बेवफा शायरी | Bewafa Shayari in Hindi

हेल्लो दोस्तों आज हम आपके लिए बहुत ही सैड बेवफा शायरी की कलेक्शन लेकर आएं है जिसको पढ़कर किसी का भी दिल उदास हो जायेगा.

प्यार में जब बेवफाई होती है तब दिल पूरी तरह से टूट जाता है और जिंदगी जीने का ही मन नहीं करता. ऐसा लगता है की सभ कुछ खत्म हो गया है.

बेवफा शायरी

Bewafa Shayari in Hindi

Bewafa Shayari

1
तेरी बेवफाई के चर्चे हर जगह हुआ करते हैं
तूने जो दिया है मुझे धोखा
उससे हम आज भी रोया करते है।।

2
इसमें तेरा भी कोई कसूर नहीं था
तेरी तो फितरत ही ऐसी थी
हमारी गलती थी हमने तुझसे मोहब्बत की
तेरी तो सीरत ही ऐसी थी।।

3
अब क्या हम दिल लगा लेंगे
तेरे जैसे को दिल मैं बसा लेंगे
तूने जो किया है याद है मुझे
क्या हम तुझे अपना बना लेंगे।।

4
मुझे कुछ इस तरह लगता है
अब तू मुझे अच्छा नहीं लगता है
तेरी बातें याद आती है मुझे
और तू मुझे बेवफा लगता है।।

5
मैं तुझे क्या समझा था
और तू क्या निकला
मैंने तुझे अपना समझा था
पर तू तो पराया निकला
किसी गैर की याद में आज भी रोता है तू
तू तो बहुत ज्यादा बेवफा निकला।।

6
तूने क्या सोचा था क्यों
मुझे इसी तरह धोखा देता रहेगा तू
किसी और की बाहों में सोता रहेगा
और मुझसे झूठा प्यार जताता रहेगा तू

7
तुम मुझे शायद नहीं पहचानता
तू मेरी आदतें भी नहीं जानता
मैं कौन हूं यह तुझे पता नहीं
इसीलिए तू मुझे अपना नहीं मानता

8
अब कुछ मोहब्बत हम इस तरह किया करेंगे
तेरा नाम लेकर हम किसी और से मिला करेंगे
तू नहीं आती है अगर पास हमारे
तो हम भी अब तुझसे नहीं मिला करेंगे।।

9
मेरी मोहब्बत का यह अंजाम है आएगा
मैंने कभी न सोचा था और तू किसी और का हो जाएगा यह मैंने कभी नहीं सोचा था

10
तेरी क्या बात करूं तु मुझे अच्छा नहीं लगता
पहले ही अच्छा लगता था तु मुझे
तु मुझे अब मेरा नहीं लगता

11
तेरे जैसा इंसान मैंने आज तक नहीं देखा
बहुत देखे मगर तेरे जैसा झूठा नहीं देखा
हर बात पर झूठ बोला है तूने
मैंने तेरे जैसा बेवफा नहीं देखा

12
अभी वो किसी और से बात किया करती हो
पर मुझे अभी कोई फर्क नहीं पड़ता
किसी से भी करो मोहब्बत
मुझे अब तुमसे कुछ फर्क नहीं पड़ता

13
मैं तुम्हें जिस दिन छोड़ कर चला जाऊंगा
उस दिन तुम्हें बहुत याद आऊंगा
पर तुम भी याद रखना
तेरी बेवफाई का कर्ज में जरूर चुकाऊंगा ।।

14
तुम मेरी दूसरों के सामने बेइज्जती करती हो
उनके कहने पर मुझ पागल कहती हो
पर मैं तो कौन हूं कहां हूं क्या मालूम
और तुम मुझे ही बेवफा कहती हो

15
तुम तो शायद मुझसे कभी मोहब्बत करती ही नहीं थी बेइंतहा प्यार तो दूर की बात मेरी इज्जत करती ही नहीं थी इसलिए छोड़ कर चली गई मुझे
क्योंकि तुम किसी और से वफा
और मुझसे नफरत किया करती थी

16
जब तुम आओगे तभी तो कुछ तुम्हारी सुनेंगे
कुछ हमारी सुनाएंगे शायरी में ही सही
तुम्हें बेवफा जरूर कह जाएंगे

17
मुझे आप किसी से फर्क नहीं पड़ता
मैं अब किसी का नहीं रहा तेरे धोखे के बाद
मेरी अब किसी से विश्वास नहीं रहा
इश्क तो दूर की बात मुझे किसी पर यकीन ना रहा

18
तुम बात करते हो हम आज भी तुम पर यकीन करें
पर हम कैसे तुम पर यकीन कर पाएंगे
हमने देखा है तो मैं किसी और के साथ चलते हुए
हम किसे अब तुम्हारे साथ चल पाएंगे।।

19
तूने कितनी भी कर ली हमसे बेवफाई
फिर भी हमने तेरा साथ नहीं छोड़ा
पर जब तू हमसे करता ही नहीं मोहब्बत
तो फिर हमने भी अपनी इश्क के लिए
किसी के सामने हाथ नहीं जोड़ा

20
हम तेरी तरह नहीं है
जो हर किसी के सामने तेरी बुराई करेंगे
माना तू है बेवफ़ा फिर भी हम तेरी भलाई ही पर हैं

21
तुझसे मोहब्बत होना
शायद मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा नुकसान था
क्या मिला मुझे तुझसे मोहब्बत करके दर्द आंसू
और उनके सिवा यह मेरा सबसे बड़ा नुकसान था
और तू चली गई किसी गैर के लिए मुझे छोड़ कर
यह मेरा सबसे बड़ा नुकसान था।।

22
अब तू किसी और के साथ ही खुश रहना
मुझे अब तू नहीं चाहिए
ना तेरी मोहब्बत ने दिल नफरत ना तेरी बेवफाई चाहिए

23
मैं क्यों करूं तुझसे मोहब्बत अब वजह नहीं बची
और तेरे साथ चलने की कोई हसरत नहीं रही
तूने तो कर ली किसी और के साथ हसीन अपनी रातें
पर मेरे पास अब जीने की कोई वजह नहीं बची

24
मैं तुझसे जब मोहब्बत किया करता था
तब रातों में जागा करता था तेरे सपने देखा करता था
और क्या वक्त था वह
जब मैं तुझे सीने से लगाया करता था
जब से देखा है तुझे किसी और के साथ
तब से इस कदर मेरा दिल टूट गया
तूने कर दी बेवफाई और मेरा सनम मुझसे रूठ गया है।।

