अकल बड़ी या भैंस पर कहानी स्टोरी

अकल बड़ी या भैंस पर कहानी स्टोरी  – नमस्कार दोस्त कैसे हो आप लोग आज हम आपके साथ एक बहुत ही अच्छी कहानी शेयर करने जा रहे हैं और इस कहानी का टॉपिक है अकल बड़ी या भैंस, दोस्तों यह बहुत ही पॉपुलर हिंदी स्टोरी है जिसको पढ़कर आपको यह बात पता चल जाएगा कि अकल बड़ी होती है या भैंस बड़ा होता है.

कोई कहता है कि अकल भैंस से बड़ी होती है, और कोई कहता है की भैंस का साइज़ तो बहुत बड़ा होता है तो इसलिए भैंस अकल से बड़ी होती है. लेकिन बहुत लोगों को इसका सही उत्तर अभी भी पता नहीं है और आज की उस पानी की मदद से हम आपको बताएंगे कि वाकई में क्या बड़ा होता है.

दोस्तों हम आपसे यह गुजारिश करेंगे कि आप इस पोस्ट को पूरे अंत तक पढ़े ताकि आपको यह हिंदी स्टोरी अच्छे से समझ में आ जाए. चलिए दोस्तों ज्यादा समय बर्बाद ना करते हुए हम आज की कहानी की शुरुआत करते हैं.

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अकल बड़ी या भैंस कहानी स्टोरी

Akal Badi Ya Bhains Kahani Story

किसी नदी के किनारे एक बहुत बड़ा जामुन का पेड़ था. उस जामुन के पेड़ पर एक बंदर रहता था. वह हर रोज जामुन के पेड़ से मीठे-मीठे जामुन खा कर अपना पेट भर लिया करता था.

पेड़ के पास की नदी में एक बहुत बड़ा मगरमच्छ रहता था. वह दोनों पड़ोसी से इसलिए दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी. जब कभी भी बंदर पेड़ से जामुन तोड़कर खाता जो वह अपने दोस्त मगरमच्छ के लिए भी थोड़े जामुन दे देता और मगरमच्छ वह जामुन को बहुत मजे से खाता.

मीठे जामुन खा कर मगरमच्छ बंदर को बहुत-बहुत धन्यवाद बोलता और इस प्रकार उनकी दोस्ती धीरे-धीरे बहुत अच्छी होती चली गई. एक दिन मगरमच्छ कुछ मीठे जामुन अपनी पत्नी के लिए घर पर ले गया.

मगरमच्छ की पत्नी इतने ज्यादा मीठे जामुन कभी भी खाली नहीं थे तब मगरमच्छ से उसने पूछा कि आप इतने मीठे जामुन कहां से ले कर आए हो. तब मगरमच्छ ने अपनी पत्नी को कहा कि उसका एक मित्र बंदर है जो उसको हर रोज थोड़े मीठे जामुन खाने के लिए दे देता है.

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यह बात सुनकर मगरमच्छ की पत्नी के दिमाग में एक बात आई और उसने सोचा कि जो बंदर हर दिन इतने मीठे जामुन खाता है तब उसका कलेजा कितना ज्यादा मीठा होगा और स्वादिष्ट होगा.

उसके बाद एक दिन मगरमच्छ की पत्नी ने अपने पति से कहा कि 1 दिन अपने मित्र बंदर को हमारे घर लेकर आओ और मैं उसका मीठा कलेजा खाना चाहती हूं.

अगले दिन मगरमच्छ बंदर से जाकर बोलता है कि अरे बंदर दोस्त आज तुम्हारी भाभी ने तुमको घर पर आने के लिए निमंत्रण दिया है और आज तुम मेरे साथ हमारे घर चलो. लेकिन बंदर ने कहा कि मुझे को तैरना आता ही नहीं है और मैं नदी पार कैसे करूंगा.

इस बात पर मगरमच्छ ने कहा कि अरे बंदर तुम मेरे दोस्त हो और मैं तुम्हारी मदद करूंगा इसलिए तुमको फिक्र और चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. तुम को तैरना नहीं आता है तो क्या हुआ मैं तुमको अपनी पीठ पर बिठाकर नदी को पार करवा दूंगा.

क्योंकि बंदर और मगरमच्छ के बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी तब बंदर ने मगरमच्छ का कहना मान लिया और मगरमच्छ की पीठ पर बैठ कर चल दिया. लेकिन कुछ दूर जाते हैं रास्ते में मगरमच्छ से रहा नहीं गया और उसने बंदर को सब कुछ सच-सच बता दिया कि उसकी बीवी उसका कलेजा खाना चाहती है और इसीलिए मैं तुम को हमारे घर ले जा रहा हूं.

यह बात सुनकर बंदर समझ गया कि मेरी जान खतरे पर है लेकिन इस समय पर बंदर ने अपना धैर्य नहीं खोया और बिल्कुल बुद्धिमानी से काम लिया और उसने मगरमच्छ से कहा कि अरे यार तुमने पहले क्यों नहीं बताया कि तुम्हारी पत्नी मेरा कलेजा खाना चाहती है.

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मैंने तो अपना कलेजा पेड़ पर ही छोड़ कर आ गया हूं, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है मैं तुम्हारी पत्नी का मन तोड़ना नहीं चाहता हूं. एक काम करो तुम मुझ को फिर से जामुन के पेड़ पर ले जाओ और वहां से मैं अपना कलेजा लेकर तुम्हारे साथ आऊंगा.

यह बात सुनकर मगरमच्छ बंदर को पेड़ से जामुन की पेड़ की तरफ ले कर चला गया. जैसे ही वह लोग जामुन के पेड़ के निकट पहुंचे तब बंदर कूद कर बहुत जल्दी जामुन के पेड़ पर चढ़ गया. और उसने मगरमच्छ से बोला कि तुम तो एकदम पागल मुर्ख और बेवकूफ हो.

क्या तुमको इतना पता नहीं है कि कोई भी अपना कलेजा बाहर निकालकर दे सकता है क्या. निराश होकर मगरमच्छ अपने घर चला गया और बंदर ने अपनी बुद्धि का इस्तेमाल करते हुए अपने प्राण को बचा लिया

शिक्षा– दोस्तों इस हिंदी कहानी से हम लोगों को यह शिक्षा मिलती है कि हम को कभी भी मुसीबत के समय पर अपना धर्य खोना नहीं चाहिए और हमेशा दिमाग से काम लेना चाहिए.

आपकी और दोस्तों

दोस्तों यह था अकल बड़ी या भैंस पर हिंदी कहानी हम उम्मीद करते हैं कि आज की यह स्टोरी पढ़कर आपको पता चल गया होगा कि असल में क्या बड़ा होता है. यदि आप लोगों को हमारी यह कहानी पसंद आई हो तो कृपया करके इस कहानी को अपने दोस्तों के साथ और घर परिवार वालों के साथ जरुर शेयर करें और ऐसे ही नए-नए हिंदी कहानियां पढ़ने के लिए आप नियमित रूप से हमारे ब्लॉग पर आया करें. धन्यवाद दोस्तों

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