ईमानदार लकड़हारा की कहानी – Honest Woodcutter Story in Hindi with Moral

Honest Woodcutter Story in Hindi with Moral – नमस्कार दोस्तों कैसे हो आप लोग आज हम आपके सामने और एक बहुत अच्छी कहानी लेकर आए हैं जिसको पढ़ कर आपको बहुत अच्छा लगेगा और आज की कहानी का नाम है ईमानदार लकड़हारे की कहानी. दोस्तों कुछ दिन से हम हमारे इस वेबसाइट पर बच्चों के लिए कहानियां पब्लिश कर रहे हैं क्योंकि हम समझते हैं कि बच्चों को अच्छी सीख देना बहुत ज्यादा जरुरी है

और इसी वजह से हम बच्चों के लिए छोटी-छोटी कहानी अपने इस ब्लॉग पर पब्लिश कर रहे हैं और हम उम्मीद करते हैं कि बच्चों को हमारी यह कहानियां बहुत ज्यादा पसंद आती होंगी. चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद न करते हुए हम आज की स्टोरी पढ़ते हैं और अंत में हम आपको इस स्टोरी का moral यानी कि आपको इस कहानी को पढ़कर क्या सीख मिलती है उसके बारे में भी आपको बताएंगे चलिए शुरू करते हैं

ईमानदार लकड़हारे की कहानी ( सोने की कुल्हाड़ी की स्टोरी )
Honest Woodcutter Story in Hindi with Moral

imaandar lakadhara ki kahani

एक गांव में एक लकड़हारा था एक बार वह नदी के किनारे एक पेड़ काट रहा था. पेड़ काटते काटते अचानक उसके हाथ से कुल्हाड़ी नदी में गिर गई और नदी बहुत ज्यादा गहरी थी

नदी में पानी का बहाव भी बहुत ज्यादा तेज था जिसकी वजह से लकड़हारा पानी में जाकर अपनी कुल्हाड़ी को नहीं निकाल पा रहा था उसने बहुत कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पा रहा था क्योंकि नदी बहुत ज्यादा गहरी थी और उसमें पानी का बहाव भी बहुत ज्यादा तेज था जिसकी वजह से लकड़हारा पानी में बह सकता था और उसकी मौत हो सकती थी

तभी वह निराश होकर बैठ गया उसी समय पर वहां से एक देवदूत जा रहा था उसने लकड़हारे को देखा कि वह बहुत ज्यादा परेशान दिखाई दे रहा था तब उसने लकड़हारे से पूछा कि इतने परेशान क्यों हो क्या प्रॉब्लम हो गई है

तब लकड़हारे ने उसको कहा कि मैं यहां पर पेड़ काट रहा था और अचानक से मेरे हाथों से कुल्हाड़ी नदी में जाकर गिर गई और नदी बहुत गहरी है और मैं अपनी कुल्हाड़ी को बाहर नहीं निकाल पा रहा हूं

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देवदूत को लकड़हारे पर बहुत दया आई उसने कहा कि आप चिंता मत करो मैं नदी में जाता हूं और आपकी कुल्हाड़ी को बाहर ले कर आ जाऊंगा. उसके बाद देवदूत नदी में छलांग लगा दी

कुछ देर बाद देवदूत पानी से बाहर निकला और अपने साथ एक सोने की कुल्हाड़ी लेकर आया और उसने लकड़हारे से पूछा कि क्या यही तुम्हारी कुल्हाड़ी है लकड़हारे ने कहा नहीं यह कुल्हाड़ी मेरी नहीं है

देवदूत ने फिर से पानी में डुबकी लगाई और इस बार वह अपने साथ चांदी की कुल्हाड़ी लेकर ऊपर आया और उसने फिर से एक बार लकड़हारे से पूछा कि क्या यह चांदी की कुल्हाड़ी तुम्हारी है लेकिन लकड़हारे ने कहा कि यह चांदी की कुल्हाड़ी भी मेरी नहीं है

किस के बाद देवदूत ने फिर से एक बार नदी में डुबकी लगाई और इस बार उसने वही कुल्हाड़ी लेकर आई जो उस लकड़हारे की थी

पानी से बाहर आने के बाद उसने पूछा क्या यह तुम्हारी कुल्हाड़ी है तब लकड़हारा बहुत खुश हो गया और उसने कहा कि हां यही मेरी कुल्हाड़ी है

देवदूत उस इमानदार निहारे की इमानदारी देखकर बहुत ज्यादा प्रसन्न हुआ. उसने लकड़हारे को उसकी कुल्हाड़ी दे दी और उसके साथ ही इनाम के तौर पर सोने और चांदी की कुल्हाड़ी भी उसको दे दी

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इस कहानी से हमको क्या सीख मिलती है

Moral of this Story

जैसा की दोस्तों आप लोगों ने देखा कि लकड़हारे के पास देवदूत ने सोने की चांदी की कुल्हाड़ी लेकर आया लेकिन लकड़हारे ने अपनी ईमानदारी बिल्कुल भी नहीं छोड़ी और उसने वह सोने और चांदी की कुल्हाड़ी बिल्कुल भी नहीं कहा कि यह कुल्हाड़ी मेरी है

अगर कोई लालची इंसान होता तब वह सोने की कुल्हाड़ी को अपना कह सकता था. लेकिन ईमानदार लकड़हारे ने ऐसा बिल्कुल भी नहीं किया वह अपनी ईमानदारी पर टिका हुआ था और इसलिए उसने कहा कि यह सोने चांदी की कुल्हाड़ी मेरी नहीं है

और उसने अपना लोहे की कुल्हाड़ी को ही स्वीकारा. और लकड़हारे की ईमानदारी की वजह से उसको सोने और चांदी की कुल्हाड़ी देवदूत ने इनाम के तौर पर दे दिया

लेकिन शायद अगर वह झूठ बोल कर सोने की कुल्हाड़ी रखने की कोशिश करता तो हो सकता है कि देवदूत उसे वह सोने की कुल्हाड़ी बिल्कुल नहीं देता

इसलिए इस कहानी से हम लोगों को यह सीख मिलती है कि इमानदारी से बढ़कर दुनिया में और कुछ नहीं है यदि आप ईमानदार रहेंगे तो आपको जीवन में उम्मीद से ज्यादा मिल सकता है

चाहे जीवन में कितनी भी बुरी परिस्थिति हो जाए आप को अपनी ईमानदारी पर टिका रहना है और आपको बहुत अच्छा फल मिलेगा

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आपकी और दोस्तों

दोस्तों यह था ईमानदार लकड़हारे की कहानी ( सोने की कुल्हाड़ी की स्टोरी ) हम उम्मीद करते हैं कि आज की यह स्टोरी पढ़कर आपको जरूर पता चल गया होगा कि इमानदारी कितनी ज्यादा जरूरी होती है

यदि आपको हमारी यह स्टोरी पसंद आई हो तो कृपया करके इस कहानी को ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ फेसबुक WhatsApp ट्विटर और गूगल प्लस पर शेयर करें ताकि सबको पता चल जाएगी इमानदारी से बढ़कर कोई चीज नहीं होती है धन्यवाद दोस्तों

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