25
तू मेरे साथ ना रहना तुम मुझसे मोहब्बत ना करना
मैं करूं जाऊंगा तुझसे बेवफाई फिर भी
तू मुझे गलत मत कहना ऐसा मुझे तुम कहा करते थे
और यह सब तुमने कर दिया
और फिर भी तुम मुझे गलत कहा करते थे

26
मैंने तुम्हारे साथ कुछ हसीन सपने देखे थे
कुछ हसीन पल बिताए थे
उन्हीं के मरने का मातम मना रहा हूं मैं
कि मैंने कैसे तुम्हारे साथ दिन बताए थे

27
तुम क्या सोचती हो यह मैं नहीं जानता
पर मैं तुम्हारी आदत को अच्छे से पहचानता
मेरे सामने बनती हो तुम अच्छी
और गैरो में बनाती मेरा मजाक ये मैं अच्छे से जानता

28
अब तुम हमसे दूर रहो वही बेहतर होगा
हमको छोड़कर चली जाओ
यही तुम्हारे लिए अच्छा होगा

29
तुम्हारे बिना रह लूंगा मैं भी हर दर्द सह लूंगा में भी
जब तुम ने कर ली किसी और से मोहब्बत
तो मां अभी कर लूंगा किसी और से इश्क मोहब्बत

30
आज भी वो पागल बनाकर मुझे पागल समझती है
पागल पागल बना कर चली गई
कहती है मां ने बुलाया है मुझे आज जल्दी
थोड़ी सी देर से मिलने चली गई

31
मैं किसी पर शक नहीं करता
मैं तो तुम पर खुद से ज्यादा यकीन किया करता था
पर तुमने मेरा भरोसा ही तोड़ दिया
जब मैं तुमसे मोहब्बत किया करता था

32
हमें प्यार मोहब्बत सब मुझे फिजूल लगता है
तुझसे मिलना भी यह पागलपन लगता है
मैं नहीं रहना चाहता हूं तेरे साथ
मुझे तेरा हर प्यार बेवफा लगता है

33
हमारा तो यार भी कहीं बेवफा निकला
प्यार भी बेवफा निकला
कहां जाएंगे हम हमारा हमसफर धोखेबाज निकला

34
कुछ इस तरह मैं तुम्हें बता दिया करूंगा
जब किसी गैर से मिलने जाओगी
मैं तुम्हें अपने से दूर कर दिया करूंगा

35
यह लिखकर चिल्लाकर बताने से क्या हो जाएगा
क्या मेरा महबूब वापस लौट आएगा
उसने तो की है मुझसे बेवफा है
अब क्या वह मुझसे कोई रिश्ता निभाएगा

36
बार-बार मेरी कहने की आदत नहीं है
मैं सिर्फ एक बार कहा करता हूं
अगर नहीं है तुम्हें मुझसे मोहब्बत तो छोड़कर चली जाओ वरना मैं तुम्हें सिर्फ बेवफा कहा करता हूं

37
अब तुम मेरा सिर्फ इतना सा साथ देना अगर आई हो वापस फिर से तो मोहब्बत में धोखा मत देना
बेवफाई की थी जिस तरह पहले
उस तरह मुझे अब सजा मत देना

38
तुम मुझसे जो मिलने के झूठे बहाने बनाया करती हो
और फिर अपने असली रंग दिखाया करती हो
सब जानता हूं तुम्हारी मोहब्बत
तुम मुझसे झूठे वादे किया करते हैं

39
तेरा हर वादा झूठा निकला
तेरा वह प्यार भी झूठा निकला
हमने की थी जिस शक्श से सबसे ज्यादा मोहब्बत
वह शख्स बेवफा निकला

40
चल तुझे आजाद किया मैंने हर रिश्ते से
तू अपनी मर्जी से जी सकता है
और जिसेसे कर मोहब्बत
पर तुम मुझे ही बेवफा कह सकता है

41
तुझे तो मुझ पर कभी यकीन नहीं आया था
तुझे तो मुझ पर कभी ऐतबार नहीं आया था
मैंने किया तुझसे बहुत प्यार
पर कभी तुझे मुझ पर प्यार नहीं आया था

42
तेरे चर्चे हम इस तरह लिखा करेंगे
जब भी मोहब्बत को लिखेंगे तुझे बेवफा लिखा करेंगे

43
हर मर्द ने अपनी शायरी में औरत को बेवफा लिखा है
मर्द भी होता है बेवफा यह हमने लिखा है

44
तुम पर भरोसा करना
मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी गलती थी
और तुम से मोहब्बत करना मेरी उससे भी बड़ी गलती थी

45
मुझे अब मोहब्बतों पर यकीन नहीं रहा
सच्ची इबादतो पर आपको यकीन नहीं रहा
वह जहां रहे खुश रहे
मुझे उसकी वफ़ा पर भी कोई यकीन नहीं रहा

46
हम तो आज भी उसके लिए दुआ ही किया करते हैं
वह निकला बेवफा फिर भी
उसके लिए सजदा किया करते हैं

47
हर शायरी में हर लफ्ज़ में हर कविताएं मैं उसे लिखा था मांगा था मैंने उसे दुआओं में
फिर एक दिन मैंने उसे बेवफा भी लिखा था

48
मैं उस पर कितना यकीन किया करता था
आंख बंद करके भरोसा किया करता था
उसने तोड़ दिया मेरा भरोसा
जबकि मै उससे इतना प्यार किया करता था।।

49
तू मुझे जिस तरह तड़पा रही है
और जो यह अपनी औकात दिखा रही है
तुझे जाना है तो जा पर यह झूठे आंसू क्यों बहा रही है

50
उस शख्स का नाम आज भी
वह मेरे सामने लिया करती है
जिससे वह मोहब्बत प्यार करती है
मैं जब चीड़ जाता हूं उसकी बातों पर
तो वह मुझे ही पागल बेवफा कहां करती है

51
तुम मुझे क्या समझा पाओगे
तुम मुझे क्या पढ़ पा
तुम्हारा चेहरा पढ़ चुका हूं मैं
अब तुम मुझे कभी खुद की सच्चाई पर
यकीन नहीं दिला पाओगे

52
हर शख्स को अब अच्छे से पहचान चुका हूं मैं
उसकी आदतें भी जान चुका हूं
आदत से मजबूर है मेरा महबूब
मैं उसके प्यार के किस्से जान चुका हूं मैं

53
मैंने उसे औरों से अलग समझा था
यही मेरी सबसे बड़ी गलती थी
कि मैंने उसे इंसान समझा था
वह तो सबसे कमीना था
उसे मैंने अपने दिल की तरह समझा था

54
जब भी अपने दिल से गुजर जाया करता है
फिर वह वापस आया नहीं करता है
वह कितना भी कर ले खुद को सच्चा साबित
वह वापस हम पर विश्वास जताया नहीं करता है

55
तुम बस मुझे इतना सा याद रखना
कि मेरे बाद मुझे याद मत रखना
दुआओं में घर आ जाऊं कभी मैं तुम्हारे
तुम मुझे जेसे इंसान से कोई रिश्ता मत रखना

56
तेरी बेवफाई तेरे सजदे सब कुछ कर के देख लिया
मैंने तुझे अपने से जुदा करके भी देख लिया मैंने
अरे तू रहे जिसके भी साथ तुझे रहना है
तुझसे नफरत करके भी देख लिया मैंने

57
थोड़ा तो मेरी तरफ देखा होता
मेरी मोहब्बत को दिल में रखा होता
जिस शख्स ने तुम्हे इतना चाहा है
उसका कुछ तो ख्याल किया होता

58
एक बार किसी गैर के पास जाने से पहले
मुझसे उसका नाम तो लिया होता
अगर नहीं थी तुम्हें मुझसे मोहब्बत
तो एक बार इनकार तो किया होता

59
अब तेरी जान कहां से ले लेंगे हम
तू निकला है बेवफा अगर
तो खुद को भी कहा तक दोष दे देंगे हम

60
गलती तेरी भी नहीं है गलती हमारी भी नहीं है
गलती तो उस वक्त की है जिसने तुम्हें मुझसे मिलाया था और तुझे से हरामी इंसान से मेरा पाला पढ़ाया था

61
तू क्या सोचता है तू क्या मेरे बारे में जानता है
मैं पहचानता हूं तुझे अच्छे से
तू क्या मेरी हर आदत जानता है

62
यह जब तुम बार-बार मुझसे कहा करती थी
इश्क है तुमसे और बड़े-बड़े कसीदे पढ़ा करती थी
तुम मुझसे प्यार किया करती थी
फिर अब क्या हुआ एक दिन
जब किसी गैर की बाहों में सो लिया करती थी

63
थोड़ा सा सब्र का होता
थोड़ी सी मोहब्बत रखी होती
अगर नहीं तो हम अच्छे
फिर भी क्या हुआ हम पर थोड़ी तो रहम रखी होती

64
अब तू हमें कभी वापस मिल नहीं पाएगा
जिस इंसान के लिए गया है तू हमें छोड़ कर
जा वह भी अब तुझे कभी नहीं मिल पाएगा

65
सोचा था हमने कि कभी तुझे बद्दुआ नहीं देंगे
पर तू तो निकला एक निकम्मा शख्स
जा अब हम तुझे मोहब्बत नहीं देंगे

66
मोहब्बत से कुछ इस तरह पीछा छुड़ा लिया हमने
जब उसको देखा किसी और के पास
तो उस से रिश्ता तोड़ लिया हमने

67
अब मैं अपने करियर पर ध्यान देना चाहता हूं
और तुझे से बेवफा से क्या रिश्ता रखो
मैं अब अकेला ही रहना चाहता हूं

68
मैं नहीं चाहता तू मेरे पास रहे
मैं नहीं चाहता तू मेरी यादों में रहे
दूर रह जिसके साथ तुझे रहना है
मैं नहीं चाहता तु मुझसे मोहब्बत रखें

69
तुम भी अब मेरे दिल में नहीं रहती
मेरे ख्यालों में नहीं रहती
अगर तुम्हें हर किसी से मोहब्बत
तो तुम मुझे भी तुमसे कोई इश्क इबादत नहीं रहती

70
बेवफाई का जो शीला तूने हमें दिया है
किसी और के पास रहकर तूने हमें धोखा दिया है
फिर भी माफ कर दिया तुझे हमने
क्योंकि हमने तुझसे इश्क किया है।।

71
आज हम लिख रहे है अपनी तकलीफ
कल कहीं और चले जाएंगे
तुम देखते रह जाओगे हमको
हम तुम्हारी आंखों से ओझल हो जाएंगे

72
निकला हर वो शख्स बेवफा
जिस पर मैंने यकीन किया था
पर मोहब्बत नहीं करता मैं अब किसी से
क्योंकि मेने ही शायद
किसी से सच्चा इश्क ही नहीं किया था

73
कमी रह गई थी मेरी इश्क इबादत में
जो उसे कोई और पसंद आया
माना उसका दिल था वह कुछ भी कर सकती है
पर उसे किसी और का मिलना रास आया

74
मैं अब उस पर हक जताया नहीं करता
मोहब्बत करता हूं पर दिखाया नहीं करता
और रहे किसी के भी साथ मुझे फर्क नहीं पड़ता
मैं भी उससे प्यार किया नहीं करता

75
तू मुझसे दूर है यही अब मैं चाहता हूं
जिससे प्यार करे उसके पास रहे
यही दुआओं में याद रखता हूं

76
किसी दिन मैं गुजर जाऊंगा
इन हवाओं से मिल जाऊंगा
तुम रहना किसी और के साथ उसकी बाहों में
और मैं तुम्हें छोड़कर ऐसे ही चला जाऊंगा

77
अब यह इंसान कभी तुम्हारे काम नहीं आएगा
तुम पुकारो कि मुझे मेरा नाम लेकर
फिर भी यह शख्स तुम्हारे पास नहीं आएगा

78
तुम्हारे हर धोखे का बदला में भी ले सकता हूं
और तुमने मुझे कहा है यह बेवफा तो मैं भी कह सकता हूं पर तेरी आदत है मैं भी जानता हूं
इसीलिए तुझे मैं अच्छे से पहचानता हूं

79
हर तरफ तेरे नाम के चर्चे हैं तो क्या हुआ
हम भी आज खुद में दम रखते हैं
और तूने बना ली किसी और के साथ शख्सियत
तो हम भी तुझे बेवफा कहकर
महफिल में बदनाम कर सकते हैं

80
हम तेरे जैसे नहीं बनेंगे अगर तुमने दिया है धोखा
तो हम नहीं देंगे चल तू तो निकला बेवफा
पर हम तेरे बाद किसी और से मोहब्बत नहीं करेंगे

81
कुछ इस तरह दिल की तकलीफ से बयां कर देता हूं मैं मोहब्बत को किनारा कर देता हूं मैं
वह रहती है आप किसी और के पास
तो मैं भी किसी और से मोहब्बत कर लेता हूं

82
तुम ना रहो मेरे पास ना सही
पर किसी और के साथ तुमने रिश्ता निभा लिया
और मुझसे तो कहा करती थी
हम रूह से मोहब्बत करते हैं जिस्मों में नहीं ढलेंगे
और उसके साथ तुमने रातों में वक्त बिता लिया

83
जाओ तुम्हें हर बंधन से आजाद करता हूं मैं
तुम्हें खुद के हाल पर छोड़ दिया करता हूं मैं
मेरा दर्द तो बयां नहीं कर सकता मैं
चलो तुम्हें आज भी अच्छा कह दिया करता हूं मैं

84
तेरा जाना मुझे इस कदर तो तोड़ गया
मोहब्बत से मेरा आप नाता तोड़ गया
तेरी बेवफाई ने दिया है मुझे जो शीला
उससे मेरा दिल ही टूट गया

85
अब मुझे कुछ अच्छा नहीं लगता
कोई शख्स मुझे प्यारा नहीं लगता
मैं तो रहता हूं अपने ही में
मुझे अब मुझे ये किनारा
यह दरिया अच्छा नहीं लगता

86
अगर मिलोगे मुझसे तो पहचान नहीं पाओगे
बदल चुका है अब वह शख्स
जिसने तुमसे मोहब्बत की थी
तुम तो निकली बेवफा
पर उसने तुमसे सच्ची मोहब्बत की

87
बहुत अल्फाज में कह दिया करता हूं
तुम निकली बेवफा
फिर भी तुम्हारे बारे में कुछ अच्छा लिख दिया करता हूं

88
मेरे साथ ही मेरे दोस्त मुझसे पूछा करते हैं
तूने जिसके लिए हम को छोड़ा वह कहां रहा करते हैं
मैं उनके सामने सर झुका लिया करता हूं
और तुम निकली बेवफा जान
यह मैं उन्हें हंस कर बता दिया करता हूं

89
कुछ इस तरह उसने मुझे धोखा दिया था
किसी और के कहने पर मुझे बुरा किया था

90
आज तक उस दर्द से उभर नहीं पाया हूं
जिस इंसान से की थी मोहब्बत
उससे अब कभी मिल नहीं पाया हूं

91
तुम अपने में ही रहना और अपने ही पास रखना
यह मोहब्बत जो बता रही हो तुम
यह तुम खुद में ही रखना

92
आज भी मेरी तबीयत कुछ खराब लगती है
पर उसे तो मेरी हर आदत बेकार लगती है
मैं मर भी जाऊं तो उसे क्या फर्क पड़ेगा
क्योंकि उसे तो मेरी मोहब्बत ही झूठी लगती है

93
थक चुका हूं मैं तेरे बहाने सुन सुन कर
अब मैं और तेरे साथ रह नहीं सकता
तू जा उसी के पास जिस से डरती है
मोहब्बत मैं अब तेरे नाटक और सह नहीं सकता

94
जिस दिन मेरा दिमाग खराब हो जाएगा
फिर उस दिन तेरा भी हिसाब हो जाएगा
देख लेना एक दिन तेरे को भी मैं बता जाऊंगा
तू क्या करेगा मेरा मैं तुझे बेवफा कहे जाऊंगा

95
इस तरह कुछ तुम हमें समझाया करते हो
अगर लगा लिया है दिल किसी और से
तो फिर हमें क्यों अच्छा बताया करते हो

96
मेरा तो सारा आसमान टूट कर उस दिन ही बिखर गया था जिस दिन तुझे देखा था किसी और के साथ
मेरा तो मोहब्बत पर से विश्वास ही उठ गया था

97
कोई और लिख रखा होगा मेरी किस्मत में
आखिर हर शख्स तेरी तरह बेवफा नहीं होता
अब नहीं रोता मैं रातों में
क्योंकि मुझसे अब और तेरा इंतजार नहीं होता

98
मैं अपना दर्द बता दिया करता हूं
अपनी शायरी सुना दिया करता हूं
जब भी नाम आता है मोहब्बत का
मैं तेरा नाम बेवफा कह दिया करता हूं

99
तेरे जैसी तो मैंने आज तक नहीं देखी
तुझसे तो वह भी अच्छी है
जो सब कुछ सच कहा करती हैं
धोखा तो नहीं देती कम से कम
अपना जिस्म ही तो बैचा नहीं तो बेचा करती हैं।।

100
चल तुझे भी हम जाने देंगे
तू मोहब्बत थी हमारी
तुझे कुछ नहीं करेंगे
तू जिसके साथ चाहे खुश रहें
हम भी तुझ से अब कोई वफ़ा नहीं करेंगे

101
अगर हम नहीं है तेरे दिल में
तो तू भी हमारे दिल में नहीं होगा
मोहब्बत तुझसे कितनी भी हो
मगर अब तू हमारे साथ कभी नहीं होगा

102
उससे अब बात नहीं होती
उससे मुलाकात नहीं होती
वो रहती है किसी और की बनकर अब
उससे मेरी बात नहीं होती

103
हर शक्श निकला उसी की तरह
जिससे मोहब्बत हम किया करते थे
वो देगा हमें इतना दर्द यह न सोचा था
जिसे हम रातों में अपनी जान कहा करते थे।।

104
यह वक्त भी मेरे साथ सितम किया करता है
वो रहती है किसी और के साथ खुश
और वह हर समय मुझे उसकी याद दिला करता है

105
अगर मैं उसे याद नहीं आता
तो वह मुझे क्यों याद आती है
आखिर उसने की है बेवफाई
फिर वह मुझे क्यों रुलाती है

106
आज भी उसकी वह सूरत याद है मुझे
और उस शख्स काखूबसूरत चेहरा याद है मुझे
जिसके पीछे छुपाए हुए थे उसने कई राज
उस बेवफा की कई राज आज भी याद है मुझे

