होली पर निबंध | Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध – नमस्कार दोस्तों क्या आप होली पर निबंध या holi essay in hindi ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर हो क्योंकि आज हम आपके साथ होली त्यौहार पर निबंध शेयर करने वाले हैं जोकि विद्यार्थियों को बहुत ज्यादा लाभदायक साबित होगी

होली का त्योहार भारत में दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है दिवाली के बाद और होली पर्व का इंतजार हर कोई करता रहता है बड़ी बेसब्री से और उनको लगता है कि होली कब आए और हम होली कैसे मनाए.

आज के इस लेख में हम आपके साथ एस्से ऑन होली शेयर करने वाले हैं और हम उम्मीद करते हैं कि आज का यह निबंध पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगेगा तो चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम सीधे अपने मेन मुद्दे पर आते हैं और देखते हैं होली त्योहार पर निबंध.

पढ़े – दिवाली पर निबंध

होली पर निबंध

Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi

होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार माना जाता है होली के त्यौहार के दिन हर कोई बहुत ज्यादा खुश रहता है और भारत में गोली को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है

होली का त्योहार एकता मिलन और पवित्र प्रेम का प्रतीक होता है. इस त्यौहार को गांव में किसान लोग बड़े ही हर्ष के साथ मनाते हैं क्योंकि जब होली का त्यौहार आता है तो किसानों की वर्ष भर का परिश्रम खत्म हो जाता है क्योंकि इस समय पर उनकी उगाई गई फसल पक कर तैयार हो जाती है

वे अपनी फसल को देख कर बहुत ज्यादा खुश होते हैं क्योंकि उनकी साल भर की मेहनत रंग लाती है और सभी किसान मिलजुल कर एक दूसरे के साथ इंजॉय करते हैं और नाचते गाते हैं

पढ़े – रक्षाबंधन पर निबंध

होली के 1 दिन पहले हर कोई होलिका जलाता है और उस दिन लोग बाग एक जगह पर एकत्रित होकर होलिका को जलाने के लिए बड़े उत्सुक रहते हैं

होली से संबंधित एक कहानी बहुत प्रसिद्ध है दैत्यराज का पुत्र प्रह्लाद भगवान का परम भक्त था. लेकिन पिता दैत्यराज नाशिक था

उसके पिता ने प्रह्लाद को कई बार भगवान का नाम लेने से बहुत ज्यादा मना करते थे लेकिन इसके बावजूद प्रह्लाद भगवान का नाम लेना नहीं छोड़ता था

यहां तक कि उसके पिता ने उसे जान से मरवा डालने की कोशिश भी की परंतु ईश्वर भक्त प्रह्लाद अपने पथ से विचलित नहीं हुआ और अंत में उसके पिताजी ने उसे अपनी बहन होलिका की गोद में बिठा कर आग लगा दी

होलिका को वरदान था कि वह आग में नहीं जलता सकती है परंतु परिणाम उल्टा हुआ होलिका जलकर राख हो गई जबकि प्रह्लाद का बाल भी बांका नहीं हुआ

अंत में होली को अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक माना जाता है और तभी से इस घटना की याद में रात को होली जलाई जाती है

और इसी के अगले दिन हम लोग होली का त्योहार मनाते हैं और होली के दिन लगभग दोपहर के 2:00 3:00 बजे तक और गुलाल से हम लोग होली खेलते हैं

होली का त्योहार बूढ़े बच्चे लड़का-लड़की औरत आदमी हर कोई मनाता है और इस दिन लोग बाद बहुत ज्यादा खुश रहते हैं और अपने रिश्तेदारों के साथ अपने घर परिवार वालों के साथ होली का त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाते हैं

कुछ लोग गुलाल या रंग के स्थान पर चंदन का टीका लगाते हैं तथा आपस में गले मिलकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं

होली के दिन हर कोई रास्ते में आंगन में गली मोहल्ले में नाचते गाते दिखाई देते हैं. होली के दिन हर कोई अपने घर में अच्छे-अच्छे पकवान बनाते हैं और उसको बड़े ही चाव से खाते हैं और साथ ही साथ अपने आस पड़ोस के लोगों को पकाए गए पकवान को बांटते हैं

होली का त्यौहार मानो एक ऐसा त्यौहार है जिसमें हम दुश्मनी को खत्म करते हैं और प्रेम मोहब्बत से जीने की कोशिश करते हैं जिस तरीके से हम होली में लाल पीले हरे नीले रंग एक दूसरे को लगाते हैं तो हम चाहते हैं कि जब हम उस रंग को अपने शरीर से निकाले तो हमारे मन से सारी छल कपट और जलन गुस्सा सब कुछ निकल जाए

इसलिए पूरे भारत में होली का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं क्योंकि यह त्यौहार को एक पवित्र त्यौहार माना जाता है और हम अपने जीवन में अलग-अलग रंगों की तरह एक दूसरे से प्रेम मोहब्बत से रहने के बारे में सीखते हैं

आपकी और दोस्तों

दोस्तों यह था होली पर निबंध (Holi Essay in HIndi), हम उम्मीद करते हैं कि होली का निबंध पढ़कर आपको बहुत अच्छा लगा होगा और आप सभी विद्यार्थी इस निबंध का भरपूर उपयोग कर पाएंगे

अगर आपको हमारा यह होली निबंध अच्छा लगा हो तो कृपया करके इसे दूसरे विद्यार्थियों के साथ और अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करें. शेयर करने के लिए आप इस निबंध को Facebook WhatsApp Twitter और Google plus पर ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि ज्यादा से ज्यादा विद्यार्थियों को होली पर निबंध लिखने में कोई भी प्रॉब्लम ना हो धन्यवाद दोस्तों

 

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *