बढ़ती हुई महंगाई की समस्या पर निबंध – महंगाई की समस्या Essay
बढ़ती हुई महंगाई की समस्या पर निबंध – नमस्कार दोस्तों आप के हाल-चाल कैसे हैं, आज की पोस्ट में हम आपके साथ बढ़ती हुई महंगाई की समस्या पर हिंदी निबंध शेयर करने वाले हैं. क्योंकि स्टूडेंट को इस टॉपिक पर हिंदी एस्से लिखने के लिए बहुत बार कहा जाता है लेकिन उन लोगों को सही तरीके से इस कॉपी पर लिखना आता है.
इसीलिए हम आज के इस पोस्ट में आपको बताएंगे कि भारत में बढ़ती हुई महंगाई की समस्या पर निबंध कैसे लिखते है. दोस्तों जैसे जैसे जैसे भारत की जनसंख्या बढ़ती जा रही है उसी हिसाब से भारत में महंगाई से हर कोई परेशान है.
आटा चावल फल-सब्जियों के दाम इतनी ज्यादा बढ़ रहे हैं कि हम आपको बता नहीं सकते हैं. हम आपसे यह रिक्वेस्ट करेंगे कि आपकी निबंध को पूरे अंत तक पढ़े और आप लोगों को इस टॉपिक पर निबंध लिखने में कोई भी प्रॉब्लम नहीं है. चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए आज के इस हिंदी ऐसे की शुरूआत करते हैं.
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बढ़ती हुई महंगाई की समस्या पर निबंध
नए बजट से भारतीयों को निराशा ही हाथ लगी. बढ़ते हुए मूल्यों के कारण खाद्यान्न,दवाइयां,यातायात,सेवाएं और दैनिक उपयोग की कई वस्तुएं बहुत महंगी हो चुकी है. इस वर्ग पर इन प्रवृत्तियों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा परंतु आम आदमी जिसकी आय के स्रोत सीमित है,
इन की चपेट में आ जाएगा. पढ़ते वस्तु के दाम 7 वर्षों मैं लगभग दोगुने हो जाते हैं. और पेट्रोल,डीजल,पेट्रोलियम उत्पादों यात्री यातायात आदि के मूल्यों में वृद्धि तो काफी एक दम से हुई है. गरीब आदमी पर काफी बोझ है.
और महंगाई की मार भी उसी को झेलनी पड़ रही है. फल दूध सब्जियां कपड़ा खाद्यान्न व जिनका संबंध जीवन से हो उन सेवाओं के दामों में पिछले 10 वर्षों में वृद्धि हो गई है. इसके अलावा काला बाजार रिश्वतखोरी और सरकारी दफ्तरों म देर से होने वाले सभी कार्य का भी इस महंगाई में काफी योगदान रहा है.
यह एक सुखद बात है की मोबाइल फोन, एयर कंडीशन, सौन्दर्य प्रसादन, कुछ दवाइया और कंप्यूटर सस्ते हो गए हैं. परंतु आम आदमी को यह सब नहीं जौ की मूलभूत सुविधाएं सस्ते दामों पर चाहिए. विलास की वस्तुएं सस्ती करने से जनसाधारण की कठिनाइयां हल नहीं होगी.
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भारतवासी बढ़ती हुई महंगाई का प्रकोप सहन नहीं कर पा रहे हैं. मूलभूत सुविधाओं खानपान की वस्तुओं शिक्षा व स्वास्थ्य संबंधी मदों पर खर्च करने के बाद उनके हाथ मैं कुछ नहीं बचता. कई बार तो यह मुख्य मद भी उनके द्वारा संडे बस्ते में डाल दिए जाते हैं.
इस स्थिति में आम आदमी बच्चों की उन्नति व अपनी खुशहाली के लिए कैसे प्रयास कर सकता है? सरकार को बढ़ती हुई महंगाई पर अंकुश लगाना ही होगा उन्मुक्त व्यापार व्यवस्था का भी देश भर के बाजारों पर अच्छा प्रभाव पड़ने की आशा है.
जब एक ही वस्तु के दो या दो से अधिक निर्माता या विक्रेता होंगे तो दाम स्वयं ही कम हो जाएंगे.
इसका लाभआम आदमी को अवश्य मिलेगा. फिर भी सरकार को काला बाजार, रिश्वतखोरी और वस्तुओं के गलत भंडारण जैसी समस्याओं से निपटना होगा.
यह जनसाधारण के हितों की रक्षा करने के लिए आवश्यक है. जनसाधारण के लिए आज भी सरकार ही उत्तरदायी है.
आपकी और दोस्तों
दोस्तों यह था बढ़ती हुई महंगाई की समस्या पर निबंध हम उम्मीद करते हैं कि आज का यह हिंदी ऐसे पढ़कर आपको इस टॉपिक पर निबंध लिखने में कोई भी परेशानी या प्रॉब्लम नहीं होगी.
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