107
उसकी बेवफाई के किस्से अब तो मशहूर हुआ करते हैं कभी हमारे प्यार के किस्से मशहूर हुआ करते है
और आज हर जगह उसकी बेवफाई के चर्चे हुआ करते हैं

108
हर शख्स मेरी मोहब्बत की मिसाल दिया करता था
अब मैं उनसे क्या कहूं
जिसे मैं अपनी जान रहा करता था
वह चली गई छोड़कर मुझे
जिसे मैं खुद से ज्यादा यकीन किया करता था

109
ये रातें मुझे सोने नहीं देती
और उसकी बातें मुझे किसी और का होने नहीं देती
वह तो आसानी से चली गई मुझे छोड़कर
पर यह दुनिया मुझे अब रोने भी नहीं देती

110
हर शायर ने लिखा था हर शायर ने कहा था
औरत होती है बेवफा मुझे मेरे दोस्त ने भी कहा था
पर मैंने तो उसे जान मान लिया था
और मैंने उसे अपनी मोहब्बत कहा था

101
हम मोहब्बत में इतने पागल हो गए
हम मोहब्बत में इतने मशरूफ हो गए
हर किसी ने समझाया हमको वह धोखेबाज है
पर हम उसके धोखे में पता नहीं कैसे खो गए

102
तुम मुझसे अब मोहब्बत मत किया करना
अगर रहना है तुम्हे मैं किसी और के साथ
तुम मुझसे फिर वफाई भी मत किया करना

103
आए वह हमसे मिलने
और बिना मिले ही चले गए
हमने देखा भी नहीं उनको
और वह किसी और के पास चले गए

104
अब हम कुछ इस तरह से अपनी जिंदगी बिताया करेंगे
याद आएंगे हमें वो फिर भी हम उन्हें भुलाया करेंगे
हैं अगर वह बेवफा तो हम भी उन्हें अब उ
नकी औकात दिखया करेंगे।।

105
नहीं करते अब हमसे बात
किसी और के साथ ही रहा करते हैं
और मुलाकातें होती है उनकी किसी और से
और वह मोहब्बत ही करते हैं किसी और से

106
मुझे तो उसके सिवा कुछ नहीं चाहिए था
फिर भी उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया
अगर नहीं थी मोहब्बत तो बता देती वह मुझे
उसने मुझे इतना धोखा क्यों दिया

107
निकले हैं अगर वो बेवफा
तो हम भी उनसे कुछ नहीं कहेंगे
चुप चाप से छोड़कर उन्हें चले जाएंगे अब
उनसे मोहब्बत नहीं करेंगे

108
शायरी की हमने उन्होंने उसे मजाक समझ लिया
हमने कहा अपना दर्द
उन्होंने तो उसे कुछ और ही समझ लिया
वह करते रहे किसी और से मोहब्बत
उन्होंने तो हमें पागल ही समझ लिया

109
वह पहले मुझे प्यार से पागल कहा करती थी
पर मुझे क्या पता था वह मुझे पागल ही समझ लेगी
और मुझसे मोहब्बत करते-करते
किसी और से दिल लगा लेगी

110
जब किसी और से दिल लगा ही चुके हो
तो अब हमारे पास मत आना उसी के पास रहना तुम
और हमसे कभी प्यार मत जताना

111
हर समय बस वो मुझसे झूठ बोलती है
बात ना करने का बहाना बनाती है
मोबाइल हर समय रहता है उसके हाथ में
पर वो किसी और से इश्क की अदाएं फरमाती है

112
एक दिन वह हमसे मिलने आई थी
अपने साथ किसी और को भी लाई थी
कहा था उसने मुझे इससे है मोहब्बत
और हमारे दिल को तोड़ कर चली आई थी

113
आज इश्क उसने मुझसे किया
कल उसने किसी और से मोहब्बत कर ली
उससे भी भर गया उसका दिल तो उसने
फिर किसी और से मोहब्बत कर ली
वह शख्स तो यकीन के काबिल ही नहीं था
ए दिवेश तूने किस इंसान से मोहब्बत कर ली।।

114
चलो जाओ तुम्हें माफ किया
तुम भी अपनी जिंदगी जी सकते हो
और जिसके साथ रहना है तुम्हे
तुम उसके साथ रह सकते हो

115
ना मुझे तुम से हमदर्दी है
ना मुझे तुमसे मोहब्बत है
तुम जैसे बेवफा से प्यार क्या करना
मुझे तो तुमसे नफरत भी नहीं है

116
तुम मुझे अपनी औकात दिखाया करती थी ना
एक बार खुद में झांक कर देख लेती
तुम किस तरह की हो
और मुझे कहा करती थी तुम बेवफा
खुद को देख लेती तुम कितनी बड़ी बेवफा है

117
ऐसा कहा करते हैं कि
चोर भी अपने घर में चोरी नहीं करता
हमने तो दिया था तुम्हें अपना दिल
फिर तुमने कैसे तोड़ दिया
और किसी और की बाहों में अपना वक्त कैसे छोड़ दिया।।

118
मैं अब तुमसे दूर ही रहा करूंगा
दूर की ही दोस्ती और
तुम्हें बेवफा कहा करूंगा
अरे तुझसे क्या रिश्ता रखना अब
मैं तो अब तुझे आज से मरा हुआ कहा करूंगा

119
हम भी तुम्हारा इंतजार जन्मो जन्मो तक करते रहेंगे
यह हम तुमसे कहा करते थे
पर इस जन्म में ही तुमने अपने असली रंग दिखा दिए
अब हम तुमसे वह सब नहीं कहा करते
मोहब्बत तो दूर की बात
हम तुमसे अब कोई रिश्ता नहीं रखा करते

120
तू क्या मुझे मारेगी
तेरी बेवफाई ही काफी है मुझे मारने के लिए
पर तू क्या मुझे छोड़कर जाएगी
तेरी एक झूठा वादा ही काफी है मुझसे दूर जाने के लिए।।

121
अब हम भी कुछ इस तरह तुमसे दूर रहा करेंगे
अगर वह नहीं करते हैं बात हमसे
तो हम भी खुद में मशरूफ रहा करेंगे
अगर वह निकले हैं बेवफा
तो हम भी उन से मोहब्बत नहीं किया करेंगे

122
तुम अपने आप में व्यस्त रहते हो
तो हम भी तुम्हारे लिए हमेशा हाजिर नहीं है
और तुम्हें हमारी मोहब्बत की कदर नहीं है बेवफा
तो हमें भी तुमसे मोहब्बत नहीं है

