैं कि यह हिंदी स्टोरी पढ़ने के बाद आपको इतनी अच्छी और बढ़िया शिक्षा मिलेगी कि हम आपको बता नहीं सकते इसलिए आप इस बिल्ली और चूहे की कहानी को पूरा पढ़ें आपको बहुत अच्छा लगेगा

चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम आज की हिंदी कहानी की शुरुआत करते हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारी यह स्टोरी पसंद आएगी

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चूहा और बिल्ली की कहानी

Mouse and Cat Story in Hindi

Chuhe aur Billi ki Kahani story

एक बिल्ली और एक चूहा था वह लोग एक पुराने घर में रहते थे. लेकिन यह चूहा बिल्ली एक दूसरे के दुश्मन बिल्कुल भी नहीं थे यह लोग एक-दूसरे को बहुत अच्छा मानते थे और एक दूसरे के बहुत बढ़िया दोस्त थे

चूहा और बिल्ली वही पुराने मकान में बहुत दिनों से रह रहे थे इसलिए उन दोनों में बहुत गहरी दोस्ती हो चुकी थी वह लोग खाना पीना भी साथ में खाते और जब कभी भी बाहर घूमना होता वह लोग साथ में ही घूमते

वह लोग एक दूसरे की बातों को बहुत अच्छे से समझ जाते. 1 दिन ऐसा हुआ कि चूहा और बिल्ली दोनों को बहुत जोर की भूख लग गई लेकिन जिस पुराने मकान में वह लोग रह रहे थे वहां पर उनको खाने के लिए कुछ भी नहीं मिलता था

इसलिए चूहा और बिल्ली रोज उस पुराने मकान से बाहर निकलकर खाने की तलाश में दूसरों के घर में घुसते थे और मिल-जुलकर जो कुछ भी मिलता उसको खाकर फिर अपने पुराने घर में लौट जाते थे

इस तरीके से चूहा और बिल्ली अपना दिन गुजार रहे थे लेकिन एक दिन चूहा और बिल्ली को बहुत जोर से भूख लगी उन्होंने सोचा चलो किसी दूसरे के घर में जाते हैं और देखते हैं वहां पर हम को खाने के लिए क्या मिल सकता है

इसके बाद चूहा और बिल्ली गांव में किसी दूसरे के घर में घुस गए और घुसते ही उन्होंने देखा कि एक गिलास में दूध रखा हुआ है. लेकिन चूहे ने कहा कि मैं गिलास में से दूध नहीं पी सकता हूं मैं उतना ऊपर तक कैसे जाऊं क्लास तक मैं वहां तक पहुंच नहीं सकता हूं

तभी बिल्ली ने कहा कि तुम मेरे दोस्त हो तुमको परेशान और तकलीफ लेने की कोई जरूरत नहीं है मैं अभी कोई तरकीब ढूंढती हूं और इस गिलास का दूध हम दोनों पिएंगे. चूहा यह बात सुनकर बहुत ज्यादा खुश हो गया

उसके बाद बिल्ली ने अपने पंजों से दूध के गिलास को गिरा दिया जिसकी वजह से दूध जमीन पर गिर गया उसके बाद बिल्ली और चूहे दोनों ने खूब जमकर दूध पिया

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जैसे ही दूध का गिलास नीचे गिरा तो घर के मालिक को ग्लास गिरने की आवाज आ गई वह तुरंत ही रूम में आ गया चूहा वहां से किसी कोने में जाकर छुप गया

मकान मालिक ने तुरंत ही एक जाल बिल्ली के ऊपर फेंक दिया और फिर बिल्ली उस में फस गई. उसके बाद मकान का मालिक कुछ देर के लिए रूम से बाहर चला गया

बिल्ली वहां पर म्याऊं म्याऊं करती रही और चिल्लाती रही तभी कोने से चूहा बाहर निकलता है और बिल्ली से कहता है कि तुम भी मेरे दोस्त हो तुम ने मुझ को दूध पिलाने में मदद करी है तब मैं भी तुम्हारा जरूर साथ दूंगा

चूहा तुरंत ही जाल को अपने नुकीले दांतों से काटना शुरु कर दिया और कुछ ही देर में बिल्ली के बाहर निकलने तक का उसने जाल को काट दिया था

उसके बाद बिल्ली ने चूहे का बहुत शुक्रिया अदा किया और फिर वह दोनों तुरंत वहां से भाग निकले

उसके बाद वह लोग उस मकान में कभी भी नहीं घुसे उसके बाद उनकी दोस्ती और भी ज्यादा पक्की और गहरी हो गई

बिल्ली ने चूहे से कहा कि अगर आज तुम नहीं होते तब वह मकान मालिक न जाने मेरे साथ क्या करता मुझको कहां जाल में बंद कर कर फेंक देता

मैं तुम्हारे इस दिन का एहसान कभी नहीं भूलूंगी, मैंने कहा कि हम दोनों दोस्त हैं हम दोनों को एक दूसरे की मदद करना चाहिए चलो कोई बात नहीं अब आराम से सो जाते हैं

कुछ दिन बीते ऐसे ही बिल्ली और चूहे की दोस्ती बरकरार थी लेकिन एक दिन अचानक से बिल्ली की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई और उस दिन वह खाना लेने के लिए बाहर नहीं जा सकती थी लेकिन चूहे ने कहा कि तुम घबराओ मत मैं तुम्हारे लिए रोटी का बंदोबस्त कर दूंगा

इसलिए चूहा खाना लेने के लिए बाहर चला गया उनके पुराने घर के बगल में एक मकान था चूहा उस मकान में घुस गया

मकान में बहुत ज्यादा अंधेरा था और कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था. लेकिन आप लोगों को तो पता ही होगा कि चूहे की सुनने की शक्ति बहुत ज्यादा होती है इसलिए मकान में पता चल गया कि कहां पर उसको रोटी मिलेगी वह उस स्थान पर जाने लगा लेकिन अचानक से क्या हुआ घर के मकान मालिक ने चूहे पकड़ने का पिंजरा लगा रखा था जैसे ही चूहा रोटी को अपने दांत से पकड़ा तुरंत ही पिंजरे का दरवाजा बंद हो गया और चूहा कैद हो गया

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बिल्ली चूहे का इंतजार बहुत देर तक करती रही लेकिन चूहे का आने का कोई पता ही नहीं था दिल्ली को पता था कि हम सबसे ज्यादा हमारे पड़ोस के मकान में खाना खाने के लिए जाते हैं तो शायद हो सकता है कि वहां पर चूहा कहीं प्रॉब्लम में तो नहीं है

बिल्ली ने जैसे-तैसे उस मकान में चली गई और उसने देखा कि चूहा वहां पर चूचू कर रहा था. बिल्ली ने अपने मित्र चूहे की आवाज को पहचान लिया अब उसने यह सोचा कि मैं अपने मित्र चूहे को इस पिंजरे से बाहर कैसे निकाल सकती हूं

उसी समय मकान मालिक का छोटा बच्चा उस कमरे में घुस गया तभी बिल्ली ने सोचा कि इस बच्चे को तो कुछ भी पता नहीं है उसने सोचा कि क्यों ना बच्चे को पिंजरे के पास लेकर आए ताकि कोई रास्ता निकल जाए जिस तरीके से चूहा बाहर आ सकता है उसके दिमाग में एक तरकीब सोची

बिल्ली बच्चे के पास चली गई बच्चा 5 या 6 साल का था, बिल्ली बहुत ज्यादा अच्छी दिखती थी और बहुत ज्यादा क्यूट थी और छोटे बच्चों को बिल्ली के साथ खेलना पसंद होता है इसलिए वह बिल्ली को पकड़ने के लिए चला गया

लेकिन बिल्ली बच्चे के हाथ में नहीं आ रही थी और वह जानबूझकर पिंजरे के गोल गोल घूम रही थी. बच्चा भी बिल्ली को हाथ में पकड़ने के लिए बहुत ज्यादा बेताब था और वह बिल्ली के पीछे दौड़ रहा था.

दौड़ते-दौड़ते बच्चे का पैर अचानक से पिंजरे के दरवाजा खोलने वाले स्थान पर पड़ गया जिसकी वजह से पिंजरे का दरवाजा खुल गया और चूहा वहां से तुरंत ही बाहर निकल गया उसके बाद बिल्ली और चूहा एक दूसरे के साथ फिर से अपने पुराने घर में लौट गए

चूहे ने बिल्ली को उसकी जान बचाने के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया कहा लेकिन बिल्ली ने चूहे से कहा कि 1 दिन तुमने मुझे मुसीबत से बचाया था इसलिए मेरा कर्तव्य बनता था कि मैं भी अपने मित्र की मदद करूं और इसी वजह से आज मैंने तुम्हारी मदद करी

उस दिन के बाद से बिल्ली और चूहा एक दूसरे का हमेशा साथ देते थे और प्रेम मोहब्बत से रहा करते थे

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यह कहानी से आप लोगों को क्या सीख मिलती है दोस्तों

Moral of this Hindi Story

दोस्तों इस चूहे और बिल्ली की कहानी को सुनकर हमको यह पता चलता है कि हम को कभी भी अपने मित्रों का साथ देना चाहिए मुसीबत के समय पर

जो दोस्त मुसीबत के समय पर काम देता है वही सच्चा दोस्त होता है और जो दोस्त मुसीबत के समय पर अपना पेट दिखा देता है वह लोग मतलबी दोस्त होते हैं केवल आपका इस्तेमाल करते हैं

जिस तरीके से चूहे ने बिल्ली की मदद करी थी जाल से बाहर निकलने के लिए और बाद में जब चूहा मुसीबत में फंसा था तो बिल्ली ने उस को पिंजरे से बाहर निकलने में मदद की थी

इसी तरीके से आप लोगों को भी हमेशा अपने दोस्त की मदद करना चाहिए. दोस्तों आप लोगों को तो पता ही होगा कि प्रकृति से बिल्ली और चूहा एक दूसरे के दुश्मन होते हैं

लेकिन यह कहानी थोड़ी अलग थी और इस कहानी से हमको यह शिक्षा और सीख मिलती है की दुश्मनी हमारे मन में होती है यदि हम सामने वाले को दुश्मन समझते हैं तब वह हमको दुश्मन ही दिखाई देगा लेकिन हमको अपने मन को साफ कर लेना चाहिए और एक दूसरे के साथ प्रेम मोहब्बत से रहना चाहिए

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आपकी और दोस्तों

दोस्तों यह था चूहा और बिल्ली की कहानी हम उम्मीद करते हैं कि आज कि यह हिंदी स्टोरी पढ़कर आपको बहुत बढ़िया सीख मिली होगी और आप लोगों को भी दुश्मनी छोड़ कर एक दूसरे के साथ मिल जुलकर रहना चाहिए

दोस्तों अगर आपको हमारी यह चूहे और बिल्ली की स्टोरी पसंद आई हो तो कृपया करके इसे अपने दोस्तों के साथ और घर परिवार वालों के साथ Facebook WhatsApp Twitter और Google plus पर जरुर शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग चूहे और बिल्ली की कहानी सुन पाए और उनको एक अच्छी सीख मिल पाए धन्यवाद दोस्तों

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