123
हर बार में ही अपनी मोहब्बत का सबूत नहीं दूंगा
इस बार तुम्हें देना होगा
अगर हो तुम सच्ची
तो मुझसे इश्क इबादत का सच्चा सबूत देना होगा

124
मैंने तो तुम्हें उस दिन ही देख लिया था
जब तुम मुझसे झूठ बोल कर रही थी
और किसी गैर के साथ थी मोहब्बत में
और मुझ से इश्क की बातें झूठ बोलकर कर रही थी

125
अब से तुम अपने रास्ते जाना
और मैं अपने रास्ते जाऊंगा
हम दोनों नहीं मिल सकते अब किसी एक जगह पर
तुम मुझे गलत समझ ना
और मैं तुम्हें बेवफा कहता जाऊंगा

126
मैं अब तुम्हारी किसी भी बात में आने वाला नहीं हूं
तुम्हारे किसी भी फरेब में फसने वाला नहीं हूं
तुमने दिए हैं जो धोखे उन्हें याद रखूंगा
और अब मैं तुमसे कभी
दोबारा मोहब्बत करने वाला नहीं हूं।।

127
दूर रहना ही बेहतर है अब हमारा
हम मिल नहीं सकते
और तुम हो अगर किसी और के चांद
तो फिर हम तुम्हें अपनी रोशनी कह नहीं सकते।।

128
हम पागलों की तरह उसका यहां इंतजार करते रहे
और वह किसी और के साथ ही मशरूफ रहे
हम कहते रहे उन्हें अपना
और वह किसी और की बाहों में ही सोते रहे

129
उसने तो हर वक्त मुझे परेशान ही किया था
उसने कभी मुझे सुख नही दिया था
मैं ही करता था उसे हर समय प्यार
उसने मुझसे पूरा वफा का सौदा किया था

130
जाओ तुम उसके साथ ही जिसके साथ जाना चाहती थी और नहीं है मोहब्बत तो क्यों करती हो झूठा इजहार
जब तुम हमें बेवफा ही कहना चाहती थी

131
मैं नहीं करता किसी की खुशामदी
और अब मैं नहीं करता किसी से प्यार
अब मैं नहीं करता किसी का इंतजार
और ना ही करता हूं किसी पर ऐतबार

132
तुम उनके साथ ही रहना अब
उनसे दिल लगा लिया करना
हम से करना दिल्लगी
और उनसे ही प्यार जता लिया करना

133
हमारा प्यार हमारी मोहब्बत उसके लिए कुछ भी नहीं था हमने किया उसके लिए बहुत कुछ
पर उसके लिए वह कुछ भी नहीं था
वह छोड़ कर चली गई हमें किसी गैर के लिए
उसके लिए हमारी मोहब्बत कुछ नहीं था

134
मैंने उस पर कितना ऐतबार किया था
उसके लिए मैंने अपनों से झगड़ा किया था
मुझे नहीं पता था एक दिन वह बेवफा निकलेगी
जिसके लिए मैंने इतना दुआओं किया था

135
अब तू अपने पास रखना मुझे तेरा कुछ नहीं चाहिए
तेरी मोहब्बत तो झूठी ही थी
पर अब मुझे तेरी हमदर्दी भी नहीं चाहिए।।

136
जा खुश रहे अपनी जिंदगी में
और आपने उस यार के साथ अपना रिश्ता निभा
जिसके लिए तुम मुझसे लड़ जाया करती थी
जो उसके पास ही अपना वक्त बिता

137
तुम मुझसे अब भी बात करोगी
तुम तो किसी और के इंतजार में रहती हो ना
और तुम मुझसे क्यों प्यार करोगी
तुम तो किसी और को दिल में रखती हो ना

138
जिसे इतना प्यार किया
वह यार नहीं मिला
इश्क में मोहब्बत मिली मगर बेशुमार नहीं मिला
और हमने किया जिस पर खुद से भी ज्यादा एतबार
हमें वह मोहब्बत में सच्चा इजहार नहीं मिला

139
मैं उसकी शख्सियत लिख दिया करता हूं
मैं उसको अपने आप में लिख दिया करता हूं
और जब से गई है वह मुझे छोड़कर किसी और के साथ तब से मैं उसे बेवफा लिख दिया करता हूं

140
अब क्या हम उस पर इल्जाम लगाएंगे
कुछ गलत हम खुद का भी बताएंगे
हमने ही किया था उस पर आंख बंद करके भरोसा
तो फिर से उसे गलत कैसे बताएंगे

141
अपने घर वालों का नाम लेकर
वह हमेशा झूठ बोला करती थी
पापा आ गए हैं वह कर वह चली जाया करती थी
और किसी और से ही निभाती थी वह मोहब्बत
हम से तो सिर्फ नाटक किया करती थी

142
थोड़ी देर रुको कह कर
मैंने उसका घंटो ही तो इंतजार किया था
उसने मुझे होल्ड पर रख
किसी और से फोन कॉल पर बात किया था

143
अब उस के चर्चे तो हर तरफ हुआ करते हैं
आखिर हम ही नहीं थे उसके आशिक
उसके आशिक तो हर जगह मिला करते हैं

144
उसके जैसी लड़की मैंने आज तक नहीं देखी
मोहब्बत में होती है बर्बादी
पर मैंने मेरे जैसी बर्बादी नहीं देखी
बेवफाई तो देखी मैंने बहुत
पर उसके जैसी बेवफा नहीं देखी

145
अभी भी हो रही होगी किसी और से इश्क लड़ा रही होगी हम कर रहे हैं उसका इंतजार
और वह फिर से कोई बहाना बना रही होगी

146
मैं उसकी वजह से मुसीबतें मोल लिया करता था
मैं उससे इतनी मोहब्बत किया करता था
और आखिर में क्या मिला मुझे
जब मैं उससे इतना प्यार करता था

147
उसे जाना था मुझे छोड़कर
और वह एक दिन चली ही जाएगी
मुझे पता था वह किसी और से ही रिश्ता निभायिगी

148
दोस्ती है उससे मेरी वो झूठ बोला करती थी
उसके साथ अपनी शामे बिताया करती थी
मैं करता रहता था उसका इंतजार
उसकी बताई हुई जगह पर
और वह किसी और के साथ घूमने जाया करती थी

149
उसने भी हर एक से बात की है
उसने भी हर एक से मोहब्बत की है
मेरे लिए तो एक वहीं थी मेरी मोहब्बत
पर उसने हर किसी से इश्क इबादत की है

150
वह नही रही मेरे पास अब मुझे कोई गम नहीं
अगर वह छोड़ कर चली जाएगी मुझे
तो मेरे पास भी किसी की कोई कमी नहीं

151
वह किसी और के साथ रहे तो ही अच्छा है
वह किसी और से मोहब्बत करें तो ही अच्छा है
मैं क्या करूंगा अब उसे अपने पास बुला कर
वह बेवफा ही रहे तो अच्छा है

152
उसकी बेवफाई के किस्से
कुछ इस तरह मशहूर हुआ करते थे
कभी हम भी जिसके हुआ करते थे
आज वो है किसी और की
हम भी किसी रोज जिसके हुआ करते थे

153
आज भी मैं उस दिन का मातम मनाता हूं
जिस दिन मैं उससे मिला था
मेरी जिंदगी का सबसे बुरा दिन था वह
जब मैंने उससे इश्क का इजहार किया था

154
मेरी आंखों में अब नींद ही नहीं बची
कोई सपने ही नही बचे
उसकी बेवफा याद के सिवा
कोई अपने ही नही बचे

155
उसकी मोहब्बत झूठे ही सही
मगर मेरी मोहब्बत सच्ची थी
अरे उसने एक बार कह दिया होता मुझसे
मैं उसे जाने देता आखिर मेरी सच्ची इबादत थी

156
रहो तुम व्यस्त कहीं किसी और के साथ
हम भी कहीं और व्यस्त रहेंगे
तुम खिले रहोगे अगर किसी और के यहां
तो हम भी कहीं और खिले रहेंगे

157
हर जगह जब तू मुझको देखता फिरेगा
पर तू मुझे कही नहीं पाया नहीं करेगा
मैं तुझसे चला जाऊंगा इतना दूर
तुझे अपनी शक्ल दिखाया नहीं करूंगा

158
तेरी मोहब्बत ने मुझे आज इतना निकम्मा बना दिया
तू निकली बेवफा तो मुझे सरफिरा बना दिया
मैं आशिक था तेरा और तूने आज मुझे खुद का दुश्मन बना दिया

159
क्यों की थी मैंने तुझसे मोहब्बत
क्यों मैं तेरे लिए रातों में जागा था
जब तू था किसी और का
तो मैं तेरे लिए क्यों इतना भागा था

160
अरे तूने मेरे साथ वह किया है
जो मेरे साथ किसी दुश्मन ने भी नहीं किया
तूने दिया है मुझे इतना धोखा
जितना आज तक मुझे किसी अपने ने भी नहीं दिया

161
मैं अब रातों में सोता नहीं हूं
तुझे ही याद करता हूं
यह मत सोचना कि मैं अब भी मैं तुझसे मोहब्बत करता हूं तेरी बेवफाई याद आती है मुझे
इसीलिए तुझे भुला नहीं करता हू

162
तेरी बेवफाई की सजा तो हम तुझे देकर रहेंगे
जिस दिन तू हमें मिलेगा उस दिन बदला लेकर रहेंगे आखिर क्या गलती थी मेरी यह तो बता देता
हम मोहब्बत में तुझे भी बर्बाद करके रहेंगे

163
तूने अगर किया है मुझे बर्बाद
तो मैं भी तुझे बर्बाद कर सकता हूं
तेरी मोहब्बत झूठी थी और मेरी सच्ची
मैं तुझे कैसे जलील कर सकता हूं

164
तूने तो भरी महफिल में मुझे बदनाम कर दिया
किसी और का साथ दिया और मुझे अकेला कर दिया
तेरी मोहब्बत ने सिखाया था मुझे जीना
पर तूने तो मुझे बेवफा अकेला ही कर दिया

165
आज कौन है मेरे साथ में किसके साथ रहा करता हूं अकेला ही तो हूं अब मैं जिस से बात किया करता हूं

166
यह जो आज गम के आंसू पी रहा हूं
तेरे ही दिए हुए जख्म है जिनको खुद सी रहा हूं
और तू चली किसी गैर के साथ
इसीलिए मै तुझे बेवफा कह रहा हूं

167
तू मुझे इस कदर सताया करती थी
रातों में भी मुझे मिलने बुलाया करती थी
कुछ काम था तेरा वह मुझसे करवाया करती थी
और तू मोहब्बत किसी और से ही जताया करती थी

168
तूने तो कभी मेरा साथ नहीं दिया
मोहब्बत तो मैंने की थी
तूने तो कभी मुझे अपना साथ नहीं दिया
हम सफर में ही रहा तेरा हमेशा
तूने कभी मुझे अपना हाथ नहीं दिया

169
अगर पता होता हमें तू इतना दगाबाज निकलेगा
मोहब्बत में तू इतना कमजोर निकलेगा
तो हम कब का तुझे छोड़ चुके होते
आज नहीं आती तुझे बेवफा कहने की नौबत
हम तेरा साथ कब का तोड़ चुके होते

170
तू अब नहीं रहा तो मुझे कोई गम नहीं है
अच्छा हुआ तेरी जैसी मोहब्बत से पीछा छूटा
तेरे जैसे हमारे पास कम नहीं है

171
मैं इसीलिए तो पहले मोहब्बत नहीं किया करता था
क्युकी हर शख्स वैसा ही निकला था
पर जब तुम मिली मुझे तो यकीन हुआ
कि मोहब्बत कर लूं
पर तू भी उन जैसों की तरह ही निकला था

172
पहली बार तो मैंने किसी पर इतना ऐतबार किया था
उससे ज्यादा मैंने तुझे प्यार किया था
फिर भी क्या कमी रह गई थी मेरे प्यार में
जो तूने किसी और का नाम मेरे सामने लिया था

173
तू जब भी किसी और का नाम मेरे सामने लिया करती है
तू मेरी मोहब्बत पर हरदम सवाल उठाए करती है
और मुझे होता है शक तेरी बातों पर
कि तू किसी और से निगाहें मिलाया करती है

174
इतना यकीन तो मुझे खुद पर नहीं है
जितना मैं उस पर करता हूं
और बातें और वो रातें सब कुछ याद है मुझे तेरी
और मैं तेरी बेवफाई को अब बेवफा कहा करता हूं

175
हमने तुझसे मोहब्बत क्या कि
तू अपने आप को कुछ और ही समझने लगा
पर याद रखना मोहब्बत में जन्नत दिखा सकते हैं
तो तुझे तेरी औकात भी बता सकते हैं
अगर तू है बेवफ़ा तो हम भी तुझे अपने कदमों पर ला सकते हैं।।

176
हम भी तुझसे अब कोई रिश्ता नहीं रखेंगे
दूर चला गया है हमसे तू तो हम भी तुझ से बात नहीं करेंगे

177
तू हमसे दूर रहेगा तो यह तेरे लिए भी बेहतर होगा
और तू हमसे नहीं करेगा अगर झूठी मोहब्बत
तो हमारे लिए भी अच्छा होगा
बहुत झेल लिया हमने तेरे नाटक
अब तू हमारी जिंदगी से चला जाएगा
तो भी अच्छा रहेगा

178
मैं नहीं चाहता अब तुझे
तुझसे मोहब्बत नहीं करता
तेरे जैसे बेवफा पर क्या यकीन करना
मैं अब तुझ से कोई रिश्ता नहीं लगता

179
तू मुझे बेशक छोड़कर चली जा
मुझे कोई दर्द नहीं होगा
अरे तेरे जैसी को तो मैं ही छोड़ देता
अगर मुझे पता होता तो क्या मैं
मैं एक मोहब्बत बेवफा से रिश्ता रखता।।

180
तू अब यह मोहब्बत भुला दे तो ही अच्छा है
यह रिश्ता किसी और से निभा ले तो ही अच्छा है
मुझे आदत नहीं है सबको दिल में रखने की
तू बेवफा है तो यह सिला भी अच्छा है

181
तुझे बेवफा कहना मुझे बहुत अच्छा लगता है
और तेरी हर अदा पर हंसता हूं मैं
क्योंकि मुझे तेरा चेहरा अब घिनौना लगता है

182
मैंने तुझे अपने दिल का एक हिस्सा दिया था
मैंने तुझे अपना पूरा दिल ही दिया था
जहां पर रखा था मैंने तुझे
वहां पर किसी को नहीं रखा था
और तूने मुझे मोहब्बत में बेवफाई का सिला दिया था

183
चल जा अब यह झूठे आंसू किसी और को दिखाना
अपनी सच्चाई पर यकीन किसी और को दिलाना
अरे रात तो बिताई तुमने उसी के साथ
जिंदगी भी उसी के संग ही बिताना

184
तेरा धोका में हमेशा याद रखूंगा
और तेरी शक्ल भी हमेशा याद रखूंगा
जिंदगी इंटर बदला लूंगा मैं तुझसे
और तेरी बेवफाई को भी याद रखूंगा

185
तू मुझसे इस कदर दूर जा रही है
सब जानता हूं मुझसे पीछा छुड़ा रही है
तुझे तो कभी थी ही नहीं मोहब्बत
तू तो बस आज बहाना बना रही है

186
तेरे हर बहाने को अच्छे से जानता हूं मैं
तेरी फितरत को पहचानता हूं मैं
तू रह ही नहीं सकती किसी एक के साथ
तेरी औकात जानता हूं

187
मेने इश्क मोहब्बत पहले क्यों नहीं किया था
क्या मुझे पहले कोई हमसफ़र नहीं मिला था
अरे मैं सब को समझता था धोखेबाज
पर मैं भी तुझसे कैसे आकर मिला था
तुझे समझा मैंने मोहब्बत
मुझे क्या पता था मैं एक बेवफा से मिला था

188
तू कुछ भी कर
मुझे अब तेरी जिंदगी से कोई मतलब ना रहा
तू जा किसी के भी साथ
मेरा अब तुझ से कोई रिश्ता नहीं रहा

189
कितनी बार कह चुका हूं
कितनी बार बता चुका हूं
एक ही बात में तुझे सौ बार समझा चुका हूं
फिर भी नहीं मानती तू मेरी बात
तो जा मैं भी तुमसे बहुत मोहब्बत निभा चुका हूं

190
तेरा भी मन भर गया है मुझसे
और मेरा भी अब तुझसे
मोहब्बत करने का दिल नहीं करता
क्योंकि तू रखती है किसी और को अपने दिल में
तो फिर मेरा भी तुझसे मिलने को दिल नहीं करता

191
मैं सिर्फ मोहब्बत का एक ही रिश्ता जानता हूं
मैं मोहब्बत में सिर्फ वफा और सच को पहचानता हूं
पर मैं भी बात किससे कर रहा हूं
आज मैं जिसको खुद ही बेवफा मानता हूं।।

192
मेने तो तुझे कब का माफ कर दिया
तेरी मोहब्बत को भुला दिया
तू अब रहना उसके साथ ही
जब तुमने मुझे धोका दिया।।

193
तेरी हर याद को दिल से मिटा दूंगा
मैं तुझे अब मेरी जिंदगी से निकाल दूंगा
तू खुश रहना किसी और के साथ
मैं भी तुझे भुला दूंगा

194
तू मुझसे जो वादा करती थी
तू मुझसे जो मुहब्बत करती थी
जब एक फरेब था
तू तो मुझसे नफरत करती थी।।

195
अब तू दूर ही रहे तो अच्छा है
मैं तेरे साथ रहना नहीं चाहता
और नहीं है मुहब्बत तुझे
फिर भी तुझे बेवफा कहना नही चाहता।।

196
अब नही है मेरा तेरे से कोई वास्ता
तू मेरे से दूर ही रहना
नही है अब मोहब्बत
तू मुझे बेवफा ही कहना।।

197
मेने तो कुछ नही किया था
फिर भी तूने मुझे धोका दिया था
अब नही रह सकता मैं तेरे साथ
जब तूने मुझे दगाबाज कहा था।।

198
मुझे तेरी मोहब्बत पर कोई यकीन नही है
तू रह अपने आशिक के साथ
अब तुजसे मोहब्बत नही है।।

199
मेने तुझे कितना प्यार किया था
तुझे अपना दिल दिया था
तूने तो कुछ नही दिया मुझे
सिर्फ मुझे धोका दिया था।।

200
अब मैं नही चाहता किसी और से प्यार करना
क्युकी अब ये दिल टूट चुका हु
तू निकला है बेवफा
इसीलिए सब पर से यकीन उठ चुका है।।

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